BPSC 67th Exam Date 2022: बीपीएससी 67वीं परीक्षा कब होगी? यह निर्णय 15 मई को सीडीपीओ की परीक्षा के बाद आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन की अध्यक्षता में बैठक के बाद होगा। संभव है कि तब तक जांच रिपोर्ट भी आ जाए। आयोग के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार के अनुसार रद्द परीक्षा के फिर से आयोजन से पहले यूपीएससी और अन्य आयोगों के परीक्षा कराने की तैयारी का भी अध्ययन किया जाएगा। बीपीएससी के सचिव जीउत सिंह के अनुसार तीन माह के अंदर रद्द 67 वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा फिर से ली जा सकती है। साइबर सेल पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा गलती कहां हुई। इसके बाद फुलप्रूफ तैयारी कर परीक्षा ली जाएगी।
बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग के बीपीएसपी पीटी प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आराके कुंवर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ योगेन्द्र सिंह, बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता, कंट्रोलर सुशील कुमार सिंह और सुपरिटेंडेंट अगम कुमार को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही ईओयू ने बीपीएससी से परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों की लिस्ट बीपीएससी से मांगी है, जिसमें 100 से अधिक कर्मचारी शामिल है।
ईओयू का साइबर सेल हर एंगल से बीपीएससी पेपर लीक मामले की तफ्तीश कर रहा है। संदिग्धों के मोबाइल ट्रैक किए जा रहे हैं। अगले दो-तीन दिनों में कोई और गिरफ्तारी हो सकती है। खासबात यह है कि स्टैटिक मैजिस्ट्रेट जयवर्द्धन गुप्ता को विजिलेंस ब्यूरो ने वर्ष 2018 में 1 लाख रिश्वत लेने के मामले में भी गिरफ्तार किया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस कॉलेज से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह यूनिवर्सिटी से मान्य ही नहीं है।
बता दें कि कुंवर सिंह कॉलेज में बीपीएससी 67वीं परीक्षा के लिए सेंटर बनाया गया था। दोपहर 12 बजे से शुरू होने के बाद भी जब प्रश्न पत्र नहीं बांटे गए तो अभ्यर्थियों ने हंगामा किया। तब कॉलेज प्रबंधन ने उम्मीदवारों से कहा कि किसी कारण, प्रश्न पत्र देने में विलंब हो रहा है, आपका समय बर्बाद नहीं होगा, आपको परीक्षा के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। लेकिन जब उम्मीदवारों ने देखा कि दूसरे कमरे में प्रश्न पत्र बांटे जा चुके हैं तो, उन्होंने प्रश्न पत्रों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी दी।
67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में 5 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए। जानकारों के मुताबिक एक छात्र का औसतन खर्च कम से कम 600 रुपए माने तो भी लगभग 30 करोड़ की राशि का नुकसान हुआ। एक परीक्षा के आयोजन में पहले औसतन 2 से 2.5 करोड़ खर्च होता था, इस बार अधिक परीक्षार्थी होने से खर्च बढ़कर लगभग 3.5 करोड़ होने का अनुमान है।
छात्राओं का होम टाउन सेंटर था, जबकि छात्रों का सेंटर अलग-अलग शहरों में दिया गया था। 6.02 लाख ने आवेदन किया था। परीक्षा में लगभग 5 लाख शामिल हुए। इनमें कुछ छात्र दूसरे राज्यों से भी आए थे। इसी मामले में विपक्ष के मुआवजे की मांग पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि आजतक कभी किसी को मुआवजा मिला है क्या? पेपर लीक होने के बाद रद्द करने से तो छात्रों को राहत ही मिलेगी। इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।