अगर आप एक सक्सेसफुल आदमी बनना चाहते है तो आपके पास एक बेहतर कम्यनिकेशन स्किल का होना बेहद जरूरी है। एक अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल से आप जिंदगी के हर लम्हें में अपना बेस्ट दे सकते है। आपकी कम्यूनिकेशन स्किल आपकी पर्सनेलिटी का ही हिस्सा है इसलिए अपनी पर्सनेलिटी को इंप्रूव करने के लिए आपको अपनी कम्यूनिकेशन स्किल भी बेहतर करनी होगी। दरअसल कम्यूनिकेशन स्किल हमारी बातचीत का ही हिस्सा है और बात करना भी एक कला है। ये बिल्कुल भी जरूरी नही है कि हर इंसान को बात करने की कला या सही तरीका आता हो। कम्यूनिकेशन स्किल का डिग्री और पढ़ाई-लिखाई से भी कुछ लेना देना नही है क्योंकि ये जरूरी नही है कि हर पढ़े-लिखे और डिग्रीधारी शख्स की कम्यूनिकेशन स्किल अच्छी ही हो। अगर आपकी कम्यनिकेशन स्किल अच्छी है तो सफलता आपके कदम चूमेंगी क्योंकि आपकी सफलता आपकी कम्यूनिकेशन स्किल पर काफी हद तक निर्भर करती है। इसलिए बेहतर कम्यूनिकेशन स्किल का होना जरूरी है।
यहां पर हम आपको कम्यूनिकेशन स्किल बेहतर करने के कुछ टिप्स दे रहे है-
-एक अच्छी कम्यूनिकेशन के लिए आपका अपनी बॉडी लैंग्वेज पर कंट्रोल होना जरूरी है। क्योंकि ऐसा कई बार होता है कि लोग बोलते कुछ है और उनकी बॉडी लैंग्वेज कुछ और ही बोलती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखे कि आप जो बोल रहे है आपकी बॉडी लैंग्वेज भी वही बोले।
-हमेशा एक सहज इंसान बनने की कोशिश करें तोकि लोग आपसे आसानी से बात कर सके। इसके अलावा कभी भी अपनी बातों को घूमा-फिराकर या तकिया कलाम लगाकर नही कहें, इससे सामने वाले पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है।
-जब भी आप किसी से बात कर रहे हो उस समय सही शब्दों का चयन करें, कभी भी काम चलाऊ या सस्ते शब्दों को अपनी बातों में शामिल न करें। क्योंकि जब आप अच्छे और इंप्रेसिव शब्दों का चयन करने लगेंगे तब लोग आपकी बातों को ध्यान से सुनने लगेंगे।
-हर शख्स से बात करने का अलग तरीका होता है इसलिए जब भी आप किसी से बात करें तो उसकी उम्र और प्रोफेशन का ध्यान रखे। जब आप किसी छोटे बच्चे से बात कर रहे है तो उसका तरीका अलग होगा और जब आप ऑफिस में बात कर रहे है तो उसका तरीका अलग होगा।
-हमेशा अपनी बात को कहते समय प्वॉइंट टू प्वॉइंट का तरीका अपनाएं, ताकि सामने वाला आपकी बात आसानी से समझ जाए बातों में सामने वाले को उलझाने की कोशिश न करे।
-एक अच्छा वक्ता वही बन सकता है जो अच्छा श्रोता होता है, इसलिए सिर्फ बोले ही नही बल्कि सामने वाले की बातों को ध्यान से सुने और उसमें इंट्रेस्ट भी लें।
-कभी भी अपनी खुद की बातों को नही काटे, आप जो भी बोल रहे है उसमें आपका विश्वास होना जरूरी है और आपकी बातों से ये विश्वास छलकना भी चाहिए।