फाइनेंशियल ईयर 2023-24 शुरू होने जा रहा है, अप्रैल का महीना आने वाले है। सभी कंपनियों में एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल प्रोसेस शुरू होने लग गई है। एंप्लॉय के पास परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म भेजे जाने शुरू कर दिए गए है। तो क्या आपके मन में भी एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल को लेकर कई सवाल है? यदि हां, तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं।
आज के इस लेख में हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे की आखिर परफॉर्मेंस एप्रेजल होता क्या है? परफॉर्मेंस एप्रेजल कैसे होता है? एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म क्या होता है? इसको कैसे भरना होता है? कितने स्कोर वाले एंप्लॉय को कितना प्रतिशत इंक्रीमेंट मिलता है? परफॉरमेंस असेस्मेंट स्कोर क्या होता है? परफॉर्मेंस एप्रेजल के फायदे क्या हैं? और इंक्रीमेंट व एप्रेजल में क्या अंतर होता है?
एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल क्या है| Employee Performance Appraisal
लगभग हर कंपनी में कम से कम साल में एक बार एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल किया जाता है जो कि मुख्यत: फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ अप्रैल में किया जाता है।
एंप्लॉय परफॉर्मेंस एप्रेजल होता क्या है| What is Appraisal इसमें एंप्लॉय के साल भर की परफॉर्मेंस का मूल्यांकन किया जाता है जैसे कि उसने साल भर में कितना काम किया? किन प्रोजेक्ट्स पर उसने कितना काम किए? उसके काम से कंपनी को कितना फायदा मिला? उसने कितनी छुट्टी ली? कितनी शिद्दत के साथ वो काम करता है? उसके अंदर लीडरशिप क्वालिटी कितनी है? उसके टीम के लोगों के साथ संबंध कैसे हैं? भविष्य में वो कंपनी के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है?
कैसे होता है परफॉर्मेंस एप्रेजल| Process of Employee Performance Appraisal
परफॉर्मेंस एप्रेजल प्रक्रिया हर कंपनी की अलग-अलग हो सकती है लेकिन इसकी एक सिंपल प्रोसेस भी है जो कि ज्यादातर कंपनियों में फॉलो की जाती है। जिसमें की एचआर द्वारा कंपनी के प्रत्येक एंप्लॉय के पास मेल के माध्यम से परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म भेजा जाता है। जिसके बाद एंप्लॉय को अपनी साल भर के परफॉर्मेंस के आधार पर परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म भरना होता है।
परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म क्या होता है| इसको कैसे भरना होता है| Employee Performance Appraisal Form
परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है
1. केआरए और 2. केसीए।
1. केआरए क्या है? केआरए की फुल फॉर्म Key Result Area है, इसमें एंप्लॉय को अपने वर्क परफॉर्मेंस के लिए खुद को स्कोर देने होते हैं जबकि
2. केसीए यानि कि kinetic Chain Assessment में एंप्लॉय को अपनी पर्सनालिटी के आधार पर खुद को स्कोर देने होते हैं।
जिसके बाद एंप्लॉय को यह फॉर्म पूरा भरकर निर्धारित डेट पर सबमिट करना होता है। एंप्लॉय द्वारा परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म जमा किए जाने के बाद यह फॉर्म उस एंप्लॉय के मैनेजर के पास भेजा जाता है और फिर मैनेजर उन स्कोर को चैक करता है। जिसके बाद मैनेजर और एंप्लॉय के बीच डिस्कशन राउंड होता है और फिर दोनों की सहमति के बाद फाइनल स्कोर तय किए जाते हैं। फिर यह फॉर्म वापस एचआर के पास भेजा जाता है, जिसके बाद एचआर और मैनेजर के बीच स्कोर पर बातचीत की जाती है और फिर फाइनल स्कोर के साथ परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म कंपनी हेड के पास भेजा जाता है। तब जाकर कंपनी हेड परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म के आधार पर एंप्लॉय की सालाना परफॉर्मेंस चेक करता है और फिर उसी के आधार पर एंप्लॉय का इंक्रीमेंट प्रतिशत तय किया है। इसके अलावा, यदि एंप्लॉय की सालाना परफॉर्मेंस बहुत अच्छी होती है तो उस एंप्लॉय का प्रमोशन भी किया जाता है।
गौरतलब है कि ज्यादातर कंपनियों में परफॉर्मेंस एप्रेजल प्रक्रिया फाइनेंशियल ईयर के एंड में यानि कि मार्च में शुरू हो जाती है और फिर अप्रैल में नए फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ एंप्लॉय की परफॉर्मेंस एप्रेजल के आधार पर प्रमोशन/डिमोशन या इंक्रीमेंट कर दिया जाता है।
कितने स्कोर वाले एंप्लॉय को मिलता है कितना प्रतिशत इंक्रीमेंट?
