Bihar Board 10th Passing Criteria and Grading System: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा कक्षा 10वीं का रिजल्ट जल्द जारी किए जाने की संभावना है। जारी कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार रिजल्ट मार्च महिने के अंत तक में कभी भी जारी किया जा सकता है। रिजल्ट जारी करने की आधिकारिक सूचना बोर्ड द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की जाएगी। बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 16 लाख से अधिक छात्र अपने परीक्षाफल का इंतजार कर रहे हैं। बीएसईबी (BSEB) मैट्रिक की परीक्षा का रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करेगी। एक बार रिजल्ट जारी होने के बाद बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए छात्र अपना परीक्षा रिजल्ट biharboardonline.bihar.gov.in से जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
बीएसईबी द्वारा इस साल कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन कई बड़े बदलावों के साथ किया गया था। इस साल मैट्रिक की परीक्षा के पैर्टन के साथ बीएसईबी द्वारा पासिंग मार्क्स और अंक योजना के मानदंडों में भी बदलाव किया गया। जिसके बारे में आपको जानना आवश्यक है। आइए आपको नए मानदंडों के बारे में बताएं।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव
बड़े बदलावों के साथ किया गया था बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा का आयोजन। बोर्ड द्वारा इस साल मैट्रिक की परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न यानी एमसीक्यू की संख्या बढ़ाई गई थी। इसके साथ ही पसंद के विकल्पों में भी बढ़ोतरी देखी गई थी। ताकि छात्र की सहायता की जा सकें। परीक्षा पैटर्न के साथ बोर्ड द्वारा अंक योजना में भी कई बदलाव किए गए हैं। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है।
पासिंग क्राइटेरिया हुआ बदलाव
जैसा की आपको बताया की इस साल मैट्रिक की परीक्षा का आयोजन कई बड़े बदलावों के साथ किया गया था। उसमें एक बदलाव अंक योजना यानी मार्किंग स्कीम में भी किया गया था। इस नए बदलाव के साथ परीक्षा पास करने के लिए छात्र को कम से कम 30 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता है। पहले 33 प्रतिशत अंक वाले छात्र को पास माना जाता था। लेकिन इन नए मानदंड के माध्यम से पासिंग अंकों में परिवर्तन कर इसे 30 प्रतिशत कर दिया गया।
प्रत्येक विषय की परीक्षा 100 अंकों के लिए आयोजित की गई थी। यानी छात्रों का रिजल्ट कुल 500 अंकों में से तैयार किया जाएगा। जिसके अनुसार छात्र को परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम 150 अंकों की आवश्यकता है। लेकिन इसके साथ आपको बता दें कि प्रत्येक विषय में 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना भी आवश्यक है।
अंक योजना यानी मार्किंग स्कीम में इस बदलाव के अनुसार वैकल्पिक विषयों को छोड़कर प्रत्येक मुख्य विषय में पास होने के लिए छात्र के 30 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है। थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा दोनों को मिलाकर का परीक्षा का आयोजन कुल 100 अंकों के लिए किया गया था। जिसके अनुसार छात्रों को प्रत्येक विषय की परीक्षा पास करने के लिए 30 अंकों की आवश्यकता है। बता दें कि वहीं वैकल्पिक विषयों का आयोजन 50 अंकों के लिए किया गया था।
श्रेणी के आधार पर ग्रेडिंग सिस्टम
परीक्षा का रिजल्ट को ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर बांटा जाता है, जिसमें प्रथम श्रेणी (फर्स्ट डिवीजन), द्वितीय श्रेणी (सेकंड डिवीजन) और तृतीय श्रेणी (थर्ड डिवीजन) में पास होने के लिए अंकों की जानकारी शामिल होती है। ग्रेडिंग सिस्टम के अनुसार प्रथम श्रेणी में पास होने के लिए छात्रों को 300 या उससे अधिक अंकों की आवश्यकता है, द्वितीय श्रेणी में पास होने के लिए छात्रों को 225 से 300 अंकों के बीच के अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है। वहीं तृतीय श्रेणी के लिए 150 से 225 अंकों के बीच अंक प्राप्त करने होंगे।