जानिए चैट जीपीटी कैसे हल करेगा UPSC के सामान्‍य ज्ञान का प्रश्‍न पत्र?

चैट जीपीटी क्या है? चैट जीपीटी ओपन एआई द्वारा विकसित एक एआई चैटबॉट है जो कि एक भाषा-आधारित मॉडल है, जिसे डेवलपर संवादात्मक तरीके से मानव संपर्क के लिए फाइन-ट्यून करता है।

चैट जीपीटी क्या है? चैट जीपीटी ओपन एआई द्वारा विकसित एक एआई चैटबॉट है जो कि एक भाषा-आधारित मॉडल है, जिसे डेवलपर संवादात्मक तरीके से मानव संपर्क के लिए फाइन-ट्यून करता है। यह मुख्य रूप से ग्राहक सेवा के लिए डिज़ाइन किया गया एक सिम्युलेटेड चैटबॉट है, हालांकि लोग इसका इस्तेमाल कई अन्य उद्देश्यों के लिए भी करते हैं।

बता दें कि अक्सर लोग इस टूल का इस्तेमान निबंध लिखने से लेकर व्यावसायिक योजनाओं का मसौदा तैयार करने और कोड बनाने के लिए करते हैं। लेकिन क्या वास्तव में यह एक सही टूल है? तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं की चैट जीपीटी यूपीएससी के सामन्य ज्ञान का प्रश्न पत्र हल कैसे करेगा?

जानिए चैट जीपीटी कैसे हल करेगा UPSC के सामान्‍य ज्ञान का प्रश्‍न पत्र?

दरअसल, चैट जीपीटी ऑनलाइन कस्टमर केयर के लिए ओपन एआई द्वारा बनाया गया एआई चैटबॉट ऑटो-जेनरेटिव सिस्टम है। यह एक पूर्व-प्रशिक्षित जनरेटिव चैट है, जो प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) का उपयोग करती है। इसके डेटा का स्रोत पाठ्यपुस्तकें, वेबसाइटें और विभिन्न लेख हैं, जिनका उपयोग यह मानवीय अंतःक्रियाओं की प्रतिक्रिया के लिए अपनी भाषा को मॉडल करने के लिए करता है।

चैट जीपीटी कैसे हल करेगा UPSC के सामान्‍य ज्ञान का प्रश्‍न पत्र?

यूपीएससी प्रश्न पत्र (समय 3 घंटे) (सभी प्रश्न करने अनिवार्य)

प्रश्न 1 (a) हड़प्पा सभ्यता के नगरों की मुख्य विशेषताएं क्या थीं? (200 शब्द) 15

हड़प्पा सभ्यता, जो कि प्राचीन भारतीय इतिहास का एक प्रमुख अध्ययन क्षेत्र है, उन सभ्यताओं में से एक है जो बाकी सभ्यताओं के साथ समकालीन थी जैसे मिस्र, मेसोपोटामिया और यूनान। हड़प्पा सभ्यता के नगरों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. सभ्यता के नगर नीवों की विशालता - हड़प्पा सभ्यता के नगर बड़े-बड़े नीव या भीतर ढली गलीयों वाले थे। इन नीवों की विशालता इतनी थी कि उनमें से कुछ का आकार करीब 5 हेक्टेयर तक होता था।
2. जल संचय व्यवस्था - हड़प्पा सभ्यता के नगरों में जल संचय की व्यवस्था थी। नगरों में कुछ भौतिक संरचनाएं थीं जो जल संचय का काम करती थीं।
3. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में सड़कों का निर्माण - हड़प्पा सभ्यता के नगरों में सड़कों का निर्माण किया गया था। ये सड़कें नगर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती थीं और नगर में आसानी से घूमने की अनुमति देती थीं।

(b) अपने सार में, उपनिषद वैदिक साहित्य के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से अलग थे। टिप्पणी कीजिए। (200 शब्द) 15

उपनिषद वैदिक साहित्य का अहम भाग होते हैं। वे वैदिक संस्कृति के एक बहुत महत्वपूर्ण अंग को दर्शाते हैं। उपनिषद वैदिक समय में लिखे गए छह प्रमुख ग्रंथों में से एक हैं। ये वेदों की विवेचना और उनमें से निकले तत्वों पर आधारित हैं।

उपनिषदों का सिद्धांत जीवन के भेदभाव को अवलोकित करता है। वे मनुष्य के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताते हैं, जैसे कि आत्मा, कर्म, मोक्ष आदि। उनका विचार यह है कि सच्चा ज्ञान और मुक्ति केवल उस व्यक्ति को मिलती है जो सत्य का अनुसरण करता है। ये उनके विचारों में अंतरात्मा और ब्रह्म के विषय में भी विस्तार से व्याख्यान करते हैं।

इसलिए, उपनिषद वैदिक साहित्य के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से अलग थे। वे वैदिक संस्कृति के धार्मिक, तात्त्विक और दार्शनिक विचारों का एक अहम अंग बनाते हैं।

(c) भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रमुख सिद्धांत (आर्य सत्यनी) क्या थे? (125 शब्द) 10

भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का मूल आधार आर्य सत्यनी (आठ आर्य सत्य) था। इन आर्य सत्यों के अनुसार, बुद्ध का संदेश था कि जीवन में दुःख का कारण आसक्ति होती है और दुःख से मुक्ति का मार्ग निरासक्तता है। निरासक्त होने से मन शांत होता है और शांत मन से हम सत्य का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ये आर्य सत्य इस प्रकार हैं:

  • अनिच्छा (Anicca): सब कुछ अनित्य है। समय के साथ सब कुछ बदलता रहता है, और इसलिए अनित्य होता है।
  • दुःख (Dukkha): जीवन में दुःख होता है। जन्म, बुढ़ापा, रोग, मृत्यु आदि दुःख के कारण होते हैं।
  • अनात्मा (Anatta): कोई भी व्यक्ति स्थायी नहीं है। सब कुछ अनित्य है और इसलिए कोई भी व्यक्ति स्थायी नहीं हो सकता।
  • प्रतीत्यसमुत्पाद (Pratitya Samutpada): सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। सब कुछ आपस में संबद्ध हैं और इसलिए जगत में सब कुछ एक संबद्ध और एक अविच्छेद्य शक्ति है।

(d) 1857 के महान विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या था? (125 शब्द) 10

1857 के महान विद्रोह का तात्कालिक कारण बहुत से थे, लेकिन उनमें कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. ब्रिटिश कंपनी के शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करना: भारत में ब्रिटिश कंपनी के शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई थी।

2. जमींदारों की विरोधता: ब्रिटिश सरकार ने भारत में जमींदारों को नए कानूनों के तहत अधिक अधिकार दिए थे, जो उन्हें अधिक अधिकार मिलने के बावजूद भी नाखुश कर दिया।

3. आधुनिकीकरण के विरोध में धर्मियों का समर्थन: ब्रिटिश शासन के आधुनिकीकरण के खिलाफ भारत के धार्मिक वर्गों का विरोध भी था।

4. सिपाहियों के विरोध में जनता का समर्थन: ब्रिटिश सरकार ने भारतीय सिपाहियों को विदेशों में भेजने शुरू किया था जिससे भारतीय जनता नाराज हो गई थी।

इन सारे कारणों के समक्ष, भारतीय जनता ने विद्रोह का समर्थन किया और 1857 के महान विद्रोह की शुरुआत की।

प्रश्न 2 (a)'वैश्विक मुद्रास्फीति' को ध्यान में रखते हुए, भारत में वर्तमान मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की प्रभावशीलता की जांच करें। (200 शब्द) 15

वैश्विक मुद्रास्फीति एक ऐसी स्थिति होती है जब विभिन्न देशों के मुद्राओं के मूल्य में असंतुलन उत्पन्न होता है, जिससे एक देश की मुद्रा अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में कमजोर हो जाती है। भारत की मौद्रिक नीति भी वैश्विक मुद्रास्फीति के प्रभावों से प्रभावित होती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य भारत की मुद्रा के मूल्य को स्थिर रखना होता है। इस नीति के तहत आरबीआई विभिन्न उपकरण जैसे कि ब्याज दरें, मुद्रा रिजर्व और उपलब्ध मुद्रा संसाधनों के आधार पर मुद्रा की मूल्य नियंत्रित करता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजारों के प्रभाव, विदेशी निवेश और आर्थिक उत्पीड़नों जैसे कई तत्व होते हैं।

