Bihar STET Result 2021 Story Behind Candidates Protesting Controversy Top 10 Points: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 21 जून 2021 को बीएसईबी एसटीईटी 2019 का रिजल्ट जारी होने के बाद से लगातार छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि जब हम पास हैं तो मेरिट लिस्ट में नाम क्यों नहीं है? इसपर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार एसटीईटी रिजल्ट 2019-21 में पास सभी उम्मीदवार शिक्षक भर्ती के पात्र हैं। बिहार एसटीईटी पास करने वाले सभी अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए आवदेन कर सकते हैं। अभ्यर्थियों से मेरी अपील है कि लोगों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम से बचें। किसी के बहकावे में न आएं। लेकिन फिर भी बिहार एसटीईटी 2019 में पास हुए उम्मीदवार बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। आखिर क्या है इस प्रदर्शन के पीछे की कहानी जानिए...
1. बिहार बोर्ड द्वारा बनाई गई मेरिट लिस्ट से एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक नाराज हैं। उनका सवाल यह है कि जब सफल उम्मीदवारों की कुल संख्या कुल रिक्तियों से कम है, तो हजारों योग्य उम्मीदवारों को मेरिट सूची से बाहर क्यों किया जाता है?
2. एसटीईटी 2019 के सफल उम्मीदवारों का सवाल यह है कि जब विज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि इस बार योग्य उम्मीदवारों की संख्या रिक्तियों के बराबर होगी, तो इतने उम्मीदवारों को मेरिट सूची से बाहर कैसे किया गया?
3. उम्मीदवार पूछ रहे हैं- मेरिट लिस्ट में किसे और किस आधार पर जगह दी गई है? हालांकि, बिहार सरकार ने कहा कि चूंकि टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता अभी जीवन भर के लिए है, उसी आलोक में एसटीईटी 2011 के सफल उम्मीदवारों को भी फिर से शुरू होने के सातवें चरण में मौका दिया जा रहा है।
4. एसटीईटी 2019 के सफल अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार विषयवार कट ऑफ अंक सार्वजनिक करे।
5. उम्मीदवारों का यह भी आरोप है कि सरकार एसटीईटी 2019 के अपने विज्ञापन का पालन नहीं कर रही है और रिक्त सीटों की संख्या से अधिक उम्मीदवारों को योग्य बनाकर इस भर्ती प्रक्रिया को जटिल बनाने की कोशिश कर रही है।
6. अभ्यर्थियों का आरोप है कि कम अंक वालों को मेरिट सूची में स्थान दिया गया है जबकि अधिक अंक वालों को बाहर रखा गया है। हालांकि इस आरोप पर सरकार को अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, लेकिन शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सभी एसटीईटी पास उम्मीदवारों को शिक्षक भर्ती में समान मौका मिलेगा।
7. अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया के नाम पर उनसे फोन पर रिश्वत मांगी जा रही थी, फिर भी इन आरोपों की जांच नहीं हुई। बोर्ड ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उम्मीदवारों की निजी जानकारी कैसे लीक हुई।
8. प्रत्याशी चिंतित हैं कि छठे चरण की तरह सातवें चरण की बहाली प्रक्रिया भी कोर्ट में उलझने की कोशिश कर रही है। वे भी आशंकित हैं और महसूस करते हैं कि जब 2011 में पास हुए उम्मीदवारों को नौकरी नहीं मिली तो उनकी बहाली में सालों की देरी नहीं होनी चाहिए।
9. अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं। उनके बयानों में कोई स्पष्टता और एकरूपता नहीं है।
10. शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने भी एक उम्मीदवार से बातचीत के दौरान इस बात पर सहमति जताई कि विभाग बहाली प्रक्रिया में अपने विज्ञापन की सभी शर्तों को पूरा करेगा।