परफॉरमेंस असेस्मेंट स्कोर| Performance Assessment Score
91 - 100% असाधारण और सराहनीय (Exceptional & Commendable)
81 - 90% अपेक्षाओं से अधिक (Exceeds Expectations)
66 - 80% अच्छा और अपेक्षाओं को पूरा करने वाला (Good & Meets Expectations)
51 - 65% संतोषजनक प्रदर्शन (Satisfactory Performance)
परफॉर्मेंस एप्रेजल फॉर्म में 91 से 100% अंक हासिल वाले एंप्लॉय को कंपनी के लिए बेहद खास माना जाता है, जिसके लिए उस एंप्लॉय को 30% या उससे अधिक इंक्रीमेंट दिया जाता है। जबकि 81 से 90% अंक हासिल करने वाले एंप्लॉय को 20% इंक्रीमेंट होता है। 66-80% अंक वाले एंप्लॉय का 12 से 15% इंक्रीमेंट होता है जबकि 51 से 65% वाले एंप्लॉय का 5 से 10% इंक्रीमेंट होता है। हालांकि 50% से कम स्कोर वाले एंप्लॉय को इंक्रीमेंट नहीं दिया जाता है।
ध्यान दें कि सभी कंपनियों का अपना अलग परफॉरमेंस असेस्मेंट स्कोर होता है, जिसके आधार पर वो अपने एंप्लॉय की सैलरी बढ़ाती है यानि की इंक्रीमेंट देती है।
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परफॉर्मेंस एप्रेजल के फायदे क्या हैं| Benefits of Employee Performance Appraisal
देखा जाए तो परफॉर्मेंस एप्रेजल का फायदा कंपनी और एंप्लॉय दोनों को ही मिलता है। कंपनी अपने फायदे के लिए एंप्लॉय का एप्रेजल करती है जबकि एंप्लॉय को भी इस एप्रेजल से अपना SWOT (स्ट्रेंथ, वीकनेस, ओपोर्चुनिटी और थ्रेट) एनालिसिस करने में मदद मिलती है।
- परफॉर्मेंस एप्रेजल से एंप्लॉय के करियर में ग्रोथ होती है चाहे वो फर्स्ट टाइम एप्रेजल हो या दूसरी, तीसरी बार।
- यह एंप्लॉय के परफॉर्मेंस और संगठन के विकास में उनके वास्तविक योगदान के बारे में आवश्यक फीडबैक देता है।
- इससे एंप्लॉय और कंपनी दोनों की अपेक्षाएं स्पष्ट की जाती है।
- एंप्लॉय और कंपनी दोनों के लक्ष्यों का मूल्यांकन करने में भी एप्रेजल की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
- एप्रेजल फॉर्म में फाइनल स्कोर मिलने के बाद एंप्लॉय को यह पता चलता है कि वो किस चीज में अच्छा काम कर रहा है और किसमें नहीं।
- यह मानव संसाधन विभाग को एंप्लॉय की ट्रेनिंग आवश्यकताओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- परफॉर्मेंस एप्रेजल एंप्लॉय की कार्य करने की आदतों को प्रभावित करता है और उन्हें कार्य-उन्मुख बनाता है।
- यह एंप्लॉय की ताकत और कमजोरियों के अनुसार सही व्यक्ति को सही काम पर रखने में मदद करता है।
- कंपनी द्वारा परफॉर्मेंस एप्रेजल का उपयोग एंप्लॉय की सैलरी बढ़ाने में भी किया जाता है।