हर साल भारत 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन की शुरुआत 2015 में की गई थी। जब प्रधानमंत्री मोदी मुंबई में अंबेडकर जी की समानता स्मारक मूर्ती की आधारशिला रख रहे थें। 2015 में अंबेडकर की 125वीं जयंती को भारत सरकार ने बड़े तौर पर पूर वर्ष मनाने का फैसला लिया। अंबेडकर की 125 वीं जयंती के उपलक्ष में पूरे भारत में समारोह के आयोजन किये गए। उसी दौरान 11 अक्टूबर को मुंबई में अंबेडकर की मूर्ती के आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गई। अंबेडकर और संविधान निर्माण में उनके द्वारा दिए गए योगदान को याद करने के लिए 26 नवंबर की तिथि को अपनाया गया, जिसे पहले कानून या विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था। 19 नवंबर 2015 को भारत सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मनाये जाने के घोषणा की गई।
2015 में पहला संविधान दिवस भारत के विभिन्न विभागों द्वारा मनाया गया जिसमें शिक्षा और साक्षरता विभाग भी शामिल था। इस विभाग के अनुसार भारत के सभी स्कूलों में संविधान दिवस की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के वाचन के साथ की गई और कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी के साथ आपको बता दें की भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा भी संविधान दिवस को स्कूलों में मनाने का आदेश दिया गया है। वह अन्य विभागों द्वारा भी संविधान दिवस को कई तरह के कार्यक्रमों और रैलियों के आयोजन के माध्यम मनाया जाता है।
शैक्षिक संस्थानों में सविंधान दिवस मनाना सबसे अधिक आवश्यक है। इस के माध्यम से आप बच्चों में संविधान और उसके माध्यम से प्राप्त होने वाले कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में उन्हें ज्ञान दे सकतें है। इसे बच्चों के लिए और दिलचस्प बनाने के लिए आप नीचे दी गई एक्टिवटीज का आयोजन कर संविधान दिवस मना सकते हैं। आइए आपके साथ शेयर करें सविंधान दिवस मनाने के लिए कुछ अच्छे आइडिया।
स्कूलों में संविधान दिवस मनाने की टॉप एक्टिविटीज
1. संविधान की प्रस्तावना से दिन की शुरुआत
स्कूलों में हर सुबह की शुरुआत प्रार्थाना से की जाती है ताकि बच्चों को इसके महत्व के बारे में समझाया जा सकें। उसी तरह संविधान दिवस के दिन स्कूलों में प्रार्थाना की शुरुआत से पहले बच्चों के साथ संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया जाना चाहिए। इससे वह संविधान की प्रस्तावना में दिए गए संदेश और संक्लप को समझ पाएंगे।
2. निबंध लेखन
स्कूलों में बच्चों के लिए एक निबंध लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सकता है, जिसमें संविधान से संबंधित विषय देकर निबंध लेखन करवाया जा सकता है।
3. खेल प्रतियोगिता
खेल के माध्यम से भी संविधान दिवस को अच्छा बनाया जा सकता है। जैसे 2015 नें खेल विभाग ने रन फॉर इक्वालिटी करवाई थी। ठीक उसी तरह से सारे खेलों का आयोजन कर आप संविधान दिवस मना सकते हैं।
4. संसद का सत्र
शिक्षक अपने छात्रों के लिए संसद के एक सत्र का आयोजन कर सकते हैं। किसी करंट मुद्दे या बिल पर एक चर्चा सत्र आयोजित किया जा सकता है। इसके माध्यम से आप छात्रों को दिखा सकते हैं कि संसद के सत्र की कार्यवाही कैसे होती हैं। सभी पार्टी के सदस्यों की भूमिका निभाने का मौका छात्रों को देकर आप उनमें इस सत्र में भाग लेने की रुचि जगा सकते हैं।
5. वाद-विवाद प्रतियोगिता
अधिकारों या किसी कानून के संबंधित विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें, ताकि छात्रों को इस प्रतियोगिता के माध्यम से उस विषय का कांस्पेट साफ हो सकें। इससे छात्रों को ज्ञान भी प्राप्त होगा और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
6. भाषण प्रतियोगिता
सरकार के कुछ विशिष्ट पदों के बारे में, अधिकारों पर या किसी संविधान संबंधित थीम पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सकता है। इसके माध्यम से उसे संविधान के अंतर्गत आने वाले अधिकार और सरकार के बड़ें पदों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में ज्ञान प्राप्त होगा।
7. नाटक का आयोजन
छात्रों के लिए संविधान और लोकतंत्रिक समाज के बारे में सिखाने का सबसे बेहतर तरीका है एक लोकतांत्रिक नाटक का निर्माण करना। जिसमें बाल अधिकारों, संविधान के स्तंभ के बारे में और उनकी शक्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है। ये छात्रों के लिए मनोरंजक भी होगा और ज्ञानवर्धक भी होगा।
8. कविता प्रतियोगिता
कई छात्र ऐसे होते हैं जिन्हें कविता लिखने का शौक होता है और वह अच्छा भी लिखते हैं। उनकी प्रतिभा को बढ़ाने के लिए और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए संविधान के विषयों पर कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सकता है। जिसे आपक बाद में स्कूल मैगजिन में भी प्रिंट करवा सकते हैं। इससे बच्चें कुछ क्रिएटिव करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
9. प्रश्न उत्तर सत्र
छात्रों के मन के संविधान, कानून और अधिकारों से संबंधित कई सवाल है जो वो पूछना चाहते हैं या जिसके बारे में वह समझना चाहते हैं। प्रश्न उत्तर सत्र में आपको किसी ऐसे व्यक्ति को बुलाना चाहिए जो इन प्रश्नों के उत्तर दे सके। ऐसा करने से बच्चों के उनके अधिकारों और सविंधान, कानून और अन्य संबंधित विषय को लेकर उनकी दुविधा को दूर किया जा सके। इसके माध्यम से उन्हें काफि कुछ सिखने को मिल सकता है।