AIR 5 IAS Srushti Jayant Deshmukh Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने और अखिल भारतीय रैंक 5 हासिल करने वाली सृष्टि जयंत देशमुख की सफलता की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। उनकी यात्रा दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और एकाग्रता से भरी है।
सफलता प्राप्त कर चुके प्रत्येक यूपीएससी उम्मीदवार के पीछे धैर्य, बलिदान और लचीलेपन की कहानी छिपी होती है। ये कहानियाँ उन परीक्षणों और कठिनाइयों, उतार-चढ़ाव और आत्म-संदेह और विजय के क्षणों को समाहित करती हैं जो एक आकांक्षी की यात्रा को आकार देते हैं।
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अक्सर छोटे शहरों से लेकर बड़े रौशनदार शहरों तक, विविध पृष्ठभूमियों से लेकर विविध करियर पथों तक, व्यक्ति एक चौराहे पर एकत्रित होते हैं, और एक आम से सपने के लिए खुद को समर्पित कर देते हैं। यह सपना है सिविल सेवाओं में एक प्रतिष्ठित स्थान हासिल करना और देश की प्रगति में योगदान देना।
आज के लेख में हम यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 में अखिल भारतीय रैंक AIR 5 हासिल करने वाली आईएएस अधिकारी सृष्टि देशमुख की सफलता की कहानी जानेंगे। कैसे उन्होंने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की और देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा को पास कर लिया। हम जानेंगे उनकी सफलता की कहानी और अध्ययन की रणनीति विस्तार से-
समर्पण और निरंतरता
सृष्टि देशमुख की सफलता समर्पण और निरंतरता के महत्व को रेखांकित करती है। आईएएस अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी। उनका कहना है कि परीक्षा देने से पहले उसे समझना जरूरी है। इसके लिए अपनी स्ट्रैटेजी बनाएं और अपनी कमियों व असफलताओं को स्वीकार करने की हिम्मत रखें। लगातार आवश्यक प्रयास करते रहना, यहां तक कि उन दिनों में भी जब प्रेरणा कम हो गई हो। दीर्घकालिक प्रयास सफलता के लिए महत्वपूर्ण होता है।
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प्रभावी समय प्रबंधन
सृष्टि ने अपना समय कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया, जो यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है। उनका मानना है कि अध्ययन के दौरान कई विषयों का पुनरीक्षण और अभ्यास परीक्षणों को संतुलित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता होती है। प्रत्येक विषय को उसके महत्व के आधार पर समय आवंटित करना, यथार्थवादी अध्ययन लक्ष्य निर्धारित करना और एक अच्छी तरह से संरचित समय सारिणी का पालन करना, उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण भाग है।
असफलता से अनुकूलनशीलता और सीख
सृष्टि कहती हैं कि हर उम्मीदवार के लिए यूपीएससी की तैयारी की यात्रा चुनौतियों से भरी होती है। वे कहती हैं कि अपने असफलताओं से सीखें और निरंतरता बनाएं रखे। अपने असफलता का सामना करें, लेकिन निराश होने के बजाय इसे सीखने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। अपनी सफलता के बारे में उन्होंने बताया कि अपनी अध्ययन रणनीतियों को अपनाने, अपनी कमजोरियों की पहचान करने और अपनी गलतियों के आधार पर लगातार सुधार कर अंतिम सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ।
सिविल सेवा परीक्षा 2018 में अखिल भारतीय रैंक 5 प्राप्त करने वाली सृष्टि देशमुख कहती हैं कि जब आप यूपीएससी के लिए तैयारी करने का मन बना लें तो पहले प्रयास को ही अपना आखिरी प्रयास समझ लें। इससे आपकी तैयारी सर्वश्रेष्ठ होगी। अगर आपने अपने मन को समझा लिया कि यह आपका आखिरी प्रयास है तो आप इस प्रयास में अपना सब कुछ लगा सकेंगे। इसे अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होना कह सकते हैं।
तैयारी के लिए समग्र दृष्टिकोण
