Good Friday 2024 in hindi: ईसाई धर्म के लोगों के लिए गुड फ्राइडे का दिन बेहद खास होता है। विश्व भर में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा गुड फ्राइडे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे इस वर्ष 7 अप्रैल को मनाया जा रहा है। यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने और उनकी मृत्यू की याद में दुनिया भर के ईसाइयों द्वारा गुड फ्राइडे का त्योहार मनाया जाता है।
विभिन्न नामों से जाना जाता है गुड फ्राइडे
यह त्योहार पाश्कल ट्रीडम के हिस्से के रूप में अप्रैल माह के एक पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है। इसे विभिन्न नामों जैसे होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे, ग्रेट एंड होली फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। यीशु मसीह के बलिदान को मानवता के लिए किया गया सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है। हर साल गुड फ्राइडे ईस्टर रविवार के पहले शुक्रवार को ही मनाया जाता है। अर्थात यीशु मसीह के बलिदान के ठीक तीन रोज बाद ईस्टर का त्योहार मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष गुड फ्राइडे (Good Friday 2024 in hindi) मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल के अंतिम सप्ताह के बीच पड़ता है। इस साल, यह 7 अप्रैल को मनाया जा रहा है। गुड फ्राइडे पर, ईसाई समुदाय के लोग उपवास रखते हैं और चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं। इस दिन को खास तौर पर संयम के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग इस दिन चर्च के सेवाओं में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। यीशु के सूली पर चढ़ने और उनके द्वारा सहे गए अत्याचारों को याद करते हुए इस दिन विशेष प्रार्थना, पाठ के आयोजन के साथ ही गिरजाघरों में पादरियों द्वारा उपदेश भी दिया जाता है।
दुनिया के कुछ हिस्सों में, गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा जुलूस या शोभा यात्रा भी निकाली जाती है, जहां लोग इस दिन के विशेष महत्व को चिह्नित करने के लिए सड़कों पर क्रॉस और बैनर लेकर यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हैं। गुड फ्राइडे के दिन यीशु की मृत्यु और बलिदान के महत्व पर व्यक्तिगत रूप से भी घर-घर में लोग प्रार्थना और ध्यान सभा का आयोजन करते हैं। ईसाइयों के लिए, यीशु का यह बलिदान, प्रेम का संदेश देता है। यह दिन विशेष रूप से ईस्टर पर उनके पुनरुत्थान की शुरुआत को चिह्नित करता है। यह विश्व भर में ईसाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवकाश दिवस होता है। गुड फ्राइडे को लेकर एक अन्य सिद्धांत यह है कि गुड फ्राइडे में गुड या अच्छा शब्द का मूल पुराने अंग्रेजी अर्थ को संदर्भित करता है, जहां इसका अर्थ पवित्र होता है। इसलिए, गुड फ्राइडे को कभी-कभी होली फ्राइडे भी कहा जाता है।
आखिर क्या हुआ था गुड फ्राइडे के दिन? Why Good Friday is Celebrated
हालांकि, इस दिन को गुड फ्राइडे (Good Friday History in hindi) कह कर संदर्भित किया जाता है, लेकिन यह कोई खुशी का दिन नहीं है। इसलिए सलाह दी जाती है कि इस दिन किसी को भी 'हैप्पी गुड फ्राइडे' कह कर अभिवादन न किया जाए। अब सवाल ये है कि इसे गुड यानि कि अच्छा कहने के बावजूद भी यह खुशी का दिन क्यों नहीं है, इसके कुछ अहम कारण है। ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यताओं और कहानियों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन यीशु मसीह ने मानवता के पापों का प्रायश्चित करने के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। कहानियों के अनुसार, रोमन सैनिकों ने उन पर खूब अत्याचार के कोड़े बरसाये थे। सैनिकों द्वारा न केवल उनका मजाक बनाया गया, बल्कि उन्हें बेरहमी से पीटा भी गया था।