हालांकि, वैश्विक मुद्रास्फीति के कारण भारत की मुद्रा के मूल्य में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।

(b) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की मुख्य विशेषताओं और अपेक्षित परिणामों पर चर्चा करें। (200 शब्द) 15

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना उत्पादकों को उनके उत्पादों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखती है। यह योजना भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अंतर्गत शुरू की गई है।

इस योजना के तहत, उत्पादकों को विभिन्न वित्तीय संरचनाओं द्वारा सब्सिडी और ऋण की पेशकश की जाती है। यह समझौते बैंकों द्वारा संचालित होते हैं, जो उत्पादकों को ऋण के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं जो उनके उत्पादक बनाने में मदद करता है।

इस योजना के मुख्य लाभों में उत्पादकों के लिए वित्तीय सहायता, उत्पादकों को बेहतरीन मार्केटिंग सुविधाएं, अपनी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, उत्पादकों के लिए नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए वित्तीय सहायता और विपणन आदि हैं। इसके अलावा, यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

(c) भारतीय रिजर्व बैंक के 'डिजिटल रुपये' को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) नाम से पेश करने का अर्थ और फायदे बताएं। (125 शब्द) 10

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी की गई 'डिजिटल रुपये' एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) है, जिसे भारत की मुद्रा नोटों के इलेक्ट्रॉनिक संस्करण के रूप में वर्तमान में विकसित किया जा रहा है।

सीबीडीसी का उद्देश्य भारत में नकद से नकद की लेनदेन को बढ़ावा देना है। इससे नकद की आपूर्ति और मुद्रा व्यवहार में एकीकरण होगा और सरकार के पास आंकड़ों का एक समूह होगा जो उसे आर्थिक नीति बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, सीबीडीसी के विकास से व्यवसायों और उपभोक्ताओं के बीच ऑनलाइन लेनदेन भी सुगम होगा।

सीबीडीसी के अन्य फायदों में नकद से नकद के लेनदेन में तेजी लाना शामिल है, क्योंकि इससे बैंकों द्वारा किये जाने वाले लेनदेनों की वस्तुस्थिति और पुष्टि आसान होगी। इससे दोषों और अप्रत्याशित चर्जों का समाप्त होना भी संभव होगा।

(d) हाल के दिनों में भारतीय रुपये के मूल्यह्रास के क्या कारण हैं? इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा? (125 शब्द) 10

हाल के दिनों में भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट के कुछ मुख्य कारण हैं।

1. कोविड-19 महामारी: कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। इससे बाजार में असुरक्षा बढ़ी है और निवेशक निराश हुए हैं। यह भारतीय रुपये के मूल्य को भी निचे खींच रहा है।

2. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी: भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण व्यापक रूप से महंगाई बढ़ रही है जिससे भारतीय रुपये का मूल्य कम हो रहा है।

3. विदेशी मुद्राओं की मजबूती: दुनिया भर में कुछ विदेशी मुद्राएं अपनी मजबूती बनाये रख रही हैं, जिससे भारतीय रुपये को कमजोरी झेलनी पड़ रही है।

यह तथ्य है कि भारतीय रुपये का मूल्य हाल के दिनों में कम हो गया है। इससे अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

प्रश्न 3 (a) "सामाजिक-सांस्कृतिक और जातीय-भौगोलिक विविधताओं से उकेरी गई एक महाद्वीपीय आकार की राजनीति भारत में संघवाद के सिद्धांत और अभ्यास द्वारा सबसे अच्छी तरह से शासित और मजबूत है।" व्याख्या करना। (200 शब्द) 15

भारत एक बहुजनसंख्या वाला देश है जिसमें विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और जातीय-भौगोलिक विविधताएं हैं। यह विविधताएं भारत के राजनीतिक व्यवस्था और शक्ति के स्रोत भी हैं। भारत की राजनीतिक व्यवस्था संघवाद के सिद्धांत और अभ्यास के आधार पर आधारित है, जो महाद्वीपीय आकार की राजनीतिक आधार है।

