Happy New Year 2023: विदेश में शिक्षा महंगी, रियल एस्टेट में बूम

Happy New Year 2023: बीता साल जाने को है और नया साल 2023 आने को है। पूरे साल रुपए और डॉलर में रेस लगती रही। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट से जहां विदेश में शिक्षा प्राप्त करना महंगा हो गया है।

Happy New Year 2023: बीता साल जाने को है और नया साल 2023 आने को है। पूरे साल रुपए और डॉलर में रेस लगती रही। अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट से जहां विदेश में शिक्षा प्राप्त करना महंगा हो गया है वहीं इस गिरावट का असर देश के रियल एस्टेट उद्योग पर सकारात्मक रूप में पड़ने की उम्मीद जगी है। रुपए की कमजोरी और ड़ालर के मजबूत होने से अनिवासी भारतीयों को भारत में अपने पैसे की ज्यादा कीमत मिलेगी जिससे वे रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश बढ़ सकते हैं। आइए देखते हैं कि रुपए की गिरावट से देश में किस क्षेत्र पर क्या असर पड़ेगा।

Happy New Year 2023: विदेश में शिक्षा महंगी, रियल एस्टेट में बूम

रुपए की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट से कुछ क्षेत्रों को फायदा होने की उम्मीद है तो कुछ क्षेत्रों पर इस गिरावटका नकारात्मक असर होने की आशंका है। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से ड़ालर के मुकाबले रुपए की वैल्यू लगातार कम हो रही है। पिछले हफ्ते अमेरिकी मुद्रा के समक्ष भारतीय मुद्रा की कीमत 81.90 रुपए प्रति ड़ालर तक फिसल गई थी। रुपए की इस गिरावट से जहां विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी पड़े़गी वहीं अनिवासी भारतीयों द्वारा देश के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा रुपए की गिरावट आयातकों के लिए नुकसानदेह है जबकि निर्यातकों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो रही है। रुपए की गिरावट से विदेश यात्रा करने वालों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी पड़े़गी जबकि मोबाइल फोन समेत कई उत्पादों के दाम भी बढ़ सकते हैं।

विदेश में शिक्षा महंगी
अमेरिकी ड़ालर की तुलना में रुपए की कीमतें अब तक के न्यूनतम स्तर पर आने से विदेश में शिक्षा प्राप्त करना काफी महंगा हो गया है। वर्ष 2014 के दौरान विदेश में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को अगर उनके अभिभावकों द्वारा भारत से 62 हजार रुपए भेजे जाते थे तो उन छात्रों को अमेरिकी ड़ालर के रूप में लगभग एक हजार ड़ालर मिल जाते थे। उस समय ड़ालर-रुपया विनिमय दर 62 रुपए के आसपास चल रही थी। मौजूदा समय में विनिमय दर 82 रुपए के एकदम नजदीक है यानी अब अपने बच्चे को एक हजार ड़ालर भेजने के लिए अभिभावकों को लगभग 20 हजार रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।

रियल एस्टेट में आएगा बूम
रुûपया कमजोर होने से रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा हो सकता है। चूंकि अनिवासी भारतीयों को अब भारत में पैसे भेजने पर ज्यादा रकम मिल रही है इसलिए वे देश के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश के लिए प्रेरित हो सकते हैं। अगर रियल एस्टेट सेक्टर में भारी मात्रा में विदेशी निवेश आता है तो जाहिर है कि बड़़ी संख्या में आवासीय एवं व्यवसायिक प्रोजेक्ट शुरू होंगे। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेøगी और कीमतों में कुछ कमी आएगी। रुûपया टूटने से अनिवासी भारतीयों को अपने घर पैसे भेजने पर घर वालों को भी ज्यादा रकम मिल रही है। घर में ज्यादा रकम आने से लोग शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड़ जैसे वित्तीय उत्पादों में निवेश के प्रति लोग प्रेरित होंगे।

निर्यातकों की बल्ले-बल्ले
रुपया फिसलने का फायदा निर्यातकों को भी मिल रहा है। जिस समय ड़ालर की कीमत 70 रुपए प्रति ड़ालर चल रही थी उस समय निर्यातकों को विदेश से जो आर्ड़र मिले थे। उनका भुगतान अब जबकि ड़ालर की कीमत करीब 82 रुपए प्रति ड़ालर है तब प्राप्त हो रहा है तो ऐसे में निर्यातकों को ज्यादा रकम प्राप्त हो रही है। चूंकि निर्यात सौदे ड़ालर मूल्य में ही किएजाते हैं अतः निर्यातकों को ड़ालर की मजबूती का भरपूर लाभ मिल रहा है।

आयातकों को नुकसान
विदेश से सामान आयात करने वाले लोगों को ड़ालर की मजबूती से नुकसान हो रहा है। ड़ालर की कीमत जब 70 रुपए प्रति ड़ालर थी तो आयातकों को आयात की जाने वाली वस्तुओं के भुगतान के लिए प्रति एक हजार ड़ालर पर 70 हजार रुपए खर्च करने होते थे जबकि अब 82 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

मोबाइल व इलेक्ट्रानिक प्रोड़क्ट महंगे
मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पाद खरीदने वालों को रुपए की कमजोरी से नुकसान होने की आशंका है। चूंकि मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पादों में काफी मात्रा में विदेशी कलपुर्जे लगे होते हैं और इन कलपुर्जों का आयात महंगा होने से कंपनी मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पादों की कीमतों में खासा इजाफा कर सकती हैं।

विदेश यात्रा के लिए ज्यादा खर्च
जो लोग जाड़ों की छुट्टियों में विेदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं उनके लिए ड़ालर की मजबूती झटका देने वाली है। इन लोगों को अब विदेश में खर्च करने के लिए ज्यादा रकम अपने पास रखनी पड़ेगी।

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English summary
Happy New Year 2023: The past year is about to go and the new year 2023 is about to come. There was a race between rupee and dollar throughout the year. While the depreciation of the rupee against the US currency has made it costlier to pursue education abroad, the fall is expected to have a positive impact on the country's real estate industry. Due to the weakness of rupee and strengthening of dollar, NRIs will get more value for their money in India, which can increase their investment in the real estate sector. Let us see how the fall of the rupee will affect which sector in the country.
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