Happy New Year 2023: इन क्रांतिकारी बदलावों के लिए याद रहेगा साल 2022

Happy New Year 2023: अमेरिकी मशहूर इंजीनियर‚ व्यापारी और 186 पेटेंट के धारक चार्ल्स एफ केटिरंग ने कभी कहा था कि दुनिया बदलाव से नफरत करती है‚ मगर यही एक ऐसी चीज है‚ जिससे तरक्की सुनिश्चित होती है।

Happy New Year 2023: अमेरिकी मशहूर इंजीनियर‚ व्यापारी और 186 पेटेंट के धारक चार्ल्स एफ केटिरंग ने कभी कहा था कि दुनिया बदलाव से नफरत करती है‚ मगर यही एक ऐसी चीज है‚ जिससे तरक्की सुनिश्चित होती है। लगभग चार सौ करोड़ सालों की धरती का इतिहास इसी बदलाव की कहानी है। हम और हमारी धरती ही नहीं‚ पूरा ब्रह्मांड रोज ही कुछ न कुछ बदल जाता है। यूनिवर्स का एकमात्र स्थायी तत्व बदलाव है। इसी बदलाव की कड़ी में हर इकत्तीस दिसम्बर के बारह बजे के बाद एक नये साल का बदल जाना भी शामिल है। इस साल भी ऐसा ही होगा‚ जब हम बारह बजे के बाद नये साल में दाखिल होंगे। मगर 2022 में हुए कई बदलाव अगले साल होने वाले बदलावों की बुनियाद बनेंगे। ऐसे में जरूरी है कि उन जरूरी बदलावों का एक बार फिर से मुआयना किया जाए जिनसे हमारी जिंदगी‚ समाज और देश पर गहरे असर पड़ने वाले हैं।

Happy New Year 2023: बीते साल में हुए ये क्रांतिकारी बदलाव

'सोलोगैमी' से बदल रहा समाज
देश में पहली 'सोलोगैमी' भारतीय समाज लगातार बदल रहा है। जीने की संस्कृति में बदलाव आ रहा है। कभी स्तब्ध कर देने वाली लिव-इन की धारणा जहां बड़े-बड़े शहरों में अब आलोचनाओं से बाहर होने लगी है‚ वहीं 2022 में भारतीय समाज के लिए एक बिल्कुल नई धारणा ने दस्तक दे दी। 2022 के जून में शादी और परिवार व्यवस्था को लेकर इस नई धारणा से एक नई बहस छिड़ गई। बहस के केंद्र में 24 साल की वह लड़की थी‚ जिसने इस बात की सरेआम घोषणा कर दी थी कि उसने बिना किसी दुल्हे के अपने आप से शादी कर ली है। अपने आप से शादी करने के लिए क्षमा बिंदू नाम की उस लड़की ने अपने आस-पास के पंडितों से शादी कराने की गुहार लगाई। पंडितों ने जब इनकार कर दिया‚ तब गुजरात की क्षमा बिंदू खुद ही शादी कर हनीमून के लिए गोवा की रवाना हो गई। देश में 'सोलोगैमी' यानी 'आत्मविवाह' का यह पहला मामला था।

अंतरिक्ष में निजी रॉकेट
जिस दौर में भारतीय समाज पुराने और नये के संघर्ष और द्वंद्व से गुजर रहा है‚ उसमें इस तरह की एक बिल्कुल नई और क्रांतिकारी पहल आने वाले दिनों के लिए खास संकेत देती है। अंतरिक्ष में निजी रॉकेट स्पेस पावर बनने की दिशा में देश का यह एक अहम कदम है। पहली बार हुआ है कि प्राइवेट रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा गया। स्काईरूट एयरोस्पेस के रॉकेट विक्रम-एस ने पृथ्वी की कक्षा में कामयाबी के साथ छोटे-छोटे सैटेलाइट्स स्थापित कर दिए। इससे आने वाले समय में भारत के दुनिया की बड़े स्पेस इंडस्ट्री के रूप में उभरने की उम्मीद बढ़ गई है।

पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू ओडि़शा के मयूरभंज जिले के एक मामूली गांव की रहने वाली हैं। जंगलों के बीच जिंदगी बिताने वाली मुर्मू कई छोटे-बड़े सफर के साथ देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंच गई। वह भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं। इस पद पर पहुंचने वाली वह दूसरी महिला हैं‚ लेकिन पहली आदिवासी महिला हैं। उनके सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचना देश के 11 करोड़ से ज्यादा आदिवासियों में आत्मविश्वास से भर देगा‚ जिससे इस समुदाय को मुख्यधारा में दाखिल होने में सुविधा और सहजता होगी। यह भारतीय लोकतंत्र की रौशनी का जंगल के अंधेरे में प्रवेश करने का भी द्योतक है।

भारतीय मूल के सुनक ब्रिटेन के पीएम
जिस हिंदुस्तान पर अंग्रेजों ने कभी तकरीबन 200 सालों तक राज किया था‚ उसी की लोकतांत्रिक गद्दी पर 2022 में एक भारतीय विराजमान हो गया। ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले एशियाई और अश्वेत हैं। वह देश के मशहूर कारोबारी नारायणमूÌत के दामाद हैं। उनका ब्रिटेन का पीएम बनना वैश्वीकरण के लिहाज से भारत के महत्व का परिचायक है।