संघवाद भारत के संविधान के आधार पर चलता है जो विभिन्न स्तरों पर शक्ति का विभाजन करता है। यह शक्ति का विभाजन न केवल राज्य स्तर पर होता है, बल्कि विभिन्न समुदायों के स्तर पर भी होता है। इससे, संघवाद एक संयोजन बनाता है जो भारत के विविध सामाजिक-सांस्कृतिक और जातीय-भौगोलिक विविधताओं को संगठित और शासित करता है।

संघवाद के सिद्धांत और अभ्यास द्वारा, भारत में लोगों को उनकी विविधताओं के साथ समझौता करना सिखाया जाता है और सभी को एक साथ रहने के लिए एकजुट होना सिखाया जाता है।

(b) घोर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं पर जमकर चुनाव लड़ने के बाद बनने वाली गठबंधन सरकारें भारत में लोकतंत्र को कैसे मजबूत और गहरा करती हैं? (200 शब्द) 15

भारत में लोकतंत्र को मजबूत और गहरा करने के लिए जमकर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं पर चुनाव लड़ने के बाद बनने वाली गठबंधन सरकारें कुछ तरह से लोकतंत्र को मजबूत बनाती हैं। यह निम्नलिखित तरीकों से करते हैं:

1. विचारधाराओं के मध्य समझौते करना: जब अलग-अलग विचारधाराओं के समर्थक एक ही गठबंधन में आते हैं, तो वे अपने मतों को मजबूत करने के लिए समझौते करने के लिए मजबूर होते हैं। इससे देश में विविधता का सम्मान किया जाता है और अलग-अलग विचारधाराओं के समर्थकों को समझाया जाता है कि अगर वे साथ आएं तो उनके मतों का समझौता करने का मौका मिल सकता है।

2. जितने के बाद भी विवादों का समाधान: गठबंधन सरकारें अक्सर विवादों के बीच बनती हैं, लेकिन यह सरकारों की भूमिका होती है कि वे अपने सभी समर्थकों को समझाएं कि उन्हें दूसरी समर्थक विचारधाराओं के साथ समझौता करना होगा।

(c) भारतीय धर्मनिरपेक्षता को अंतर-विश्वास सह-अस्तित्व और शांति का एक अनुकरणीय मॉडल क्यों माना जाता है? (125 शब्द) 10

भारतीय धर्मनिरपेक्षता एक ऐसी सोच और विचारधारा है जो समाज में सभी धर्मों और जातियों के लोगों को समान अधिकारों के साथ एक साथ रहने की ताकत देती है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों के अनुसार, सभी धर्मों और जातियों के लोगों को समानता, स्वतंत्रता और अधिकारों का आदर्श मिलना चाहिए। भारतीय संस्कृति में धर्म और धर्मानुयायी की भावनाओं को मानवता के नाम पर समझा जाता है और इसलिए समाज में संवेदनशीलता, सहानुभूति, और संघटन की ताकत फैलती है।

भारत में धर्मनिरपेक्षता का मॉडल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक उदाहरण है, क्योंकि यह धर्म, जाति और भाषा जैसे भेदभाव के समाप्ति के लिए एक माध्यम है। इसके अलावा, भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों के अनुसार, समग्र विकास के लिए सभी लोगों को एक साथ काम करना चाहिए, जो एक एकता की ताकत है।

(d) भारतीय संविधान में भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता कैसे सुनिश्चित की जाती है? (125 शब्द) 10

भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं।

1. न्यायपालिका की स्वतंत्रता अनुच्छेद 50 के अंतर्गत रखी गई है। इसमें कहा गया है कि न्यायपालिका के न्यायाधीशों का नियुक्ति, हटाव या सम्मानोन्नयन विधायिता के अधीन नहीं हो सकता। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।

2. न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति भी अहम होती है। न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नहीं की जाती है। बल्कि, उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है जिसे राज्यसभा और लोकसभा के समर्थन के बाद निर्धारित किया जाता है। इससे भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।

3. न्यायपालिका को स्वतंत्रता से काम करने के लिए वित्तीय स्वतंत्रता भी प्रदान की जाती है।

