Hindi Diwas 2024 Quotes By Famous Personalities: हिन्दी की पहचान भारत में केवल एक भाषा के तौर पर नहीं है। हिंदी भाषा भले ही भारत में बोली जाने वाली एकमात्र भाषा न हो, लेकिन इसे राजकीय भाषा का दर्जा जरूर हासिल है। किसी ने क्या खूब कहा है कि भाषा वहीं जीवित रहती है, जहां जनता इसका उपयोग करती है।
भारत के हर राज्य की अपनी एक क्षेत्रीय भाषा है और संस्कृति भी। जैसे कि दक्षिण भारत के राज्यों में देखा जाए तो कन्नड़, मलयालम, तेलुगू, तमिल और भी कई भाषाएं बोली जाती हैं। 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा मिला। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिन्दी को एक विशेष स्थान प्राप्त है। देश में 14 सितंबर 1953 को पहला हिन्दी दिवस मनाया गया था।
हिन्दी, केवल एक भाषा के रूप में भारत की पहचान नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। दुनिया भर में हिन्दी समझने और बोलने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद है। साल 2019 में हिन्दी, विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बनी। यह भारत संघ की राजभाषा होने के साथ ही ग्यारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है।
हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?
देश में प्रत्येक वर्ष 14 सिंतबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कई शिक्षण संस्थान, कार्यालयों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा हिन्दी भाषा की लोकप्रियता का उत्सव मनाने के लिए इस दिन को त्योहार के रूप में मनाया जाता है। कई जगहों में हिन्दी दिवस / हिन्दी सप्ताह और हिन्दी पखवाड़ा आयोजित कर हिन्दी भाषा के महत्व पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
देश में विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के अलावा सबसे अधिक प्रचलित भारतीय भाषाओं में हिन्दी शीर्ष पर है। इतना ही नहीं दुनिया भर में अंग्रेजी और मंदारियन भाषा के बाद हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व के 600 मिलियन लोग अपनी पहली भाषा के रूप में हिन्दी बोलते हैं। हालांकि विश्व भर में हिन्दी को मिले मान और सम्मान के बावजूद देश में हिन्दी केवल राज्यभाषा के रूप में ही स्वीकार्य है। साहित्य जगत से जुड़े कई विद्वान आज भी हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
शिक्षा में भारतीय भाषा का उपयोग
आज शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं के महत्व को जीवित रखने के लिए सरकार द्वारा तमाम प्रयास चलाए जा रहे हैं। भर्ती आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली कई प्रतियोगी परीक्षाओं और केंद्र स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं में विभिन्न भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए परीक्षा में मातृ भाषा के उपयोग को स्वीकृति दी गई है।
एक अनुमान के मुताबिक, हर साल देश में आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं में भाग लेने वाले लगभग 60 प्रतिशत बच्चे अपना पेपर हिन्दी भाषा में देते हैं। केंद्र सरकार लगातार उच्च शिक्षा जैसे चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रबंधन के साथ ही साथ अन्य स्नातक पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा को महत्व देने के लिए प्रयास कर रही है। उच्च शिक्षा में हिन्दी को अब केवल एक वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं जाना जाता है।
आइए हिन्दी दिवस के अवसर पर जानते हैं, देश के महान व्यक्तियों ने हिन्दी भाषा को अपने शब्दों में कैसे वर्णित किया।
हिंदी दिवस 2024: देश के इन महान व्यक्तियों के प्रसिद्ध उद्धरण (Hindi Diwas Quotes By Famous Personalities)
1. "हिंदी के बिना मैं गूंगा हूं" - महात्मा गांधी
2. "मैं उन लोगों में से हूं, जो ये चाहते हैं और जिनका विचार है, कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।" - बाल गंगाधर तिलक
3. "राष्ट्रभाषा के बिना स्वतंत्रता निरर्थक है।" - अवनींद्र कुमार विद्यालंकार
4. "अकबर से लेकर औरंगजेब तक, मुगलों ने जिस भाषा का स्वागत किया वो ब्रजभाषा थी।" - रामचन्द्र शुक्ल
5. "हिन्दी ही राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांध सकती है।" - बालकृष्ण शर्मा नवीन
6. "देश को एक सूत्र में बांधने के लिए एक भाषा की आवश्यकता है।" - सेठ गोविंददास
7. "हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है।" - कमला पति त्रिपाठी
8. "भारतीय संस्कृति एवं साहित्य में हिन्दी का योगदान अतुलनीय है।" - सम्पूर्णानन्द
9. "केवल वही भाषा जीवित रहेगी, जो जनता का उसके शब्दों में प्रतिनिधित्व कर सके।" - पीर मुहम्मद यूनी
10. "भाषा विचारों की प्रेरणा है।" - डॉ. जॉनसन
11. हिन्दी के महत्व को गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने बड़े सुंदर रूप में प्रस्तुत किया था, और कहा था, 'भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिन्दी महानदी' है।
12. "हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी।" - सी. राजगोपालाचारी
13. "प्रान्तीय ईर्ष्या-द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिन्दी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती।" - सुभाषचंद्र बोस
14. "हमारी नागरी लिपि दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है" - राहुल सांकृत्यायन
15. "हिन्दी आम बोलचाल की 'महाभाषा' है" - जॉर्ज ग्रियर्सन
16. "देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता स्वयं सिद्ध है" - महावीर प्रसाद द्विवेदी
17. "हिन्दी साहित्य की नकल पर कोई साहित्य तैयार नहीं होता" - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
18. "हिंदी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है।" - माखनलाल चतुर्वेदी
19. "निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।" - भारतेंदु हरिश्चंद्र
20. "हिंदी बोलचाल की महाभाषा है।" जॉर्ज ग्रियर्सन