AIR 4 IAS Smriti Mishra Success Story: इस वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप 10 में से 6 महिला उम्मीदवारों ने अपनी जगह बनाई है। इन 10 महिला उम्मीदवारों में से पहले स्थान पर इशिता किशोर, दूसरे स्थान पर गरिमा लोहिया, तीसरे स्थान पर उमा हरति एन, चौथे स्थान पर स्मृति मिश्रा, छठे स्थान पर गहना नव्या जेम्स और नौवें स्थान पर कनिका गोयल रहीं।
आज हम यूपीएससी सक्सेस स्टोरी सीरीज में अखिल भारतीय रैंक यानी AIR 4 हासिल करने वाली स्मृति मिश्रा की सफलता की कहानी जानेंगे। इसके साथ ही हम जानेंगे कि किन कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 4 हासिल किया। आइए जानते हैं यूपीएससी सिविल सेवा AIR 4 और IAS स्मृति मिश्रा को करीब से।
प्रयागराज की रहने वाली स्मृति मिश्रा ने देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) 2022 परीक्षा में चौथी रैंक हासिल करके एक प्रभावशाली उपलब्धि हासिल की है। बरेली में तैनात डीएसपी राजकुमार मिश्रा की बेटी स्मृति की उल्लेखनीय उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि उनके गृहनगर को भी गौरवान्वित किया है।
स्मृति मिश्रा ने बड़े दृढ़ संकल्प के साथ सिविल सेवक बनने की अपनी यात्रा शुरू की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली में लॉ की डिग्री हासिल की। अपने लगातार प्रयासों से, स्मृति दूसरी बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं और विजयी रहीं और देश में प्रतिष्ठित चौथी रैंक हासिल की।
कैसे शुरू हुई स्मृति की यूपीएससी की यात्रा
स्मृति मिश्रा की यूपीएससी टॉपर बनने की यात्रा COVID-19 के प्रकोप से उत्पन्न चुनौतियों के बीच शुरू हुई। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें 2021 में जब वे पहली बार यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुई तो उन्हें CSAT में विफलता का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक ओर बार प्रयास करने का सोचा।
...इसकी कभी कल्पना नहीं की थी
अपने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त करने वाली और देश भर में चौथी रैंक हासिल करने वाली आईएएस स्मृति बताती हैं, पहली बार सीसैट में असफलता प्राप्त होने के बाद कभी नहीं सोचा था कि यूपीएससी में अखिल भारतीय रैंक हासिल कर पाउंगी। यह कुछ ऐसा था जिसकी मैंने कभी कल्पना नहीं की थी। चौथी रैंक हासिल करने की खबर से स्मृति और उनके पूरे परिवार के सदस्य बेहद खुशी और उत्साहित थें।
परिवार के लिए सिविल सेवा का महत्व
प्रयागराज की रहने वाली स्मृति मिश्रा एक ऐसे परिवार में पली बढ़ीं जहां परिवार द्वारा लोक सेवा या सिविल सेवा को खूब महत्व दिया जाता है। उनके पिता, राजकुमार मिश्रा, बरेली में सीओ के रूप में कार्यरत हैं, और उनके भाई सुप्रीम कोर्ट में एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं। परिवार में रहते हुए ही स्मृति ने देश के हित में कार्य करने और देश सेवा करने की भावना जगाई।
पढ़ाई में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
अपनी शैक्षणिक यात्रा के दौरान, स्मृति ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लक्ष्य के साथ सार्वजनिक सेवा में आने की गहरी रुचि विकसित की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) की डिग्री हासिल की। स्मृति की स्कूली शिक्षा आगरा के सेंट क्लेयर हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई।
लड़कियों के लिए बनीं प्रेरणा
स्मृति की सफलता ने न केवल उनके शैक्षणिक संस्थानों को गौरवान्वित किया, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा हासिल की, बल्कि उन्होंने भारत में सिविल सेवाओं में शामिल होने की इच्छा रखने वाले कई युवाओं, विशेषकर लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई।
संघर्ष और चुनौतियों से भरी यूपीएससी की यात्रा
यूपीएससी के लिए तैयारी से लेकर रैंक 4 हासिल करने तक स्मृति मिश्रा की यात्रा संघर्ष और चुनौतियों से भरी रही। एक ऐसे माहौल में जहां लाखों की संख्या में उम्मीदवार सीमित पदों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थें, उस माहौल में उन्होंने अपने अटूट समर्पण और कड़ी मेहनत से उक्त रैंक हासिल की। उन्होंने अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए वो सब कुछ किया जिसकी उन्हें आवश्यकता महसूस हुई।
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
स्मृति ने यूपीएससी की तैयारी के लिए खुद को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान तीन साल तक खुद को सोशल मीडिया जैसे कई प्लैटफॉर्म से अलग रखा। इतना ही नहीं उन्होंने फुर्सत और निजी समय का त्याग करते हुए अनगिनत घंटे अपनी पढ़ाई को समर्पित किए। वे कहती हैं कि पढ़ाई उन्होंने कभी घंड़ी देख कर नहीं की।
यूपीएससी यात्रा में मिली असफलताएं
किसी ने क्या खूब कहा है कि असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है। असफलताओं का सामना करने के बावजूद, स्मृति ने उम्मीद नहीं खोई और देश की सेवा करने के अपने सपने को हासिल करने के लिए अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया और निरंतरता बनाई रखीं। सिविल सेवा के प्रति उनका दृढ़ संकल्प और जुनून उनकी सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति बन गया।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की रणनीति
इतिहास, भूगोल, राजनीति और करंट अफेयर्स जैसे विषयों को कवर करने वाले विशाल और विविध पाठ्यक्रम को देखते हुए, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की रणनीति के लिए अनुशासन और फोकस की आवश्यकता होती है। स्मृति ने स्व-अध्ययन या सेल्फ स्टडी पर जोर दिया और पाया कि खुद के नोट्स बनाना याद रखने के लिए बेहद फायदेमंद है। उन्होंने लिखने का अभ्यास किया, जिसने उनके लेखन कौशल को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो यूपीएससी परीक्षा का एक प्रमुख पहलू है।
वैकल्पिक विषय का चयन महत्वपूर्ण
मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय का चयन महत्वपूर्ण महत्व रखता है। स्मृति ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में प्राणीशास्त्र को चुना। उन्हें यह दिलचस्प लगा और इससे अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिली। स्मृति का कहना है कि वैकल्पिक विषय का चुनाव उम्मीदवार की समग्र रैंकिंग पर बहुत प्रभाव डाल सकता है, इसलिए ऐसे विषय का चयन करना आवश्यक होता है जो किसी की रुचि और पकड़ के अनुरूप हो।
स्मृति मिश्रा की सफलता का राज
स्मृति मिश्रा की यूपीएससी टॉपर बनने की यात्रा दृढ़ संकल्प, समर्पण और लगातार प्रयासों की शक्ति को दर्शाती है। उनकी उपलब्धि उन संभावनाओं के प्रमाण के रूप में खड़ी है जो उन लोगों का इंतजार करती हैं जो दृढ़ रहते हैं और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं। अपनी प्रेरक सफलता के साथ, स्मृति ने न केवल एक प्रतिष्ठित रैंक हासिल की है, बल्कि सार्वजनिक सेवा की भावना और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के दृढ़ संकल्प का उदाहरण भी दिया है।
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