प्रश्न 4 (a) समुद्र तल पर जलवायु परिवर्तन के क्या प्रभाव हैं? ये तटरेखाओं और तटीय समुदायों को कैसे प्रभावित करेंगे? (200 शब्द) 15

समुद्र तल पर जलवायु परिवर्तन के कई प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

1. तटरेखाओं को प्रभावित करने के लिए, जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्री स्तर में वृद्धि हो सकती है। इसके फलस्वरूप, जल सतह का ऊपरी स्तर बढ़ने से तटरेखाएं भ्रमित हो सकती हैं और तटीय क्षेत्रों में अधिक उतार-चढ़ाव हो सकता है।

2. जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र तल की तापमान में वृद्धि हो सकती है जो समुद्री जीवन के लिए अनुकूल नहीं हो सकती। उष्मीय और शीतल समुद्र क्षेत्रों के जलवायु परिवर्तन समुद्री जीवन को प्रभावित करते हुए समुद्री जीवन और समुद्री पारिस्थितिकी में बदलाव ला सकते हैं।

3. समुद्र तल पर जलवायु परिवर्तन के कारण जल विपथों (जैसे कि जल-उतार) में वृद्धि हो सकती है, जो तटरेखाओं और तटीय समुदायों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके फलस्वरूप, बाढ़ और जल प्रलय जैसी समस्याओं की संभावना बढ़ सकती है।

(b) जैवविविधता की हानि करने वाले कारकों की गणना करें और जैव विविधता हॉटस्पॉट की विशेषताओं का वर्णन करें। (200 शब्द) 15

जैव विविधता की हानि करने वाले कुछ मुख्य कारक हैं:

1. जंगलों की कटाई और जलाना
2. जैविक ऊर्जा के संचयन के लिए नई जमीन का उपयोग
3. जल तंत्र के तटों का नुकसान और मरुस्थलीय जीवन के नुकसान
4. असंतुलित विकास के कारण जीव-जंतु अर्थव्यवस्थाओं का परिवर्तन
5. नकली और गैर-प्राकृतिक प्रजातियों का प्रवेश और उनके प्रभाव से आनुवंशिक विविधता में नुकसान

जैव विविधता हॉटस्पॉट की विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:

1. उच्च जैव विविधता रखते हैं और संभावित जैव विविधता का महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
2. अधिकतर ये क्षेत्र अविकसित और अल्पविस्तार के होते हैं।
3. ये क्षेत्र आमतौर पर अधिक प्रजातियों वाले होते हैं, जिनमें से कई एन्डेमिक होती हैं, अर्थात वे केवल उस स्थान पर पाई जाती हैं।
4. ये क्षेत्र जलवायु, मौसम और भूमि की भिन्नताओं के संयोजन से बनते हैं, जो अन्य स्थानों से भिन्न होते हैं।

(c) 'उष्णकटिबंधीय चक्रवात' पर एक टिप्पणी लिखिए। भारत पर चक्रवात 'अम्फान' की उत्पत्ति और प्रभाव पर चर्चा करें। (125 शब्द) 10

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) दक्षिणी और मध्य गोलार्ध में विकसित होने वाले प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। इन चक्रवातों के जलवायु विकास क्षेत्रों के आसपास ही तैयार होते हैं और उन्हें समुद्र तल से कम या ज्यादा उच्च दबाव वाली एक क्षेत्रीय वायुमंडल की विशिष्ट शर्तों की आवश्यकता होती है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात के वर्षा व उच्च वेग वाले हवाओं के कारण उनका प्रभाव बहुत तीव्र होता है और इससे जनजीवन, पर्यटन, जलवायु, संपदा और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।

भारत में अम्फान नामक चक्रवात ने 2019 में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों पर भारी नुकसान पहुंचाया था। इस चक्रवात के कारण लाखों लोग घर बेघर हुए थे और कई लोगों की मृत्यु हो गई थी।

