Hindi Diwas 2023 Importance Of Hindi Language: हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी हमारे देश की राजभाषा है अर्थात राज्यों के कामकाज में प्रयोग की जाने वाली भाषा। 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा मिला। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिंदी को एक विशेष स्थान प्राप्त है। देश में 14 सितंबर 1953 को पहला हिन्दी दिवस मनाया गया था।
हिन्दी, केवल एक भाषा के रूप में भारत की पहचान नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। दुनिया भर में हिन्दी समझने और बोलने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद है। साल 2019 में हिन्दी, विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बनी। यह भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही ग्यारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है।
हिन्दी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। हिन्दी की प्रमुख बोलियों में कई भाषाएं शामिल हैं, जिनमें मगधी, मारवाड़ी, छत्तीसगढ़ी, हरियाणवी, गढ़वाली, कुमांऊनी, ब्रजभाषा और भोजपुरी मुख्य हैं। सभी भारतीय भाषाओं में हिन्दी, विभिन्न भाषाओं के उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रही है।
भक्तिकाल, हिन्दी काव्य का स्वर्ण युग
हिन्दी का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है, हिन्दी भाषा के इतिहास की बात करें तो हिन्दी साहित्य का आरंभ आठवीं शताब्दी से माना जाता है। हिन्दी भाषा चार अलग-अलग कालों में से होकर गुजरी, जिनमें मुख्य रूप से आदिकाल (1000-1300 ई), भक्तिकाल ( 1300-1650 ई). रीतिकाल (1650-1850 ई), आधुनिककाल (1850 से लेकर अबतक) शामिल हैं। इनमें से भक्तिकाल को हिन्दी काव्य का स्वर्ण युग कहा जाता है।
संचार माध्यमों में हिन्दी का उपयोग
हालांकि आज इंटरनेट जगत की बात करें तो यहां अंग्रेजी के अलावा, विभिन्न भाषाओं के साथ ही साथ अब हिन्दी में भी खोज सरल हो गई है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिन्दी का उपयोग निरंतर बढ़ रहा है। ये प्रयास काफी सराहनीय है लेकिन इसके बावजूद कुछ प्रश्न मन में आते हैं कि क्या इन प्रयासों की वजह से हिन्दी बोलने, लिखने और पढ़ने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है? हिन्दी विकल्प के होते हुए भी लोग अंग्रेजी का प्रयोग हिन्दी की तुलना में ज्यादा करते हैं। हिन्दी भाषा को महत्व देने की जितनी भी बातें की जाती हैं, वह केवल सितंबर माह में 14 तारीख तक ही सीमित न रह जाए, इसके लिए प्रयासों की जरूरत है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना
इन प्रयासों के रूप में हिन्दी दिवस के अवसर पर सरकारी विभागों में हिन्दी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। साथ ही हिन्दी प्रोत्साहन सप्ताह का आयोजन किया जाता है। हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनेक पुरस्कार योजनाएं भी शुरू की है। सरकार द्वारा हिन्दी में अच्छे कार्य के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना के अंतर्गत शील्ड प्रदान की जाती है। हिन्दी में लेखन के लिए राजभाषा गौरव पुरस्कार का प्रावधान है। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान में हिन्दी में पुस्तक लेखन को प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार पुरस्कार प्रदान करती है। इन प्रोत्साहन योजनाओं से हिन्दी के विस्तार को बढ़ावा अवश्य मिलेगा।
हिन्दी के महत्व को गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने बड़े सुंदर रूप में प्रस्तुत किया था, और कहा था, 'भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिन्दी महानदी'। हिन्दी के इसी महत्व को देखते हुए हिन्दी को आत्मसात करने की जरूरत है, ताकि देश की प्रगति में हिन्दी बोली बोलने वाली ग्रामीण जनसंख्या सहित प्रत्येक जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।