BPSC 65th Toppers Interview: बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के नतीजे गुरुवार को जारी कर दिए गए। 65 वीं बीपीएससी की फाइनल परीक्षा में जिले के युवाओं का शानदार प्रदर्शन रहा है। इस जिले के कई छात्र-छात्राओं ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है। कुछ ने तो प्रथम प्रयास में ही इस परीक्षा को पास करने में सफलता हासिल की है। सभी ने जिद और संकल्प के बल पर सफलता पाई।
यूपीएससी परीक्षा का टारगेट (गौरव रैंक 1)
पेशे से मेकेनिकल इंजीनियर बीपीएससी 65वीं के बिहार टॉपर गौरव कुमार के निशाने पर यूपीएससी की परीक्षा है। इससे पहले बीपीएससी की 64 वीं परीक्षा में गौरव को 142 वीं रैंक मिली थी। जिससे वे संतुष्ट नहीं थे। इसे देख पुन: इस परीक्षा की तैयारी में जुट गए। गुरूवार को जब रिजल्ट घोषित हुए गौरव को पहली रैंक प्राप्त हुई तो उनको कॉल करने पर पता चला कि वे पुणे में हैं जहां यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं। 10 अक्टूबर को होने वाली यूपीएससी प्री की परीक्षा में सफलता को लेकर गौरव पूरी तरह आश्वस्त हैं।
मेहनत का फल मिलता है (चंदा भारती रैंक 2)
बांका के रजौन प्रखंड के बरौनी गांव की चंदा भारती ने बीपीएससी में दूसरा रैंक हासिल किया है। चंदा भारती फिलहाल बुडको में असिस्टेंट इंजीनियर हैं। चंदा की दसवीं की पढ़ाई डीएवी पाकुर और 12वीं की डीपीएस बोकारो से हुई है। उन्होंने बीआईटी सिंदरी से बीटेक की डिग्री ली है। उन्होंने बीपीएससी की तैयारी में जी जान लगा दी। परिणाम सुनने के बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है और परिवार गर्व महसूस कर रहा है। उनकी माता का नाम कुंदन कुमारी है जो एक शिक्षिका हैं और पिता विवेकानंद यादव असिस्टेंट इंजीनियर हैं। वह कहती हैं की मेहनत का फल जरूर मिलता है।
तैयारी के समय रिवीजन जरूरी (वरुण कुमार रैंक 3)
बिहारशरीफ के वरुण कुमार ने बीपीएससी में तीसरा रैंक हासिल किया है। उनकी दसवीं की पढ़ाई सैनिक स्कूल नालंदा से हुई और दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। फिलहाल वह मास्टर की पढ़ाई दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी की और पहले ही अटेम्प्ट में उन्होंने बीपीएससी के तीसरे रैंक पर अपना कब्जा जमाया। उन्होंने बताया कि हम किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं तो हमें तीन चीजें चाहिए, अनुशासन, अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना और कंसिस्टेंसी। साथ ही तैयारी करते वक्त रिवीजन करते रहना बहुत आवश्यक है।
अगला लक्ष्य यूपीएससी (सुमित रैंक 4)
पटना संत माइकल हाईस्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले सुमित कुमार को बीपीएससी में चौथा रैंक मिला है। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग की और उसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। 64वीं बीपीएससी में उन्हें 855वां रैंक मिला। दूसरे प्रयास में चौथा रैंक प्राप्त किया है। उनको एसडीएम का पद मिला है। लेकिन अभी यूपीएससी की तैयारी में ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। पिता शंभुनाथ मंडल स्टेट फूड कॉरपोरेशन से रिटायर्ड हैं और माता रेणु कुमारी हाउसवाइफ हैं। एक साल कोचिंग ली। पूर्व प्रश्न पत्र के आधार पर सेल्फ स्टडी की।
ऐसे की बीपीएससी की तैयारी (एस प्रतीक रैंक 7)
मुजफ्फरपुर के प्रतीक ने बीपीएससी परीक्षा के अपने दूसरे अटेम्प्ट में सातवां स्थान प्राप्त किया है। पहले अटेम्प्ट में 53 रैंक मिलने के बाद टॉप 10 में आने के लिए पिछली बार से ज्यादा मेहनत की और उसका परिणाम भी हासिल किया। 2014 में आईआईटी रुड़की से पढ़ाई पूरी करने के बाद बीसीसीएल कुसुंडा एरिया में काम कर रहे थे। नौकरी करते हुए उन्होंने बीपीएसी की तैयारी की जिसमे उनके माता पिता और उनकी पत्नी ने पूरा सहयोग दिया। उनका कहना है ऑनलाइन कोचिंग और सेल्फ स्टडी से उन्होंने अपनी उम्मीद से बेहतर परिणाम हासिल किया है।
यूपीएससी की है जिद (आदित्य रैंक 8)
भोजपुर के चांदी गांव के रहने वाले आदित्य कुमार ने बीपीएससी परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही आठवां रैंक हासिल कर लिया। इनके पिता प्रकाश चंद्रा गांव में ही एक छोटा किराना दुकान चलाते हैं। 2015 में आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री लेने बाद डाटा साइंस की नौकरी की इसके बाद पिछले एक साल से असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर की नौकरी कर रहे है। मॉक इंटरव्यू के कुछ सेशन के साथ अपनी सेल्फ स्टडी के बदौलत इस रैंक को हासिल किया। यूपीएससी क्रैक करने की जिद है जिसकी तैयारी आगे भी नौकरी के साथ करना है।
बीपीएससी में जाने की ठानी (अनामिका रैंक 9)
गोपालगंज जिला के बखरी गांव की अनामिका ने बीपीएसी परिक्षा 9वां रैंक हासिल किया है। आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2015 से टिप्सो सॉफ्टवेयर में नौकरी की। इसके बाद सिविल सर्विस में जाने की ठानी और 2018 में नौकरी छोड़कर इसकी तैयारी करनी शुरू कर दी। यूपीएसी की परीक्षा में अनामिका ने 348वां रैंक प्राप्त किया है और अब वो अपनी पसंदीदा आईएस सर्विस पोस्ट का इंतजार कर रही हैं उनका कहना है कि अगर उन्हें ये पोस्ट नहीं मिला तो बीपीएससी ज्वाइन करेंगी। उन्होंने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने माता- पिता और पूरे परिवार को दिया और कहा बिना उनके सहयोग के इस रैंक को प्राप्त करना मुमकिन नहीं था।
कोचिंग नहीं ली, सेल्फ स्टडी की (अंकित रैंक 10)
डिफेंस पब्लिक सेक्टर में पिछले 8 साल से कम कर रहे अंकित कुमार ने बीपीएससी परीक्षा के तीसरे प्रयास में 10 रैंक प्राप्त किया है। भागलपुर के सहुपरबत्ता गांव के रहने वाले अंकित ने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई 2013 में पूरी की। पिता दिलीप कुमार साहू गांव में आयुर्वेद के चिकित्सक थे। पिछले कुछ वर्षों से खेती करते हैं। माता अंजु कुमारी प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका हैं। बीपीएससी की तैयारी में किसी तरह की कोचिंग नहीं की बस सेल्फ स्टडी से अपना फोकस बनाए रखा और मिशन 50 से इंटरव्यू सेशन लिया और गाइडेंस प्राप्त किया।