(d) जलभृत क्या है? भूजल के ह्रास के मुख्य कारणों की विवेचना कीजिए। (125 शब्द) 10

जलभृत वह क्षेत्र होता है जहां से जल वहन करके नदियों, झीलों, तालाबों और अंततः समुद्र तक जाता है। यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो हमारी पृथ्वी की स्थिरता और बायोडाइवर्सिटी के लिए ज़रूरी है।

भूजल का ह्रास कई कारणों से होता है, जैसे कि:

  • ध्वनि और निर्वात से होने वाला वाष्पीकरण (evapotranspiration)
  • बाढ़, बरसात और हिमपात से होने वाला जल संचय
  • भू-जल संचय (groundwater recharge) कम होना
  • विकास के लिए जल का अधिक उपयोग करना

इन सभी कारणों में से सबसे बड़ी समस्या है भू-जल संचय (groundwater recharge) कम होना। भू-जल संचय कम होने के बहुत सारे कारण हैं जैसे कि बाढ़ बरसात में अधिक जल भूमि में प्रवेश करता है और भू-जल स्तर को बढ़ाता है, जबकि शुष्क क्षेत्रों में भू-जल स्तर कम होता है और इससे सतही जल संचय भी कम होता है। इसके अलावा, अधिक जल उपयोग करने से भी भू-जल स्तर घटता है।

प्रश्न 5 (a) 'गैर-इमारती वन उत्पाद' क्या हैं? वे भारत में वन-निर्भर जनसंख्या की स्थायी आजीविका कैसे सुनिश्चित करते हैं? (200 शब्द) 15

'गैर-इमारती वन उत्पाद' उन उत्पादों को कहते हैं जो वनों से प्राप्त होते हैं और उन्हें उन्हें तब तक प्रभावित करते हैं जब तक उनका पूरा उपयोग नहीं होता है। ये उत्पाद वन उत्पादों से संबंधित होते हैं जैसे कि लकड़ी, फल, शहद, ताड़ी, जड़ी-बूटी, चिकित्सीय जड़ी-बूटियाँ आदि।

भारत में वन-निर्भर जनसंख्या की आजीविका के लिए गैर-इमारती वन उत्पाद बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन उत्पादों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जैसे कि लकड़ी का उपयोग कटोरे, लकड़ी के चिपकने वाले बिंदु, नीचे का कवच, बेंच, मेज, दरबार, ढोंगी, प्रशासनिक भवन, इमारत आदि में किया जाता है। फलों, शहद और ताड़ी जैसे उत्पादों का उपयोग भोजन के रूप में भी किया जाता है और इनसे निर्मित उत्पादों का व्यापक वितरण भी होता है।

(b) भारत के 'वन संरक्षण नियम, 2022' की मुख्य विशेषताएं क्या हैं? भारत में वन क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों के प्रति उन्हें अधिक उदार क्यों माना जाता था? (200 शब्द) 15

भारत के 'वन संरक्षण नियम, 2022' का उद्देश्य वनों की संरक्षण, वनों की विकास और प्रबंधन, वनों के लिए उपयुक्त उत्पादों की विकसित उत्पादन तंत्र, वनों की सुरक्षा और उनके प्रबंधन में लोगों के सहभागिता को सुनिश्चित करना है। इस नियम के अंतर्गत कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. नए नेशनल वन संगठन का गठन, जो देशभर में वन प्रबंधन को समन्वित करने के लिए जिम्मेदार होगा।

2. वनों की संरक्षण और प्रबंधन के लिए राज्यों के वन विभागों को अधिक आयात्मक बनाया जाएगा।

3. वन उपयोग के लिए लाइसेंस तय करने और उसे रद्द करने के लिए एक नया सिस्टम लागू किया जाएगा।

4. जंगल में सीमांत निर्धारित करने और अंतर्निहित जमीनों के मामलों को सुलझाने के लिए निर्णय लेने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

5. वनों में शिकार के लिए लाइसेंस देने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।

भारत में वन क्षेत्रों के विकासात्मक गतिविधियों के प्रति उन्हें अधिक उदार मानने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. आर्थिक विकास: भारत के विकास के लिए वन क्षेत्रों में गतिविधियों को विकसित करना महत्वपूर्ण है। इन गतिविधियों से आर्थिक विकास की गति बढ़ती है जो उन्हें उत्पादक बनाती है।

