नई दिल्ली: देश प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इंटरमीडिएट, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों ने नोटिस जारी कर, शेष परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि राज्य में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में हम छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते, इसलिए राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों, काॅलेजों और शिक्षण संस्थानों की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय किया है।
आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मिलेंगे अंक
सभी छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा के लिए प्रोमोट किया जएगा, छात्रों को सेमेस्टर की परीक्षाओं के आधार पर अंक देकर अगली की कक्षाओं में पदौन्नत कर दिया गया है। यदि को संस्थान परीक्षा करवाना चाहता है तो, उसे पहले यह तय करना होगा कि क्या उनके सभी छात्र ऑनलाइन पेपर देने ले लिए तैयार हैं। यदि को शिकायत मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। कहने का मतलब है कि विश्वविद्यालय और छात्रों दोनाें का ऑनलाइन परीक्षा के लिए तैयार होना होगा, तभी ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा सकती है।
यूनिवर्सिटी/कॉलेजों में नहीं होंगी परीक्षा, प्रमोट होंगे छात्र
हरियाणा उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों व काॅलेजों के साथ-साथ तकनीकी संस्थानों के छात्रों के लिए बड़ी खबर है। अब उनको परीक्षा नहीं देनी होगी, बल्कि उनको आगे प्रमोट कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में फाइनल समैस्टर व इंटरमीडिएट समैस्टर की कक्षाओं की परीक्षाएं संचालित नहीं करने का निर्णय लिया है। छात्रों को अगले समैस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा, जिसमें उनके पिछली परीक्षा में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत को वर्तमान समैस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ दिया जाएगा। यद्यपि कोविड-19 के बाद छात्र खुद परीक्षा में शामिल होकर ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं। यही फार्मूला दूरस्थ शिक्षा/प्राइवेट छात्रों के लिए लागू होगा।