कहते हैं कि इन सबसे बाद गुड फ्राइडे के दिन ही कलवरी पर्वत पर यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। हालांकि इसके पीछे अन्य कई कारण भी हैं। इन कारणों की व्याख्या करते हुए कई सिद्धांतों की भी व्याख्या की गई है। एक सिद्धांत कहता है कि मानवता के लिए यीशु मसीह द्वारा दिये गये इसी बलिदान को याद करते हुये, इस दिन को गुड फ्राइडे कह कर संदर्भित किया जाता है। वहीं कुछ का मानना है कि गुड फ्राइडे वास्तव में ईश्वर को ही संदर्भित करता है। माना जाता है कि यीशु को अमानवीय यातनाएं देने वाले और उनकी हत्या करने वाले सैनिकों के लिए उन्होंने कठोर वाक्य का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने कहा था, 'हे ईश्वर, इन्हें क्षमा करें, ये नहीं जानता ये क्या कह रहे है।'
क्यों नहीं कहते हैं हैप्पी गुड फ्राइडे? What is Good Friday in Hindi
विश्व भर के अलग अलग प्रांतों में बसे ईसाई समुदाय के लोगों के लिए गुड फ्राइडे का दिन खास महत्व रखता है। खास होने और विशेष महत्व रखने का बावजूद गुड फ्राइडे के लिए किसी भी व्यक्ति को हैप्पी गुड फ्राइडे या गुड फ्राइडे की शुभकामनाएं, कह कर उनका अभिवादन नहीं किया जाता है। इसके पीछे कारण स्पष्ट हैं। क्योंकि इसी दिन यीशु मसीह ने मानव जाति के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। इसलिए यह दिन यीशु के बलिदान को याद करते हुए मनाया जाता है। यह उनके सूली पर चढ़ाए जाने का एक दुखद दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि यीशु मसीह दुनिया भर के लोगों से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने हमेशा उन पर विश्वास बनाए रखने वालों के विश्वास की रक्षा की है। वे चाहते थे कि दुनिया को नाश होने से बचाया जाए।
माना जाता है उन्होंने दूसरों को नाश से बचाने के लिए अपने इकलौते बेटे की बलि दे दी थी। इस दिन ईसाई धर्म के लोग गिरजाघर या चर्च में जाते हैं और यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हुए प्रार्थना अर्पित करते हैं। बहुत से लोग गुड फ्राइडे पर अपने दोस्तों और प्रियजनों को सद्भावना व्यक्त करते हुए संदेश भेजते हैं और उनके प्रति अपना प्यार व्यक्त करते हैं। शुभकामनाएं अक्सर आशा, शांति और आशीर्वाद के संदेश देती हैं, जो गुड फ्राइडे के केंद्रीय विषय हैं। संक्षेप में कहे तो, गुड फ्राइडे पर शुभकामनाएं भेजना ईसा मसीह द्वारा किए गए बलिदानों की सराहना करने और लोगों में सकारात्मकता और प्रेम का संदेश फैलाने का एक तरीका है।
दुनिया भर में गुड फ्राइडे
कैथोलिक, ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स, लूथरन, एंग्लिकन, मेथोडिस्ट, ओरिएंटल ऑर्थोडॉक्स, यूनाइटेड प्रोटेस्टेंट और कुछ रिफॉर्म्ड परंपराओं (कुछ कॉन्टिनेंटल रिफॉर्म्ड, प्रेस्बिटेरियन और कांग्रेगेशनलिस्ट चर्च) सहित कई ईसाई संप्रदायों के सदस्य गुड फ्राइडे के उपलक्ष्य पर यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हुए उपवास रखते हैं और चर्च सेवाओं में हिस्सा लेने के साथ गुड फ्राइडे का त्योहार मनाते हैं। कई अन्य देशों के लोग उन तीन घंटों तक मौन व्रत रखते हैं, जब यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। कुछ तो इस शोक के दिन को मनाने के लिए खाने से भी परहेज करते हैं। मोरावियन चर्च के प्रचारक गुड फ्राइडे की परंपरा को बरकरार रखते हुए मोरावियन कब्रिस्तानों में कब्रों की सफाई करते हैं।
गुड फ्राइडे की तारीख ग्रेगोरियन और जूलियन कैलेंडर दोनों में एक वर्ष से दूसरे वर्ष में भिन्न होती है। पूर्वी और पश्चिमी ईसाई धर्म, ईस्टर की तिथि और गुड फ्राइडे की गणना पर असहमत हैं। गुड फ्राइडे के दिन अधिकांश पश्चिमी देशों और 12 अमेरिकी राज्यों सहित दुनिया भर में अवकाश होता है। कुछ ईसाई देशों जैसे जर्मनी में, गुड फ्राइडे के दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का भी आय़ोजन किया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन मुख्य रूप से नृत्य, निबंध प्रतियोगिता, पेंटिग प्रतियोगिता और घुड़ सवारी जैसे कई गतिविधियों का आयोजन मिशनरी स्कूल और गिरजाघरों द्वारा आयोजित किया जाता है।
गुड फ्राइडे (Good Friday 2024 in hindi) के दिन कई गिरजाघरों या चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता है। इस दौरान कई संख्या में लोग चर्च में क्रॉस को चूम कर यीशु को स्मरण करते हैं। कई स्थानों पर परंपरा को पूर्ण रूप से मानने के लिए और यीशु के बलिदान पर शोक व्यक्त करने के लिए काले परिधान भी पहनते हैं। इस दौरान लोग ईसा से अपने गुनाहों के लिए क्षमा भी मांगते हैं।