2. स्वावलंबन: वन क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों के अंतर्गत वन के संरक्षण तथा प्रबंधन का भी ध्यान रखा जाता है। इसलिए वन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को उनके आजीविका स्रोत का स्वावलंबन करने में मदद मिलती है।

3. उत्पादकता: वन क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इससे वनों से संबंधित उत्पादों का उत्पादन बढ़ता है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को फायदे पहुंचाते हैं।

(c) कृषि और बागवानी उत्पादों के लिए 'भौगोलिक संकेत' टैग मूल्य संवर्धन प्रदान करता है। इस पर एक नोट लिखिए। (125 शब्द) 10

'भौगोलिक संकेत' टैग उत्पादों को ब्रांड करने का एक तरीका है जो गुणवत्ता और मूल्य संवर्धन को बढ़ाता है। इस टैग का उपयोग कृषि और बागवानी उत्पादों के लिए किया जाता है, जहाँ यह उत्पादों के विशेषताओं और उनके उत्पादन स्थल के बीच संबंधों को समझाता है। यह टैग उत्पादकों के लिए एक मानक बनता है, जो उन्हें उनके उत्पादों को अन्य बाजारों से अलग करने में मदद करता है। इससे उत्पादकों को अधिक मूल्य उत्पादित करने में मदद मिलती है और इससे खेतों और बागों के विकास को संरक्षण के साथ भी संभव बनाया जा सकता है।

(d) हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में मदद की, लेकिन इसे अस्थिर माना जाता है। क्यों? (125 शब्द) 10

हरित क्रांति के द्वारा भारत में खाद्य सुरक्षा हासिल करने में विस्तृत सफलता हासिल हुई है। हालांकि, अस्थिरता की कुछ अहम वजहें हैं जो हमारी आजीविका, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण के बीच एक संघर्ष बनाती हैं। इनमें से कुछ मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:

1. मूलभूत संकट: भारत में बढ़ती जनसंख्या और खाद्य मांग को पूरा करने के लिए विस्तृत खेती की जावेगी। इसके साथ ही, सूखे, बाढ़, भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं और कीटों, बीमारियों, तथा कुछ अन्य कारणों से खेती अनिश्चित हो जाती है जो खाद्य सुरक्षा को अस्थिर बनाते हैं।

2. जैविक उत्पादों की असमान वितरण: हरित क्रांति ने जैविक उत्पादों का विस्तार किया, लेकिन इसके बावजूद उनका समान वितरण नहीं हुआ है। यह समस्या विभिन्न राज्यों में भिन्न तरीकों से दिखाई देती है।

प्रश्न-6 (a) एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (जिसे 3डी प्रिंटिंग भी कहा जाता है) क्या है? विविध क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता की व्याख्या कीजिए। (200 शब्द) 15

एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग एक नई प्रौद्योगिकी है जिसमें 3D मॉडलिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करके तीन आयामी वस्तुओं को बनाने के लिए अलग-अलग पद्धतियों का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा, निर्माण, विज्ञान, कला और अन्य क्षेत्रों में उपयोग की जाती है।

कुछ क्षेत्र जहाँ एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग का उपयोग किया जाता है:

1. उद्योग: एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद करती है। यह तकनीक उत्पादों को संशोधित करने या पुराने उत्पादों की मरम्मत करने के लिए भी उपयोगी होती है।

2. चिकित्सा: एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग चिकित्सा के क्षेत्र में भी उपयोग की जाती है। इससे डिजाइनर प्रोस्थेसिस और इम्प्लांट बनाए जा सकते हैं।

(b) कौन सी प्रासंगिक प्रौद्योगिकियां हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बन सकती हैं और काम के भविष्य को प्रभावित कर सकती हैं? (200 शब्द) 15

कुछ प्रासंगिक प्रौद्योगिकियां निम्नलिखित हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति के हिस्से बन सकती हैं और काम के भविष्य को प्रभावित कर सकती हैं:

