गांधी जी ने अपने जीवन में कभी हथियार नहीं उठाया। उनका एकमात्र हथियार था सत्य और अहिंसा। उन्होंने अपना पूरा जीवन स्तय और अहिंसा के मार्ग पर चल कर व्यतीत किया है। भारत की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने इन्हीं दो हथियारों का प्रयोग किया और भारत को स्वतंत्रता दिलावाई। सत्य और अंहिसा की इस विचारधार से देश के कई लोग प्रभावित हुए जो धीरे-धीरे गांधी जी से मिले और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वतंत्रता संघर्ष में जुट गए। कई ऐसे भी लोग थे जिनका मानना था कि सत्य और अहिंसा से कुछ नहीं हो सकता लेकिन शांतिपूर्ण तरको से चलाए आंदोलनों की सफलता को देखते हुए उनकी विचारधार बदली और उन्होंने गांधी को अपना समर्थन दिया। गांधी अपने विचारों पर डटे रहने वाले व्यक्ति थे। सत्य और अहिंसा की उनकी सोच इतनी दृढ़ थी कि वह इनको लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते थे। अपने पूरे जीवन को स्वतंत्रता के लिए समर्पित करने वाले गांधी ने अपने कई अनमोल वचन दिए हैं जिसे उस समय लोगों पर बुहत अधिक प्रभाव पड़ा था। लेकिन आज भी उनके विचारों का प्रभाव उतना ही है जितना उस समय के दौरान था। इसे बदला नहीं जा सकता है। आइए आपको गांधी जी के उन अनमोल विचार के बारे में बताएं जिन्हें अपना के आप अपने जीवन में भी कई बदलाव ला सकते हैं।
गांधी जी के 20 अनमोल विचार
1. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन।
2. भूल करने में पाप तो है ही, परंतु उसे छुपाना उससे भी बड़ा पाप है।
3. अपनी गलती को स्वीकारना झाडू लगाने के समान है, जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ कर देती है।
4. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जो आप दूसरों पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं।
5. जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया धन कमाए धन के समान महत्वपूर्ण है।
6. व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्रणी है, वह जो सोचता है वही बनता है।
7. श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।
8. कुछ लोग सफलता के केवल सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
9. सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं मगर अंहकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।
10. आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द आपके बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
11. कुछ करने में या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
12. आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है, जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
13. प्रेम की श्क्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
14. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता न हो, तब तक स्वंतत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
15. हम जिसकी पूजा करते हैं, उसी के समान हो जाते हैं।
16. जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जाएगी, दुनिया में अमन कायम हो जाएगा।
17. दुनिया में ऐसे लोग हैं, जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।
18. काम की अधिकता नहीं, अनियमिता आदमी को मार डालती है।
19. आदमी की पहचान उसके कपड़ों नहीं उसके चरित्र से की जानी चाहिए।
20. आप जो भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण है, लेकिन आप कुछ कर रहे हैं वह सबसे महत्वपूर्ण है।