HBSE 10th Topper Rishita Interview: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने 10 जुलाई को रात 8:30 बजे अचानक एचबीएसई 10वीं परीक्षा के परिणाम घोषित कर सबको चौंका दिया। इसके सही ही (BSEH) बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा कक्षा 10वीं टॉपर लिस्ट 2020 की भी घोषणा की गई। हिसार जिले के नारनौंद शहर की ऋषिता ने 100% अंक हासिल कर हरियाणा बोर्ड 10वीं परीक्षा में टॉप किया। ऋषिता ने हरियाणा बोर्ड परीक्षा 2020 में 500 में से पूरे 500 अंक प्राप्त कर पूरे राज्य में टॉप किया है। आपको जानकर हैरानी होगी की इस वर्ष टॉप 3 रैंक में 15 में से 14 लड़कियां हैं। करियर इंडिया ने ऋषिता से संपर्क किया और उन्होंने करियर इंडिया हिंदी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अपनी सफलता का राज बताया, पढ़ें पूरा इंटरव्यू।
जब ऋषिता से पूछा गया कि आपकी सफलता का राज क्या है ?
तो उन्होंने कहा कि मैं स्कूल से लौटने के बाद रोजाना चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी। मैंने कोई ट्यूशन नहीं लिया। मेरी इस सफलता में मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने मेरा पूरा साथ दिया।
क्या पढ़ाई का प्रेशर था और आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देंगी ?
इस पर ऋषिता ने कहा कि मुझे परीक्षा की तैयारी के दौरान या परिणाम के लिए जोर नहीं दिया गया था। मुझे खुशी है कि मेरे दो दोस्तों और सहपाठियों को दूसरा स्थान मिला। मैं अपनी सफलता अपने शिक्षकों को समर्पित करना चाहता हूं जिनके बिना यह हासिल नहीं किया जा सकता था।
क्या पढ़ाई के लिए आपने कोई टूल इस्तेमाल किया ?
इसपर उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूर रहती हूं। हां लेकिन पढ़ाई के लिए ऑनलाइन सर्चिंग जरूर करती हूं, अपने शिक्षकों, पापा-मम्मी और दोस्तों से मदद लेती हूं।
हरियाणा टॉपर ऋषिता के पिता नरेश कुमार हरियाणा सरकार के सहकारिता विभाग में सहायक लेखा परीक्षक हैं और जींद में तैनात हैं, जबकि उनकी मां नारनौंद के टैगोर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक प्राथमिक शिक्षिका हैं।
जब ऋषिता से पूछा गया कि आप भविष्य में क्या बनना चाहती हैं ?
तो उन्होंने कहा कि मैं ग्रामीण हरियाणा की सेवा करने के लिए डॉक्टर बनना चाहती हूं। मैंने अपने गाँव में लोगों को इलाज के लिए मरते हुए देखा है, मैं खुद को स्ट्रोंग बनाकर उनका इलाज करना चाहित हूं। मैं लोगों की सेवा करना चाहती उनका दुःख कम करना चाहती हूं।
आपकी लाइफ के रियल हीरो कौन है ?
ऋषिता ने कहा कि मेरी माँ और पिता मेरे हीरो हैं। उन्होंने मुझसे बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने और परिणाम के बारे में न सोचने का आग्रह किया। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं स्टेट टॉपर बनूंगी। वास्तव में, मैंने परीक्षा के दौरान नियमित रूप से बैडमिंटन खेला करती थी।
आगे की क्या प्लानिंग है आपकी ?
अभी तो मेडिकल फिल्ड में जाने के लिए मैं नीट परीक्षा की तैयारी कर रही हूं, पढ़ाई को लेकर बनाये गए टाइम टेबल का नियमित पालन कर रही हूं।
ऋषिता के पिता नरेश कुमार से जब बेटी के बारे में पूछा गया
उन्होंने कभी अपनी बेटी पर पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला। ऋषिता अपनी पढ़ाई को लेकर केंद्रित थी और देर रात तक पढ़ती थी। मैं उसके डॉक्टर का विकल्प चुनने के उसके फैसले का समर्थन करता हूं और उसे डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने में मदद करूंगा। माता-पिता को अपने बच्चों का सच्चा साथी होना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए।