Happy Independence Day Wishes Shayari In Hindi: 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ, तब से हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री लाल किले पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते हैं। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण ऑनलाइन प्रसारित होगा। कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की थीम 2021 में 'फर्स्ट नेशन ऑलवेज फर्स्ट' रखी गई है। लोग एक दूसरे को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं, ऐसे में आप भी देशभक्ति शायरी कोट्स से लोगों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई दे सकते हैं। इसलिए हम आपके लिए 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की सबसे बेस्ट शायरी लेकर आये हैं, जिन्हें आप सोशल मीडिया पर शेयर कर देशवासियों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दे सकते हैं... तो आइये जानते हैं दुनिया के बड़े शायरों की देशभक्ति शायरी के बारे में...
भारत, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक 15 अगस्त, 2021 को अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत की लड़ाई 1987 में भारतीय विद्रोह के साथ शुरू हुई, जिसे भारतीय विद्रोह भी कहा जाता है। 1857 का। स्वतंत्रता सेनानियों, राजनीतिक नेताओं और नागरिकों द्वारा किए गए संघर्ष और बलिदान के वर्षों के बाद देश ने अंततः वर्ष 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानियों में नेता जी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मंगल पांडे, महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू, चंद्रशेखर आजाद और डॉ बाबासाहेब अंबेडकर शामिल हैं।
15 अगस्त हैप्पी इंडिपेंडेंस डे शायरी: Happy Independence Day Shayari In Hindi 2021
1: दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है
अफ़सर मेरठी
2: इतने कम-ज़र्फ़ नहीं हम जो बहकते जावें
मिस्ल-ए-गुल जावें जिधर जावें महकते जावें
दुल्हन बेगम
3: हम बहकते हुए आते हैं तिरे दरवाज़े
तेरे दरवाज़े बहकते हुए आते हैं हम
अहमद अता
4: दाम-बर-दोश फिरें चाहे वो गेसू बर-दोश
सैद बन बन के हमीं ने उन्हें सय्याद किया
सिराज लखनवी
5: हवा के दोश पे उड़ती हुई ख़बर तो सुनो
हवा की बात बहुत दूर जाने वाली है
हसन अख्तर जलील
6: इस से अच्छे दश्त-ए-सहरा इस से अच्छे गर्द-बाद
आलम-ए-वहशत में मेरा घर कोई घर रह गया
रियाज़ ख़ैराबादी
7: हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम
जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी
उबैदुल्लाह अलीम
8: ऐ इश्क़ मिरे दोश पे तू बोझ रख अपना
हर सर मुतहम्मिल नहीं इस बार-ए-गिराँ का
क़ाएम चाँदपुरी
9: हवा के दोश पर लगता है उड़ने
जो पत्ता टूट जाता है शजर से
बलवान सिंह आज़र
10: तेग़-बर-दोश सिपर हाथ में दामन गर्दाँ
ये बना सूरत-ए-ख़ूँ-ख़्वार कहाँ जाता है
मीर मोहम्मदी बेदार
नोट: यह सभी शायरी विभिन्न साइट्स से ली गई है...