Constitution Day 2022 आजाद भारत के लिए 26 नवंबर का दिन बेहद खास है। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को पारित किया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया। 19 नवंबर 2015 को पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा और हस्तलिखित संविधान है। संविधान दिवस का महत्व हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण है। देश में संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार हमें हमारी ढाल बनकर हमारे अधिकार प्रदान करते हैं, वहीं इसमें दिए गए मौलिक कर्तव्य हमें हमारे दायित्वों की भी याद दिलाते हैं। आइए जानते हैं भारत के संविधान का महत्व, इतिहास, प्रस्तावना और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
संविधान दिवस का इतिहास क्या है?
भारत के प्रत्येक नागरिक के बीच संविधान के बारे में जागरूकता पैदा करने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में तय किया गया था। 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय मंत्रालय ने फैसला किया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू की जाएगी और तभी से इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
संविधान दिवस का महत्व क्या है?
भारत ने औपचारिक रूप से 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया, हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। भारत में संविधान को तैयार करने में कुल दो साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इसके निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देना है। भारतीय संविधान में हमें जो भी अधिकार मिले हैं, जिनके आधार पर देश की सरकार और राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, प्रतिबंध और कर्तव्य आदि तय किए जाते हैं, उन्हें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने लिखा था। आबेंडेकर द्वारा लिखित संविधान देश को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है और अपने नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय की गारंटी देता है।
भारत का संविधान क्या है?
संविधान भारत सरकार के लिखित सिद्धांतों और मिसालों का एक समूह है। यह सरकार और देश के नागरिकों के मौलिक राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों, प्रतिबंधों और कर्तव्यों को तय करता है। भारत का संविधान देश को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। यह अपने नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है।
भारत का संविधान किसने लिखा?
मसौदा समिति के अध्यक्ष बी आर अम्बेडकर को भारत के संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। भारत का संविधान संविधान सभा के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था।
भारत के संविधान की प्रस्तावना क्या है?
"हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा,
उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए,
दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"
संविधान की आवश्यकता क्यों पड़ी?
200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद भारत को एक ऐसे कानून की आवश्यकता थी, जो देश में रहने वाले लोगों और विभिन्न धर्मों के बीच समानता और एकता प्रदान कर सके। भारत को इस पुस्तक की आवश्यकता है ताकि देश एक हो और सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के उनके सभी अधिकार प्राप्त हों। इसे देखकर स्वतंत्रता सेनानियों में संविधान बनाने की मांग उठने लगी। जब देश आजाद होने वाला था तो संविधान सभा के गठन की मांग उठने लगी।