रेडियोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Radiology)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन रेडियोलॉजी 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी रेडियोलॉजी कोर्स में अल्ट्रासाउंड, रेडियेशन और अन्य सभी इमेजिंग तकनीकों का अध्ययन किया जाता है जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उपयोग की जाती है। इस कोर्स में, छात्रों को चिकित्सा उपकरणों और विभिन्न क्षेत्रों में इस चिकित्सा उपकरण के अनुप्रयोग का ज्ञान प्राप्त होता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी रेडियोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर रेडियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में रेडियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

रेडियोलॉजी में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन रेडियोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- रेडियेशन थेरेपिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, रेडियोग्राफर, रिसर्चर, प्रोफेसर आदि।
• जॉब फील्ड- कॉलेज/यूनिवर्सिटी, प्राइवेट व सरकारी हस्पताल, प्राइवेट क्लिनिक आदि।

पीएचडी रेडियोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास रेडियोलॉजी या उससे संबंधित विषयों में एमएस, एमडी, डीएम की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी रेडियोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी रेडियोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी रेडियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी रेडियोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी रेडियोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन रेडियोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, पीईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर रेडियोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी रेडियोलॉजी: सिलेबस

  • मेडिकल इमेजिंग
  • रिसर्च मैथेडलॉजी
  • रिग्रेसन एनालिसिस
  • क्लिनिकल रिसर्च मैथड इन रेडियोलॉजी
  • बायोफिजिक्स इन मेडिसिन
  • मॉलिक्यूलर न्यूरोबायोलॉजी
  • मॉलिक्यूलर बायोलॉजी
  • सेमिनर
  • डिसर्टेशन
  • प्रोजेक्ट वर्क
  • थिसिस

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी रेडियोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कांचीपुरम- फीस 16,000
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज- फीस 56,000
  • दिल्ली विश्वविद्यालय- फीस 10,000
  • सिंघानिया विश्वविद्यालय, झुंझुनू- फीस 66,500
  • ओपीजेएस विश्वविद्यालय, चुरू- फीस 2,40,000
  • केएलई विश्वविद्यालय, बेलगाम- फीस 78,000
  • श्याम विश्वविद्यालय, दौसा- फीस 90,000
  • श्री देवराज यूआरएस अकादमी, कोलार- फीस 80,000
  • श्री गुरु राम दास स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय- फीस 46,000

पीएचडी रेडियोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • रेडियेशन थेरेपिस्ट- सैलरी 6,50,000
  • रेडियोलॉजिस्ट- सैलरी 4,00,000
  • रेडियोग्राफर- सैलरी 3,00,000
  • रिसर्चर- सैलरी 5,50,000
  • प्रोफेसर- सैलरी 6,00,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Radiology is a doctoral level course of 3 years duration. The PhD Radiology course studies ultrasound, radiation and all other imaging techniques that are used in the healthcare sector. In this course, students gain knowledge of medical devices and the application of this medical device in various fields.
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