विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अगले शैक्षणिक सत्र से तीन प्राइवेट यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन कोर्स लॉन्च करने की मंजूरी दी दी है। यूजीसी द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस के अनुसार, एमिटी यूनिवर्सिटी, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज और जीएलए यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी गई है। यह तीनों यूनिवर्सिटी अब विभिन्न कोर्स के लिए ऑनलाइन कोर्स प्रदान कर सकते हैं। ऑनलाइन कोर्स अगेल शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू होगा।
यूजीसी द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस के अनुसार, इन तीन निजी विश्वविद्यालयों को यूजीसी (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम्स एंड ऑनलाइन प्रोग्राम्स) विनियम 2020 के तहत मान्यता प्रदान की गई है। एमिटी, मानव रचना और जीएलए विश्वविद्यालयों को अब पात्र विश्वविद्यालयों की सूची में जोड़ दिया गया है।
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज कुल 5 पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा। एमिटी यूनिवर्सिटी कुल 6 कोर्स ऑफर करेगी और जीएलए यूनिवर्सिटी कुल 2 कोर्स ऑफर करेगी। इन पाठ्यक्रमों के बारे में विवरण नीचे साझा किया गया है -
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज -
बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन
व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक
कला स्नातक - अर्थशास्त्र ऑनर्स
वाणिज्य स्नातक
मास्टर ऑफ कॉमर्स
एमिटी यूनिवर्सिटी -
बैचलर ऑफ सोशल वर्क
वाणिज्य स्नातक
कला स्नातक - पत्रकारिता और जनसंचार
मास्टर ऑफ आर्ट्स - पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस
सामाजिक कार्य के मास्टर
मास्टर ऑफ आर्ट्स - अंग्रेजी
जीएलए विश्वविद्यालय -
बैचलर ऑफ कॉमर्स - ऑनर्स
व्यवसायिक प्रबंधन में स्नातक
ये तीनों विश्वविद्यालय 2022 से 2023 के शैक्षणिक सत्र के लिए 2025 से 26 तक ऑनलाइन कार्यक्रम और पाठ्यक्रम संचालित करेंगे। इन विश्वविद्यालयों की मान्यता की अवधि जनवरी 2026 तक ही मान्य होगी। एमिटी यूनिवर्सिटी के लिए मान्यता की अवधि जनवरी 2027 में समाप्त हो जाएगी।यूजीसी द्वारा जारी नोटिस में लिखा है कि विश्वविद्यालय खुले और दूरस्थ शिक्षा मोड में पाठ्यक्रमों की पेशकश कर सकते हैं, आयोग के अनुमोदन के साथ, बशर्ते कि यह यूजीसी द्वारा अधिसूचित मुक्त और दूरस्थ शिक्षा मोड से संबंधित नियमों के तहत निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करता हो, चाहे उन्हें किसी भी नाम से जाना जाता हो।
28 अक्टूबर को आयोजित आयोग की 562वीं बैठक में मौजूदा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई थी और इन्हें 18 नवंबर को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। पिछले नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालयों को आयोग की पूर्व स्वीकृति के बिना मुक्त और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों की पेशकश करने की अनुमति थी, बशर्ते वे "नियमों के तहत निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करते हों।