AIR 3 IAS Uma Harathi N Success Story: सिविल सेवा को देश की सबसे उच्च सेवा माना जाता है। भारत में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करना निस्संदेह सबसे चुनौतीपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। हर साल लाखों उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन कुछ ही अपनी कड़ी मेहनत और लगन से परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। जानिए ऐसी ही कई नाकामयाबी के बाद यूपीएससी 2022 अखिल भारतीय रैंक 3 बनीं टॉपर उमा हरति एन की सफलता की कहानी।
आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष, अनगिनत उम्मीदवार इस प्रतियोगी परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन केवल कुछ चुनिंदा लोग ही अंतिम सूची में अपना स्थान सुरक्षित कर पाते हैं। इन सफल उम्मीदवारों में से कुछ अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा में सफल हो जाते हैं, जबकि अन्य को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कुछ और प्रयास करने पड़ सकते हैं। आइये आज हम जानते हैं उमा हरति एन की यूपीएससी की यात्रा कैसी रही? इन दौरान उन्होंने किन-किन परिस्थितियों का सामना किया और किस प्रकार यूपीएससी में सफलता हासिल की।
चार बार असफलता और फिर बनीं AIR 3
तेलंगाना के नलगोंडा जिले की रहने वाली उमा हरति ने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री देश के प्रतिष्ठित आईआईटी हैदराबाद से प्राप्त की है। अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 3 के साथ, उन्होंने आखिरकार यूपीएससी 2022 में सिविल सेवक बनने का अपना सपना पूरा कर ही लिया। आपको जान कर शायद आश्चर्य हो सकता है कि उमा हरति ने यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले पांच प्रयास किए। इससे पहले उन्होंने चार प्रयास किये थे, जो कि अंततः असफल रहे। इस वर्ष यूपीएससी में टॉप कर उन्होंने अपनी सारी असफलताओं को मात दे दिया है।
खुद पर गर्व करें और असफलताओं से सीखें
आईएएस उमा हरति आज देश के हर सिविल सेवा अभ्यर्थी के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने असफलताओं से निराश ना होकर उनसे सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने यूपीएससी के सभी भावी उम्मीदवारों के साथ एक मंत्र साझा किया है, जो यह है कि "असफल होने में कोई बुराई नहीं है। असफल होना भी ठीक है। मैं असफल हुई, कई बार। बस अपने आप पर गर्व करो और लक्ष्य की ओर आगे बढ़ों।"
...यह आसान नहीं था, लेकिन अनुभव अविश्वसनीय
अपने दृढ़ संकल्प और फ्लेक्सिबिलिटी के माध्यम से, सिविल इंजीनियरिंग ग्रैजुएट और आईएएस उमा हरति ने अपने पांचवें प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। अपनी कठिन यात्रा पर विचार करते हुए, उमा ने उल्लेख किया कि यह आसान नहीं था, लेकिन यह सीखने का एक अविश्वसनीय अनुभव था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों के अटूट समर्थन को दिया, जो प्रक्रिया के उतार-चढ़ाव के दौरान उनके साथ खड़े रहे।
उमा के प्रेरणास्रोत कौन हैं?
भले ही उमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को दिया हो लेकिन उमा ने अपने पिता, नारायणपेट के पुलिस अधीक्षक, एन वेंकटेश्वरलू को प्रेरणास्रोत बताया है। आईएएस उमा ने कहा कि पिता ने ही उन्हें सिविल सेवाओं के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने लगातार सिविल सेवाओं में करियर की व्यापक संभावनाओं और सार्थक प्रभाव पर जोर दिया। सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री के साथ, उमा ने चुनौती स्वीकार करने का फैसला किया और सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट हासिल करने को प्रतिबद्ध हो गई। उन्होंने तैयारी के दौरान अपना पूरा ध्यान केवल यूपीएससी परीक्षा पर ही केंद्रित किया।
...अपनी रणनीति खुद बनाएं
अपनी तैयारी के दौरान, उमा ने व्यापक अध्ययन प्रक्रिया का पालन किया। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए खुद को न केवल समर्पित किया बल्कि पढ़ने और कठोर अभ्यास करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भावी यूपीएससी के उम्मीदवारों को अपनी रणनीति खुद बनाने की सलाह दी और ईमानदारी और अनुशासन की अपरिहार्यता पर जोर दिया। उमा कहती हैं कि यूपीएससी देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा है इसलिए इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों का केवल बुद्धिमान होना ही पर्याप्त नहीं हो सकता। यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण पहलु हैं। जब तक आप अपने आप को परीक्षा की तैयारी के लिए समर्पित नहीं कर देते तब तक सफलता हाथ नहीं आयेगी।
सबक लिया, गलतियां नहीं दोहराई
2022 का प्रयास उमा हरति का पांचवां प्रयास था। बीते चार बार उन्हें असफलता मिली थी। उन्होंने अपने इस प्रयास में पुरानी गलतियों को ना दोहराने और उनसे सबक लेने की ठानी। उमा ने परीक्षा के तीनों चरणों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। प्रीलिम्स से लेकर मेन्स और साक्षात्कार तक उन्होंने सभी पढ़ाव को पार करने के लिए दिन-रात मेहनत की और सफलता प्राप्त कर देश की सेवा करने के लिए अखिल भारतीय रैंक 3 हासिल किया। जब अंततः परिणाम घोषित किए गए, तो उमा खुशी से अभिभूत हो गई क्योंकि उन्होंने उल्लेखनीय तीसरी रैंक हासिल की थी। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार भी किया कि उन्हें एक अच्छी रैंक प्राप्त करने की आशा थी, लेकिन उन्हें परीक्षा में इतना उच्च स्थान प्राप्त करने की आशा बिल्कुल भी नहीं थी।
असफलता सफलता की सीढ़ी है
उमा का यूपीएससी का सफर काफी कठिन रहा। इस दौरान उन्होंने खूब सपोर्ट भी मिला, जिससे उनकी हिम्मत बढ़ी। उमा हरति की यूपीएससी यात्रा की कहानी सिविल सेवाओं में आने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें सिखाता है कि असफलता सफलता की सीढ़ी है, और दृढ़ता और कड़ी मेहनत अंततः जीत की ओर ले जाती है। सही दृष्टिकोण, समर्थन और समर्पण के साथ, कोई भी किसी भी चुनौती को पार कर सकता है और अपने सपनों को हासिल कर सकता है, जैसे उमा ने किया। उनकी यात्रा भविष्य के यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए आशा की किरण के रूप में काम करेगी, उन्हें आगे बढ़ने और अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति में अपनी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रेरित करती है।
आईएएस उमा की सफलता का मुलमंत्र
- कड़ी मेहनत
- समर्पण
- दृढ़ता
- स्पष्ट दृष्टिकोण
- एकाग्रता
- निरंतरता
यूपीएससी की तैयारी के लिए कुछ टिप्स
- यूपीएससी की तैयारी के लिए उचित दृष्टिकोण रखें और समर्पित रहें
- परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन स्रोतों को सीमित रखें
- अध्ययन के समय पूरा फोकस पढ़ाई पर ही रखें
- वैकल्पिक विषय का चयन सोच समझ कर करें
- मेन्स की तैयारी गहराई से करें और सभी आवश्यक पाठ्यक्रम को कवर करें
- पाठ्यक्रम को कैसे कवर करना है इसकी रणनीति खुद बनाएं
- किन विषयों को पहले महत्व देना है यह आप खुद तय करें
- आवश्यक हो तो सहायता जरूर लें
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