Bhagat Singh Jayanti 2022: भगत सिंह भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक है। छात्रों, युवाओं और नेताओं समेत पूरा देश शहीद भगत सिंग जी से प्रेम करता है। भगत सिंह ने कभी किसी धर्म, जाति आयु और लिंग में भेदभाव नहीं किया। शहीद भगत सिंह एकमात्र ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें हर पार्टी के नेता अपना आदर्श मानते हैं। 28 सितंबर 2022 को भगत सिंह की 115वीं जयंती मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम अब क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा। जिसके बाद पूरे पंजाब और हरियाणा में काफी खुशी की लहर है।
चंडीगढ़ हवाई अड्डे का उद्घाटन सितंबर 2015 में पीएम मोदी द्वारा किया गया था, लेकिन दोनों राज्यों के बीच टकराव के कारण हवाई अड्डे को अभी तक उचित नाम नहीं मिला था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और हरियाणा और पंजाब की सरकारों के बीच एक संयुक्त उद्यम, हवाई अड्डे का टर्मिनल परिसर मोहाली, पंजाब में है। दोनों राज्य मोहाली या पंचकुला में से किसी एक को नाम में शामिल कर इस पर अपने हस्ताक्षर करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने संकेत दिया था कि वह शहीद भगत सिंह के नाम पर सहमत हैं।
भगत सिंह हमेशा से युवाओं के लिए प्रेरणा के श्रोत रहे हैं। पंजाब की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने यह भी घोषणा की है कि हर सरकारी कार्यालय में अब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के साथ शहीद भगत सिंह की तस्वीर होगी, इसके अलावा 23 मार्च को शहीदी दिवस पर एक दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी भले ही भगत सिंह को इतने बड़े पैमाने पर अपना आदर्श मानने वाली पहली सरकार हो, लेकिन हर राजनीतिक दल ने उनका सम्मान किया है। पंजाब में उथल-पुथल के चरम पर तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने भी भगत सिंह का आह्वान करने की मांग की, जब उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के महीनों बाद 23 मार्च 1985 को फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा किया। भगत सिंह और उनके साथियों का हुसैनीवाला में अंतिम संस्कार किया गया था, जब उनके शवों को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा उनके निष्पादन के बाद गुप्त रूप से यहां लाया गया था।
वर्ष 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी बसंती पगड़ी पहनकर हुसैनीवाला का दौरा करने वाले दूसरे प्रधान मंत्री बने। इससे पहले 2013 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भगत सिंह की जेल डायरी पर एक पुस्तक जारी करने के लिए चुना था।
वर्ष 2007 में पंजाब और हरियाणा की सरकारों द्वारा हस्तलिखित पृष्ठों वाली जेल नोटबुक प्रकाशित की गई थी। 2008 में स्वतंत्रता दिवस पर संसद परिसर ने उनकी 18 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की। अकाली दल-भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान खटकर कलां में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह स्मारक और संग्रहालय की आधारशिला रखी। आखिरकार 2018 में तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसका उद्घाटन किया।
क्रांतिकारी शोध के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रोफेसर चमन लाल, भगत सिंह की व्यापक अपील का श्रेय उनके आदर्शों की व्यापकता को देते हैं। उन्होंने कहा था कि जिस किसी ने भी भगत सिंह के लेखन को पढ़ा है, वह जानता होगा कि उन्होंने न केवल अंग्रेजों से बल्कि गरीबी, भ्रष्टाचार, भेदभाव और सांप्रदायिकता से भी आजादी मांगी थी, जो हम सभी को किसी न किसी तरह से प्रभावित करते हैं।
आप के बाद हरियाणा बीजेपी भी भगत सिंह पर फोकस कर रही है। पार्टी ने 23 मार्च को राज्य में 306 स्थानों पर "मेरा रंग दे बसंती चोला" टैगलाइन का उपयोग करते हुए उनकी पुण्यतिथि मनाई थी। भगत सिंह ने खुद कहा था, "क्रांति (इंकलाब) बम और पिस्तौल की संस्कृति नहीं है। क्रांति का हमारा अर्थ वर्तमान परिस्थितियों को बदलना है, जो स्पष्ट अन्याय पर आधारित हैं।"