भारत की राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में G20 सबमिट का आयोजन किया जा रहा है, जहां विश्व के कई दिग्गज नेता और उद्योग जगत से जुड़े नेता पहुंचे। पीएम मोदी ने सम्मेलन का आगाज करते हुए सबसे पहले 55 देशों वाले अफ्रीकी यूनियन का जी20 का सदस्य बनने का एलान किया। पीएम मोदी के इस एलान के बाद अब जी-20 को जी21 नाम से जाना जाएगा।
सबका साथ की भावना को ध्यान में रखते हुए, भारत ने प्रस्ताव दिया था कि अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा "मेरा मानना है कि हम सभी इस प्रस्ताव पर सहमत हैं। अपना काम शुरू करने से पहले, मैं स्थायी सदस्य के रूप में एयू अध्यक्ष को अपना पद ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
पीएम मोदी ने कहा, "जी20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इससे जी20 मजबूत होगा और ग्लोबल साउथ की आवाज भी मजबूत होगी।"
समिट को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर लगभग ढ़ाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा हुआ है कि हेवं लोकश:हित मुखेति, अथ: इयं नातेशु हेवं अर्थात मानवता का हित और उसका कल्याण सुनिश्चित हो। ढाई हजार साल पहले भारत की इसी भूमि से यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला समय है। यह वह समय है जब सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही हैं।
सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास
कोविड 19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं। हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें। ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है।