सृष्टि की सफलता यूपीएससी की तैयारी के लिए समग्र दृष्टिकोण के महत्व का प्रमाण है। शिक्षाविदों के सुझावों पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, उन्होंने करंट अफेयर्स, निबंध लेखन और उत्तर प्रस्तुति को अधिक महत्व दिया और लगातार अच्छी पकड़ बनाए रखा। वे कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा के विभिन्न खंडों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक सर्वांगीण कौशल सेट विकसित करना आवश्यक है।
सृष्टि ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना था कि वे एक आईएएस अधिकारी बनें, उन्होंने कभी यह नहीं ध्यान दिया कि देश के सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए उन्हें देश के सबसे कठिन परीक्षा को पास करना होगा। वे कहती हैं कि मेरा सारा ध्यान केवल लक्ष्य पर था, मैंने राह की परवाह कभी की ही नहीं। मुझे केवल मेरा लक्ष्य दिखाई देता था।
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आत्म-विश्वास और सकारात्मक मानसिकता
सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना और स्वयं पर विश्वास करना सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। सृष्टि की सफलता की यात्रा का सार केवल इतना है कि आत्मविश्वास, क्षमताओं में दृढ़ विश्वास, दृढ़ता और बाह्यिक चुनौतियों पर काबू पा लेना। यूपीएससी की तैयारी के दौरान अपने आप को सकारात्मकता से घेरे रखना बेहद आवश्यक हैं, क्योकि यहां क्षणों के अंदर सेल्फ डाउट जन्म ले लेता है। सफल व्यक्तियों से प्रेरणा लेना आपके मनोबल को बढ़ाता है और तैयारी के लिए उचित मार्गदर्शन करती है। सृष्टि जयंत देशमुख की उल्लेखनीय उपलब्धि यूपीएससी परीक्षा में सफल होने का लक्ष्य रखने वाले उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
सोशल मीडिया से दूरी बेहद है जरूरी
आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख का मानना है कि सोशल मीडिया केवल समय की बर्बादी होती है। यूपीएससी की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से जितना दूर रहा जाये उतनी भलाई है। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि मेहनत सभी करते हैं लेकिन प्रत्येक उम्मीदवार के सोचने का तरीका और समझने के तरीके में फर्क होता है। इसलिए ऊर्जा का उचित दिशा में खर्च करना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया से केवल डिस्ट्रैक्शन होता है और कुछ नहीं। उन्होंने बताया कि मैंने ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद को सोशल मीडिया से दूर रखा। यह मैंने तब किया जब मैंने बस तैयारी शुरु ही की थी।
करेंट अफेयर्स मेरी तैयारी का पहला स्तंभ था
सृष्टि देशमुख बताती हैं, समाचार पत्रों ने मुझे चीजों के बारे में जानने और मुद्दों को गहराई से समझने में मदद की। यह हमें अलग-अलग दिनों में संपादकीय पृष्ठों पर विरोधाभासी दृष्टिकोणों के माध्यम से अपनी राय बनाने की अनुमति देता है। मैंने अपने स्वयं के नोट्स बनाने का निर्णय लियाक्योंकि मैं प्रीलिम्स, मेन्स से संबंधित आदि के आधार पर चीजों को वर्गीकृत कर सकती थी। मेन्स उन्मुख नोट्स को सामाजिक, राजनीति, आर्थिक, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण आदि में विभाजित किया था। विज़न की मासिक पत्रिका ने मेरी तैयारी को अंतिम रूप दिया।
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मैंने पीआईबी फ़ीड की सदस्यता ली थी, जहां योजनाओं, डेटा, ब्रीफिंग को अच्छी तरह से कवर किया जाता है। आपको हर खबर पढ़ने की ज़रूरत नहीं है लेकिन यह निर्णय लेने की क्षमता व विशेषज्ञता समय के साथ आ जायेगी। आरएसटीवी और इसके कार्यक्रम जैसे द बिग पिक्चर, इंडियाज़ वर्ल्ड आदि ने वास्तव में मुझे मुद्दों को अच्छी तरह से जानने में मदद की। मैंने कभी-कभी आकाशवाणी पर समाचारों पर कार्यक्रम समाचार विश्लेषण भी सुना। यह भी वास्तव में मददगार होता है।
सृष्टि जयंत देशमुख की सफलता के मूलमंत्र
- समर्पण
- समय प्रबंधन
- अनुकूलन क्षमता
- समग्र तैयारी
- सकारात्मक मानसिकता