1. संगठनात्मक मशीनों और एआई (Artificial Intelligence) - संगठनात्मक मशीनों और एआई के उपयोग से संगठनों में आधुनिकीकरण के विभिन्न पहलुओं को आसानी से संभव बनाया जा सकता है। यह उत्पादकता बढ़ाने, लागत को कम करने, गुणवत्ता को बेहतर बनाने और अतिरिक्त मानव संसाधनों की आवश्यकता को कम करने में मदद करता है।

2. ब्लॉकचेन - ब्लॉकचेन एक सुरक्षित और पारदर्शी नेटवर्क है जो कि डेटा को सुरक्षित ढंग से संग्रहित करता है। यह प्रौद्योगिकी लेखा-जोखा को सुगम बनाने, निष्पक्ष व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने और विभिन्न उद्योगों में विवादों को सुलझाने में मदद कर सकती है।

3. सेंसर्स - सेंसर्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) अब स्थानों और वस्तुओं के संबंध में जानकारी संग्रह करने में मदद करते हैं।

(c) डार्क मैटर' और 'डार्क एनर्जी" क्या हैं? हम कैसे जानते हैं कि डार्क मैटर प्रकृति में मौजूद है? (125 शब्द) 10

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी दोनों ही विज्ञान के वर्ग 'कॉस्मिक मिस्ट्री' से जुड़े हुए हैं। डार्क मैटर एक प्रकार का अस्तित्ववादी तत्व है जो विद्यमान चिर विद्युतीय कणों से भिन्न होता है और इसके पास अनुमानित गुणधर्म होते हैं। डार्क एनर्जी भी एक अस्तित्ववादी तत्व है, जो संग्रहीत ऊर्जा के स्रोत के रूप में काम करता है।

वैज्ञानिकों के अनुमानों के अनुसार, दरअसल इंगितों से पता चलता है कि डार्क मैटर प्रकृति में मौजूद है। वैज्ञानिक उन जगहों को अध्ययन करते हैं जहाँ भारी द्रव्यमान तारों का एक समूह होता है जिसे 'गैलेक्सी क्लस्टर' कहा जाता है। डार्क मैटर का प्रभाव इन गैलेक्सी क्लस्टर में तारों की गतिशीलता और इनकी आपस में क्रमशः आकर्षण के द्वारा होता है। वैज्ञानिक इन आकर्षणों के अनुसार डार्क मैटर की मात्रा का अनुमान लगाते हैं।

(d) परमाणु घड़ियों क्या हैं? यांत्रिक घड़ियों की तुलना में परमाणु घड़ियाँ समय को अधिक सटीकता से क्यों मापती हैं? (125 शब्द) 10

परमाणु घड़ियाँ एक उत्कृष्ट विज्ञान उपकरण हैं, जो अत्यंत सटीक समय मापने में मदद करते हैं। यांत्रिक घड़ियों के बारे में जाना जाता है कि वे अक्सर समय मापने में थोड़े से असंगत होते हैं, यह कम से कम उन घड़ियों के लिए सत्य होता है जो बहुत ही सटीकता से समय मापते हैं।

परमाणु घड़ियों में इलेक्ट्रॉनिक अणुओं के विसंगत लेवलों के बीच विद्युत उत्सर्जन से उत्पन्न होने वाली विकिरण को मापा जाता है। परमाणु घड़ियों का यह विशेषता है कि उनमें इलेक्ट्रॉनिक अणुओं के बीच के समय अंतर को बहुत ही सटीकता से मापा जा सकता है। इसलिए, परमाणु घड़ियाँ यांत्रिक घड़ियों से बहुत अधिक सटीक होती हैं और समय को मापने के लिए उन्हें अधिक उपयोगी माना जाता है।

परमाणु घड़ियों का उपयोग समय मापने के साथ-साथ, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, औद्योगिक उपकरणों और संचार तकनीकों आदि में भी किया जाता है।

नोट: ध्यान दें कि इन सभी प्रश्नों के उत्तर हमने चैटजीपीटी से लिए हैं और हमने इसमें खुद से कोई बदलाव नहीं किए हैं।

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English summary
What is Chat GPT? Chat GPT is an AI chatbot developed by Open AI that is a language-based model that the developer fine-tunes for human interaction in a conversational way. But is it really the right tool? So, in today's article, we haved see how Chat GPT will solve UPSC general knowledge question paper?
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