Essay on Indira Gandhi in Hindi: भारतीय राजनीति का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत स्वतंत्रता सेनानी और पंडित नेहरू के पुत्री, इंदिरा गांधी के बिना अधूरा है। इंदिरा गांधी ने अपने जीवन के दौरान भारतीय राजनीति को नयी दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने भारतीय जनता की सेवा की। यह निबंध इंदिरा गांधी के जीवन और कार्यक्षेत्र के बारे में है।
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे पंडित नेहरू की पुत्री थीं और उनके जीवन में राजनीति का प्रभाव बचपन से ही था। इंदिरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कैम्ब्रिज से प्राप्त की और फिर यूरोप में विभिन्न स्थलों पर अपनी शिक्षा जारी रखी।
इंदिरा गांधी की पहचान स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है। उन्होंने गांधीजी के आदर्शों का पालन करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिये और अपनी योगदान के लिए प्रशंसा प्राप्त की। उनके पिता, पंडित नेहरू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता थे और इंदिरा गांधी ने उनसे राजनीति की मूल बातें सीखीं।
इंदिरा गांधी का असली प्रशंसक और समर्थक उनके पति, फीरोज गांधी थे। उनका विवाह 1942 में हुआ था और इसके बाद वे परिवार के साथ रहने लगीं।
इंदिरा गांधी का राजनीति में प्रवेश 1959 में हुआ था, जब वे भारतीय संगठन विधान की सदस्य बनीं। उन्होंने राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय अपने पिता, पंडित नेहरू के साथ बिताया और उनकी मृत्यु के बाद, वे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन गईं।
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय, इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को पूरी तरह से समर्थन दिया और युद्ध की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके परिणामस्वरूप, बांग्लादेश का गठन हुआ और इंदिरा गांधी को देश के हीरो के रूप में माना गया।
1975 में, इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जिससे देश में नैतिकता और लोकतंत्र के प्रति संविदानिक अधिकारों की हनन हुई। इसके बाद, 1977 में जनता पार्टी की हार के बाद, वे विपक्ष में रहीं, लेकिन फिर से वे 1980 में भारत की प्रधानमंत्री बनीं।
इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के दौरान, उन्होंने भारतीय राजनीति का मजबूती से नेतृत्व किया और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने गरीबी और किसानों के मुद्दों पर ध्यान दिया और कई क़दम उठाए, जैसे कि गरीबी हटाओ योजना और जवाहर रोजगार योजना।
इंदिरा गांधी का अकेलापन, उनकी साहसिकता और नेतृत्व गुणों से पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त हुई। वे भारतीय राजनीति में महिलाओं के साथ-साथ ही देश के विकास के प्रति समर्पित रहीं।
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी का आत्मघाती हमला के चलते निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज के लिए अटूट रहेगा। उनकी साहसी और सुयशील व्यक्तित्व की यादें हमें सदैव प्रेरित करेंगी और उन्हें महान भारतीय नेता के रूप में याद किया जाएगा।
इस प्रकार, इंदिरा गांधी भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणास्त्रोत नेता रहीं, जिन्होंने अपने जीवन में देश की सेवा की और उसे विकास की दिशा में आगे बढ़ाया। उनकी यादें और उनका योगदान हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।
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