डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। बता दें कि इस कोर्स को फुल-टाइम और पार्ट-टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है। पीएचडी इन सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री कोर्स मुख्य रूप से मृदा विज्ञान में विशेषज्ञता और कृषि सेटिंग में रसायन विज्ञान अवधारणाओं के अनुप्रयोगों के साथ कृषि विज्ञान पर केंद्रित है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 3,30,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 6 लाख तक
• टॉप रिक्रूटर्स- कृषि विश्वविद्यालय, प्लांट टैक्सोनॉमी, एनिमल हस्बेंड्री आदि।
• जॉब प्रोफाइल- बागवानी सलाहकार, मृदा वैज्ञानिक, फूलवाला, प्लांट ब्रीडर आदि।
पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री या संबंधित क्षेत्र में एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी आयुर्वेद: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, आईसीएआर एंट्रेंस टेस्ट, सीईटी, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री: सिलेबस
- मिट्टी का भौतिकी
- खनिज विज्ञान, सर्वेक्षण और मिट्टी का वर्गीकरण
- मृदा विज्ञान में अनुसंधान के सिद्धांत
- मौखिक परीक्षा
- क्षेत्र अनुसंधान/प्रशिक्षण
- मृदा अपरदन, प्रबंधन और संरक्षण
- मृदा जैव रसायन
- पर्यावरण और मृदा प्रदूषण
- प्रस्तुति और रिपोर्ट
- थीसिस रिपोर्ट और सेमिनार
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय- फीस 14,967
- केरल कृषि विश्वविद्यालय- फीस 20,500
- उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय- फीस 8,000
- भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान- फीस 5,465
- आरवीएस कृषि विश्वविद्यालय- फीस 38,000
- राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय- फीस 15,200
- एसवीबीपी कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- फीस 75,500
- सीएसके कृषि विश्वविद्यालय- शुल्क 45,500
- नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ प्लांट बायोटेक्नोलॉजी- फीस 15,500
पीएचडी सोशल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- सोइल साइंटिस्ट- सैलरी 3.15 लाख
- फ्लोरिस्ट- सैलरी 3 लाख
- अग्रीकल्चर कंस्लटेंट- सैलरी 3.5 लाख
- रिसर्चर- सैलरी 4 लाख