Bihar News: पटना विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई फिर शुरू हो सकती है। कुलपति गिरीश कुमार चौधरी ने सिंडिकेट सदस्यों से अनौपचारिक चर्चा में पटना विश्वविद्यालय में दुबारा इंटर की पढ़ाई शुरू करने पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान सिंडिकेट सदस्यों ने भी इसपर अपनी हामी जताई और कहा कि जल्द से जल्द इसे शुरू किया जाना चाहिए। हालांकि, इसी बैठक के बाद अभी तक कोई आधिकारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।
इस मामले पर पटना विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि सिंडिकेट सदस्यों की राय के अनुरूप, कुलपति आगे की प्रक्रिया पर अपना निर्णय लेंगे। छात्र और शिक्षा पहले भी पटना विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई शुरू करने की मांग करते रहे हैं।
गौरतलब है कि पटना विवि में 2006 से इंटर की पढ़ाई बंद हो चुकी है। जबकि अन्य सभी विश्वविद्यालयों में यह अभी भी जारी है। पटना विवि को दूरस्थ शिक्षा माध्यम से इंटर की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव ओपन स्कूलिंग बोर्ड ने दिया है। लेकिन डीडीई की मान्यता पर फैसला नहीं होने से प्रस्ताव लंबित है।
पटना विश्वविद्यालय के छह कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई 2006 तक होती थी। इसमें बीएन कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज में आर्ट्स व साइंस संकाय, पटना कॉलेज में आर्ट्स संकाय, वाणिज्य महाविद्यालय में कॉमर्स संकाय और पटना साइंस कॉलेज में विज्ञान संकाय में इंटर की पढ़ाई होती थी।
इस संबंध में पटना विवि के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने बताया कि पटना विवि के किसी भी कॉलेज में इंटर में नामांकन होना गर्व का विषय था। सरकार को एक बार फिर पटना विवि में इंटर की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए, जिससे छात्रों को बेहतर संस्थान इंटर स्तर से ही उपलब्ध हो सके।
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी रासबिहारी सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई की इजाजत ही नहीं देती। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास कर सकता है, लेकिन इसका पारित होना मुश्किल है।
नई शिक्षा नीति पारित हो चुकी है और इसमें स्पष्ट है कि कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई नहीं हो सकती। इंटर की पढ़ाई प्लस टू स्कूलों में ही होगी। इसलिए अब कॉलेजों में नए सिरे से इंटर की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति मिलने का कोई आधार नहीं है।