भारत में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। उसमें से एक भाषा हिंदी है। जो पूरे भारत में सबसे अधिक उत्तर भारत के राज्यों में बोली जाती है। 14 सितंबर 1949 में सविंधान सभा ने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था। इसी दिन यानी 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया। पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया है। इस दिन हर साल भारत के हिंदी साहित्यकार कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। कई हिंदी के विद्वान हैं जिनकी पुस्तकें आपकों अपने शब्दों में डुबने के लिए मजबूर करती है। आइए जाने हिंदी दिवस पर हिंदी की सबसे बेहतरीन क्लासिक किताबों के बारे में जो आप जो सभी को पढ़नी चाहिए।
टॉप 20 हिंदी क्लासिक किताबें
1) मैला आंचल- फणीश्वर नाथ रेणु
मैला आंचल एक बेस्ट उपन्यास है। जिसकी कहानी पर एक डॉक्टर पर आधारित है और इस उपन्यास पर दूरदर्शन ने एक टीवी सीरियल भी बनाया था।
2) निर्मला- प्रेमचंद्र
प्रेमचंद भारत के सबसे मशहुर हिंदी साहित्य के लेखकों में से एक अपने उपन्यासों के लिए काफी फेमस हैं। ये एक लड़की की कहानी है जिसकी शादि एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से होती है।
3) कितने पाकिस्तान- कमलेश्वर
कितने पाकिस्तान भारत के विभाजन की कहानी है। इस उपन्यास के लिए कमलेश्वर को 2003 में साहित्य एकेडमी अवार्ड से नवाजा गया है।
4) राग दरबारी- श्री लाल शुक्ला
राग दरबारी हास्य-व्यंग्य पर आधारित किताब है। इस किताब में व्यवस्था, सरकार और व्यक्ति विशेष के स्वभाव पर व्यंग्य किया गया है। इस पुस्तक को भी साहिस्य एकेडमी अवॉर्ड से नवाजा गया है।
5) तमस- भीष्म साहनी
ये किताब सांप्रदायिक दंगों पर लिखि गई है। इस किताब में देश के विभाजन से पहले के समय के बारे में दिया गया है।
6)गुनाहों का देवता (धर्मवीर भारती)
गुनाहों का देवता प्रेम, समर्पण और समाजिक बंधनो पर लिथि हुई किताब है। जिसे बहुत खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया है।
7) रश्मिरथी (रामधारी सिंह दिनकर)
रश्मिरथी किताब कर्ण के जीवन को प्रदर्शित करती है। इस किताब के माध्यम से महाभारत में कर्ण के जीवन का दिखाया गया है।
8) मधुशाला (हरिवंश राय बच्चन द्वारा)
ये उपन्यास जीवन की जटिलताओं को दिखाता है। इस किताब में कई यात्रों के बारे में लिआ गया है और सभी यात्राएं मधुशाला शब्द पर आकर ही खत्म होती है।
9) नदी के द्विप (अज्ञेय)
इस उपन्यास में यौन संबंधों को मुख्य केंद्र बनाकर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। इस उपन्यास के सभी किरदार आत्मंथन करते और अपने में ही जीना पसंद करते हैं।
10) गोदान (प्रेमचंद्र)
गोदान प्रेमचंद्रा का अंतिम उपन्यास है इस उपन्यास की पूरी कहानी होरी के आस पास घूमती रहती है। इस कहानी को जब आप पढ़ेंगे तो आपको अपने आपको इसमे पूरा डूबा हुआ महसूस करेंगे।
11) मुझे चांद चाहिए (सुरेंद्र वर्मा)
ये एक महत्वकांक्षाओं से भरी लड़की की कहानी है जिसका नाम वर्षा है। जो कई परेशानियों को झेलते हुए भी आगे बढ़ती रहती है और अपने सपनों को पूरा करना चहती है। इस उपन्यास में दिखाया गया है कि एक टीचर किस तरह है से आपकी जिंदगी बदल सकती है।
12) सूरज का संतवा घोड़ा (धर्मवीर भारती)
ये उपन्यास एक मौलिक उपन्यास है। इसमें कई छोटी- छोटी कहानियां है जिसे अंत में एक हो जाती है। इस तरह का अंत इस उपन्यास को खास बनाता है।
13) आधा गांव (राही मासूम रजा)
इस उपन्यास को यूपी के छोटे गांव को केंद्र मान कर लिखा गया है। इस उपन्यास में भआरत के विभाजन को दर्शाया गया है।
14) ...और अंत में पृथ्वी (उदय प्रकाश)
इस उपन्यास में 4 आत्मकथा, 2 कहानियां और 13 छोटे किस्सों में बांटा गया है। ये कहानियों का एक संग्रह है। जिसमें धोखा, प्रेम, शत्रुता बमारी, नौकरी और मृत्यू दिखाई गई है।
15) काशी का अस्सी (काशीनाथ सिंह)
इस किताब में अस्सी घाट और वाराणस से जुड़ी पांच कहानियां दी गई है। इस उपन्यास में 1990 के दशक की राजनीति और सामाजिक व्यवस्था के बारे में बताया गया है।
16) विभाजित बंटी (मन्नू भंडारी)
यह 9 साल के बंटी की कहानी है जिसके माता-पिता तलाक ले रहे होते हैं और वह उस परिस्थिति से निपटने का प्रायास कर रहा होता है।
17) पिंजरा (अमृता प्रीतम)
पिंजरा भारत के विभाजन की कहानी पर बनाई गई है। इस कहानी के अनुसार पूरो नाम की लड़की को राशिद नाम का व्यक्ति अपने घर में बंद कर लेता है वह मौका देख कर वहां से भाग निकलती है लेकिन उसका परिवार उसे अपनाने से इनकार कर देता है और उसके बाद विभाजन के दौरान इन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस उपन्यास पर फिल्म भी बनाई गई है।
18) पूछो परसी से (हरिशंकर परसी)
ये उपन्यास व्यंग और ठिठोलियों से भरा हुआ उपन्यास है। इसमें दुनिया, कूटनीति, राजनीति और नीतियों आदि के बारे में लिखा गया है।
19)आषाढ़ का एक दिन (मोहन राकेश)
यह आधुनिक हिंदी नाटक के रूप में माना जाता है। इस किताब की पूरी कहानी कालिदास और उनकी प्रेमिका के आस पास घुमती रहती है।
20) टोपी शुक्ला (राही मासूम रजा)
टोपी शुक्ला दो अलग धर्म के बच्चों की कहानी है। इस कहानी में धर्म के आधार पर भरी गई नफरत को दर्शाया गया है।