Guru Gobind Singh Jayanti 2022: सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की आज 356वीं जयंती मनाई जा रही है। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 2022 के उपलक्ष पर बनारस के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी किया गया है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने आदेश जारी कर कहा है कि गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर इस बार 29 दिसंबर 2022 को वाराणसी जिले में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। इस दिन जिले के सभी स्कूल कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी विद्यालयों में अवकाश रहेगा। ऐसा पहली बार है जब गुरु गोबिंद सिंह जी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश दिया गया है। इस अवसर पर आइए जानते हैं गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य।
गुरु गोबिंद सिंह सिख धर्म के दसवें गुरु थे। गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती सिख समुदाय के लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह उनकी 356वीं जयंती होने जा रही है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने में संवत 1723 शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था। आज 29 दिसंबर 2022 को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जा रही है।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022 तारीख और समय
सप्तमी तिथि प्रारंभ - 28 दिसंबर 2022 को रात 08:44
सप्तमी तिथि समाप्त - 29 दिसंबर 2022 को शाम 07:17 बजे तक
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: महत्व
जूलियन कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना (बिहार) में हुआ था। जूलियन कैलेंडर अप्रचलित है और वर्तमान समय में कोई भी इसका उपयोग नहीं करता है। गुरु गोबिंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर थे जिन्हें औरंगजेब ने मार डाला था। गुरु गोबिंद सिंह की माता का नाम माता गुजरी था। औरंगजेब ने 1675 ईसवी में इस्लाम स्वीकार न करने के कारण अपने पिता गुरु तेग बहादुर का सिर कलम कर दिया। 1676 में गोबिंद सिंह को बैसाखी के दिन सिखों का दसवां गुरु घोषित किया गया था, जब वह 9 वर्ष के थे।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: इतिहास
जिस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था वह अब तख्त श्री हरिमंदर जी पटना साहिब है। 1670 में उनका परिवार फिर से पंजाब चला गया। मार्च 1672 में उनका परिवार हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों में स्थित चक नानकी नामक स्थान पर चला गया। चक नानकी को अब आनंदपुर साहिब कहा जाता है जहां उन्होंने अपनी शिक्षा ली। उन्होंने फारसी और संस्कृत का पाठ लिया और योद्धा बनने के लिए सैन्य कौशल सीखा।
बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। खालसा ने गुरु गोबिंद सिंह की देखरेख और मार्गदर्शन में आध्यात्मिक अनुशासन का सख्ती से पालन किया। लोगों ने निडर होकर मुगल शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान कवि और लेखक थे, जिन्होंने कई साहित्य लिखे हैं। उन्होंने वर्ष 1708 में अपनी मृत्यु से पहले गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी सिख गुरु के रूप में घोषित किया और गुरु ग्रंथ साहिब जी सिखों का एक पवित्र ग्रंथ है।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: उत्सव
गुरु गोबिंद सिंह जयंती दुनिया भर में मनाई जाती है जहां सिख समुदाय के लोग रहते हैं। केवल सिख लोग ही नहीं बल्कि सभी लोग इस दिन को गुरुद्वारों में जाकर मनाते हैं और उनकी शिक्षाओं को सभी तक पहुंचाते हैं। लोग एक-दूसरे को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की बधाई देते हैं। सभी को इस दिन लंगर बांटे। सभी गुरुद्वारों को रोशनी और मोमबत्तियों से सजाया जाता है। कहीं-कहीं गुरु नानक वाणी भी सुनाई जाती है।