Dussehra Speech 2024: दशहरा पर भाषण के लिए कक्षा 1, 3 और 5 के छात्र यहां से करें तैयारी? मिलेगा प्रथम इनाम

प्रिय बच्चों, आज मैं आप सबके सामने हमारे देश के एक बहुत ही खास त्योहार दशहरा के बारे में बात करने जा रही हूं। यह त्योहार भारत के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम ने रावण का वध करके हमें यह सिखाया कि सच्चाई और अच्छाई की हमेशा जीत होती है।

आइए, आज के इस लेख में देखते हैं कि कक्षा 1, 3 और 5 के छात्रों को किस तरह से भाषण देने चाहिए।

दशहरा पर भाषण देने के लिए कक्षा 1, 3 और 5 के छात्र यहां से करें तैयारी? मिलेगा प्रथम इनाम

कक्षा 1 के छात्रों के लिए दशहरा पर भाषण

प्रिय अध्यापकों और प्यारे दोस्तों,

आज मैं आपको दशहरा के बारे में बताना चाहता हूं। दशहरा बहुत ही प्यारा त्योहार है। इस दिन भगवान राम ने रावण को मारा था। रावण बुराई का प्रतीक था और भगवान राम अच्छाई के। दशहरा हमें सिखाता है कि हमें हमेशा सच बोलना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाते हैं। यह त्योहार हमें बुराई से दूर रहकर अच्छाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।

धन्यवाद!

कक्षा 3 के छात्रों के लिए दशहरा पर भाषण

आदरणीय अध्यापकगण, और मेरे प्यारे साथियों,

आज मैं दशहरा के बारे में कुछ बातें साझा करना चाहता हूं। दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहते हैं, हर साल पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण को हराया था, जो बुराई का प्रतीक था। रावण ने माता सीता का हरण किया था, जिसके बाद भगवान राम ने 10 दिनों तक युद्ध किया और अंत में रावण का अंत किया। यह दिन हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अच्छाई की जीत हमेशा होती है।

हम सभी को दशहरे से सीखना चाहिए कि हमें कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचना चाहिए और हमेशा सच का साथ देना चाहिए। इस दिन रामलीला भी होती है, जिसमें रामायण की कहानी दिखाई जाती है। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं और लोग इस अवसर पर एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

धन्यवाद!

कक्षा 5 के छात्रों के लिए दशहरा पर भाषण

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे प्यारे दोस्तों,

आज मैं आप सबके सामने हमारे देश के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दशहरा पर अपने विचार साझा करना चाहता हूं। दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है, और यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व दोनों ही बहुत गहरा है। यह दिन उस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है जब भगवान राम ने रावण का वध किया था, जो बुराई का प्रतीक था।

रावण एक शक्तिशाली राजा था, लेकिन उसकी बुराई और अहंकार ने उसे कमजोर बना दिया। भगवान राम, जो मर्यादा पुरुषोत्तम माने जाते हैं, ने हमेशा सच्चाई, धर्म और न्याय का पालन किया। इस दिन हम रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के बड़े-बड़े पुतले जलाते हैं, जो बुराई के अंत का प्रतीक होते हैं।

दशहरा हमें यह सिखाता है कि हमें हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए, और किसी भी परिस्थिति में बुराई का साथ नहीं देना चाहिए। यह त्योहार केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में सही मूल्यों का अनुसरण करने की प्रेरणा भी देता है।

दशहरे के दिन रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की जीवन गाथा का मंचन होता है। यह हमें उनके जीवन से सीखने और अपनी जिंदगी में अच्छाई को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

अंत में, मैं यही कहना चाहता हूं कि हमें इस पर्व से यह सीखना चाहिए कि जीवन में हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और बुराई से दूर रहना चाहिए।

धन्यवाद!

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English summary
Dear children, today I am going to talk to you all about a very special festival of our country, Dussehra. This festival is one of the most prominent and famous festivals of India. It is also called Vijayadashami. This day is celebrated as the victory of good over evil. Lord Rama killed Ravana and taught us that truth and goodness always win.
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