13 शहरों में 4-जी सेवा शुरू
साल 2022 के अक्टूबर में देश के 13 शहरों में 5-जी सेवा की शुरु आत हो गई। इससे उपभोक्ताओं को मिलने वाली तात्कालिक सुविधाओं में हाई स्पीड इंटरनेट‚ बेहतर वीडियो कॉलिंग‚ फास्ट डाउनलोडिंग स्पीड‚ कॉल ड्रॉप की समस्या का अंत‚ क्लियर ऑडियो जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। लेकिन‚ मेडिकल‚ इंजनीयिरिंग‚ स्पेस और शिक्षा क्षेत्र में इससे जबरदस्त बदलाव आएंगे। आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस और 5जी की मदद से मरीजों के डॉयगनौस्टिक और ट्रीटमेंट में बड़ा सुधार होगा; रोबोटिक सर्जरी हो सकेगी; टेलीमेडिसिन का विस्तार होगा; ग्रामीण इलाकों में भी वीडियो के जरिए बड़े डॉक्टर इलाज कर सकेंगे‚ जिससे एंबुलेंस पर मरीज को अस्पताल लाने के दौरान बचाया जा सकता है। इससे किस तरह के बदलाव आएंगे‚ इसे समझने के लिए इस बात को जान लेना ही काफी है कि ५जी का लॉन्च किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से ही हाई स्पीड इंटरनेट के सहारे यूरोप की एक कार को ड्राइव किया था।

बुझ गई 50 साल से जल रही ज्योति
अमर जवान ज्योति इंडिया गेट की नीचे पिछले पचास सालों से जल रही थी। उसे वहां से हटा दिया गया। इंडिया गेट के पास ही निर्मित नेशनल वॉर म्यूजियम की ज्योति में इसे मर्ज कर दिया गया। साथ ही‚ अमर जवान ज्योति का वजूद हमेशा के लिए खत्म हो गया है।

क्रिकेटरों के बीच मैच फीस बराबर
बीसीसीआई ने फैसला किया कि महिला और पुरु ष क्रिकेटरों के मैच की फीस को लेकर अब किसी तरह का कोई फासला नहीं होगा। इसके पहले पुरुष क्रिकेटरों को महिला क्रिकेटरों से बहुत ज़्यादा मैच फीस दी जाती थी। बीसीसीआई ने लिंगगत समानता की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए शानदार फैसला किया कि अब पुरु षवाची शब्द 'बैट्समैन' की जगह लिंग समानता को दर्शाने वाला शब्द 'बैटर' का इस्तेमाल किया जाएगा। दोनों ही फैसलों को तत्काल लागू कर दिया गया।

हिंदी में भी एमबीबीएस की पढ़ाई
मरीज को अपनी बीमारी और किए जा रहे इलाज के बारे में आम तौर पर ज्यादा जाकारी नहीं होती और इसका एक बड़ा कारण प्रिसक्रिप्शन और रिपोर्ट का अंग्रेजी में लिखा जाना रहा है। इसे तभी बदला जा सकता था‚ जब एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के अलावा हिंदी में भी हों। 2022 को इस बात के लिए भी याद किया जाएगा। देश में पहली बार इस बात का ऐलान किया गया कि एमबीबीएस की पढ़ाई अब हिंदी माध्यम में भी होगी। मध्य प्रदेश में तो डॉक्टरों की ओर से हिंदी में पर्चा लिखने की शुरु आत भी हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण
साल 2022 को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के सीधा प्रसारण के लिए भी याद किया जाएगा। दर्शकों ने पहली बार कोर्टरूम में होने वाली बहसों और गतिविधियों को सीधे घटते हुए देखा। संविधान पीठ (पांच जजों की बेंच) में होने वाली सुनवाई का सीधा प्रसारण मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के अवकाश ग्रहण करने से ठीक पहले 26 अगस्त 2022 से शुरू हुआ। हालांकि‚ सुप्रीम कोर्ट से पहले गुजरात और कर्नाटक हाई कोर्ट की कार्यवाहियों को यूट्यूब पर दिखाया जाना लगा था। लेकिन‚ अब देश की सबसे बड़ी अदालत से अहम मामलों का सीधा प्रसारण किया जा रहा है।

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English summary
Happy New Year 2023: American famous engineer, businessman and holder of 186 patents, Charles F. Kettering once said that the world hates change, but this is the only thing that ensures progress. The history of the earth of about 400 crore years is the story of this change. Not only us and our earth, the whole universe changes something or the other everyday. The only constant element of the Universe is change. In this chain of change, the change of a new year is also included after twelve o'clock of every 31st December. It will be the same this year too when we enter the new year after twelve o'clock. But many changes in 2022 will become the foundation of the changes that will happen next year. In such a situation, it is necessary to re-examine those important changes which are going to have a deep impact on our life, society and country.
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