भारत के प्रथम प्रधानमंत्री की जयंती को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत आधिकारिक तौर पर 1957 में की गई थी। भारत के लिए नेहरू जी द्वारा दिये योगदान को सम्मानित करने और बच्चों के लिए उनके प्रमे को दर्शाने के लिए उनकी जयंती के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। इसी के साथ इस दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और कल्याण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना भी इस दिवस का उद्देश्य है। बाल दिवस के दिन भारत के स्कूलों में बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और इस दिन को मनाया जाता है। चाचा नेहरू के नाम बच्चें नेहरू को संबोधित किया करते थें, तो आइए चाचा नेहरू की 133 वीं जयंती पर उनके द्वारा बच्चों के लिए कहे गए अनमोल विचारों के बारे में जाने-
बाल दिवस पर नेहरू के कोट्स
जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, दुर्भाग्य से, उनकी प्राकृतिक स्वतंत्रता अक्सर बड़ों के शिक्षण और व्यवहार से ग्रहण हो जाती है। स्कूल में, वे बहुत सी चीजें सीखते हैं, जो निस्संदेह उपयोगी होती हैं, लेकिन वे धीरे-धीरे भूल जाते हैं कि मानव और दयालु होना आवश्यक है, चंचल और अपने और दूसरों के लिए जीवन को समृद्ध बनाएं"।
शिक्षा का उद्देश्य समग्र रूप से समुदाय की सेवा करने की इच्छा पैदा करना और प्राप्त ज्ञान को न केवल व्यक्तिगत बल्कि सार्वजनिक कल्याण के लिए लागू करना था।
दुनिया भर में बच्चों की विशाल सेना है जो बाहरी रूप से वह विभिन्न प्रकार की हैं, और फिर भी एक दूसरे की तरह हैं। यदि आप उन्हें एक साथ लाते हैं, तो वे खेलते हैं या झगड़ा करते हैं, लेकिन झगड़ा भी खेल है। मतभेद, वर्ग या जाति या रंग के बीच के अंतर के बारे में नहीं सोचते हैं।
आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, वही देश का भविष्य तय करेगा।
मेरे पास वयस्कों के लिए समय नहीं हो सकता है, लेकिन मेरे पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय है।
उन्हें सुधारने का एकमात्र तरीका उन्हें प्यार से जीतना है। जब तक एक बच्चा अमित्र है, आप उसके तरीके नहीं सुधार सकते। वह अनुशासित हो सकते हैं, यदि उनका ध्यान किसी अन्य गतिविधि की ओर आकर्षित किया जाए।
आइए हम थोड़ा विनम्र हों, यह सोचें कि शायद सच्चाई पूरी तरह से हमारे साथ न हो।
बच्चे आपस में मतभेद नहीं सोचते।
बच्चे एक बगीचे में कलियों की तरह होते हैं और उन्हें सावधानीपूर्वक और प्यार से पोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे राष्ट्र का भविष्य और कल के नागरिक हैं। सही शिक्षा से ही समाज की बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।
असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्शों और उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं।