Best Books 2023: इन किताबों के बिना अधूरा है आपका जीवन

Best Books 2023: बीता वर्ष 2022 कोविड के प्रभाव से बीते वर्षों की तुलना में कम प्रभावित रहा जिस कारण प्रकाशकीय गतिविधियां पटरी पर आ चुकी हैं।

Best Books 2023: बीता वर्ष 2022 कोविड के प्रभाव से बीते वर्षों की तुलना में कम प्रभावित रहा जिस कारण प्रकाशकीय गतिविधियां पटरी पर आ चुकी हैं। यूं तो इस वर्ष बहुत-सी उल्लेखनीय पुस्तकें आई हैं परंतु आलेख की सीमा का ध्यान रखते हुए मैंने यहां कुछ ही पुस्तकों पर चर्चा की है। कथा-साहित्य में इस वर्ष वंदना यादव का उपन्यास 'शुद्धि' उल्लेखनीय कृति रहा। ज्ञानपीठ से प्रकाशित इस उपन्यास की पृष्ठभूमि राजस्थान की है‚ जहां परिवार के मुखिया की मृत्यु के पश्चात जहां-तहां रहने वाले परिवार के सब लोगों के इकठ्ठा होने पर जीवन की अनेक परतें खुलकर सामने आती हैं। विशेष यह कि कथा में रोचकता अंत तक बनी रहती है।

Best Books 2023: इन किताबों के बिना अधूरा है आपका जीवन

सितम्बर में प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित रत्नेश्वर सिंह के उपन्यास '32000 साल पहले' को इस वर्ष की उल्लेखनीय पुस्तक माना जा सकता है। यह उपन्यास रत्नेश्वर के 'महायुग-त्रयी' का पहला भाग है‚ जिसके दो और भाग भी आगे आने हैं। इस उपन्यास में लेखक ने वैज्ञानिक अनुसंधानों में कल्पना का सम्मिश्रण करते हुए आज से 32000 साल पुरानी सभ्यता की कथा कही है। यह उपन्यास रहस्य-रोमांच-प्रेम की गाथा तो है ही‚ साथ ही वैज्ञानिक तथ्यों का भी इसमें आवश्यकतानुसार अच्छा वर्णन किया गया है‚ जो लेखक के गहन शोध एवं अध्ययन को दर्शाता है।

वर्ष के अंत में वाणी प्रकाशन से आया युवा लेखिका अंकिता जैन का उपन्यास 'मुहल्ला सलीमबाग' भी ध्यान खींचने वाली कृति है। यह रहस्य-कथा है‚ लेकिन कहानी का कैनवास इतना ही नहीं है। इस उपन्यास के पात्रों का चरित्र-विस्तार इसे चलताऊ रहस्य-कथा से कहीं ऊपर की चीज बना देता है। कथेतर विधा में भी इस साल कई महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित हुईं। प्रभात प्रकाशन से आई वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव की पुस्तक 'पुरातन विज्ञान' उल्लेखनीय है। इस पुस्तक में लेखक ने रोचक ढंग से भारतीय पुराणों-महाकाव्यों में उपस्थित वैज्ञानिक बातों का आधुनिक विज्ञान से संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है।

सितम्बर 2022 में आई युवा लेखक कमलेश कमल की पुस्तक 'भाषा-संशय-शोधन' को इस वर्ष की महkवपूर्ण पुस्तक माना जा सकता है। हिंदी में बहुत-से ऐसे शब्द हैं‚ जिन्हें लोग अशुद्ध ढंग से लिखते हैं‚ लेकिन वह रूप इतना प्रचलित हो चुका है कि उन्हें अपनी गलती का आभास ही नहीं होता। कमलेश कमल ने अपनी पुस्तक में ऐसे ही बहुत-से शब्दों के शुद्ध रूप को व्याकरण और भाषा-विज्ञान के आधार पर स्पष्ट किया है। विशेष बात यह है कि उन्होंने उदाहरणों के साथ इस प्रकार से जानकारी प्रस्तुत की है कि भाषा-संबंधी ऐसी पुस्तक पढ़ते हुए भी बोझिलता का आभास नहीं होता। प्रभात प्रकाशन ने इसे छापा है।

राजकमल प्रकाशन से आई ड़ॉ. करुणा शंकर उपाध्याय की पुस्तक 'जयशंकर प्रसादः महानता के आयाम' भी 2022 की महत्वपूर्ण कृति है। यह पुस्तक करुणा जी के तीन दशकों के श्रम का परिणाम है‚ जिसमें जयशंकर प्रसाद के महानता के अठारह निकष निर्धारित कर उनके आधार पर उन्हें न केवल भारत अपितु विश्व का महान साहित्यकार सिद्ध किया गया है।

प्रभात प्रकाशन से ही प्रकाशित ओमेन्द्र रत्नू की इतिहास पुस्तक 'महाराणाः सहस्त्र वर्ष का धर्मयुद्ध' भारतीय इतिहास को भारतीय दृष्टि से प्रस्तुत करने वाली महत्वपूर्ण कृति है। तीन खंडों में विभाजित इस पुस्तक में मेवाड़ के संस्थापक बाप्पा रावल‚ रावल खुमाण आदि से लेकर महाराणा प्रताप‚ महाराणा अमर सिंह और महाराणा राज सिंह तक महाराणाओं का पूरा इतिहास प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हजार वर्षों की हिंदू दासता के मिथ को भी ध्वस्त करती है। भारतीय सांस्कृतिक अस्मिता बोध एवं गौरवशाली अतीत की दृष्टि से इसे एक विशेष कृति माना जा सकता है‚ जिसके लिए लेखक साधुवाद के पात्र हैं।

इसी वर्ष वरिष्ठ साहित्यकार तेजेंद्र शर्मा की 'अपनी बात' शीर्षक से दो पुस्तकें आई हैं‚ जिनमें पुरवाई पत्रिका के लिए लिखे गए उनके संपादकीय आलेखों को संकलित किया गया है। इन आलेखों के विषय में खास बात यह है कि इनमें एक सजग साहित्यकार की पत्रकारीय दृष्टि अभिव्यक्त हुई है। ये पुस्तकें अद्विक प्रकाशन से आई हैं। भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक ड़ॉ संजय द्विवेदी की पुस्तक 'भारतबोध का नया समय' इस वर्ष की कथेतर श्रेणी में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस पुस्तक में ड़ॉ. द्विवेदी द्वारा भारतीय संस्कृति के गौरवशाली बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए नये भारत की आकांक्षाओं को स्वर दिया गया है। अपनी संस्कृति के प्रति भारतीय जनमानस में व्याप्त हीनता के बोध को दूर करने की दिशा में यह पुस्तक सशक्त हस्तक्षेप मानी जा सकती है।

यश पब्लिकेशंस द्वारा इस पुस्तक को अत्यंत सुंदर कलेवर और साज-सज्जा के साथ बहुत ही सुरु चिपूर्ण ढंग से छापा गया है। निश्चित रूप से इन पुस्तकों के अलावा भी 2022 में बहुत-सी अच्छी पुस्तकें आई‚ परंतु इस आलेख में उन्हीं पुस्तकों पर बात की गई है‚ जो विशेष रूप से मेरा ध्यान खींचने में कामयाब रहीं।

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English summary
Best Books 2023: The past year 2022 was less affected by the effect of Kovid as compared to the previous years, due to which the publishing activities have come back on track. Although many remarkable books have come this year, but keeping in mind the limitation of the article, I have discussed only a few books here. Vandana Yadav's novel 'Shuddhi' was a notable work in fiction this year. The background of this novel published from Gyanpeeth is Rajasthan, where after the death of the head of the family, many layers of life come to the fore when all the members of the family gather together. The special thing is that the interest in the story remains till the end.
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