डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन साइकेट्री 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी साइकेट्री यानि कि मनोचिकित्सा एक ऐसा कोर्स है जो छात्रों को मानसिक बीमारी, भावनात्मक या व्यवहार संबंधी विकारों के वास्तविक कारण का निदान करने और मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करने के लिए इसके उपचार में मदद करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी साइकेट्री से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर साइकेट्री में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में साइकेट्री में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन साइकेट्री
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 4.80 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- रिसर्च, साइंटिस्ट, एजुकेशनल साइकेट्रिस्ट, सोशल साइकेट्रिस्ट, क्लिनिकल साइकेट्रिस्ट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- मेडिकल केयर, मेडिकल हेल्थ केयर, हॉस्पिटल, काउंसलिंग ऑफिस आदि।
पीएचडी साइकेट्री: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास साइकेट्री या उससे संबंधित विषयों में एमएस, एमडी, एमएससी की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी साइकेट्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी साइकेट्री: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी साइकेट्री कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी साइकेट्री के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी साइकेट्री में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन साइकेट्री के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, सीएसआईआर आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
यूनिवर्सिटी/नेशनल/राज्स स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा की सूची निम्नलिखित है
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा
- केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) प्रवेश परीक्षा
- दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - संयुक्त प्रवेश परीक्षा
- जेआरएफ - जूनियर रिसर्च फेलोशिप
- सीएसआईआर - वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद
- गेट - ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इंजीनियरिंग
- नेट - राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा
- डीईटी - डॉक्टरेट प्रवेश परीक्षा
- पीईटी - पीएच.डी. प्रवेश परीक्षा
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर साइकेट्री का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी साइकेट्री: सिलेबस
- रिसर्च मैथेडलॉजी
- डेवलेपमेंट ऑफ ह्यूमन बिहैवियर
- फाउंडेशन एंड मैथेड्स ऑफ साइकोलॉजी
- साइकोलॉजिकल प्रोसेस
- इश्यू एंड प्रसपेक्टीव इन मॉर्डन कंटेम्परी साइकोलॉजी
- सेमिनर
- डिसर्टेशन
- प्रोजेक्ट वर्क
- थिसिस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी साइकेट्री: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अन्नामलाई विश्वविद्यालय - शिक्षा संकाय चेन्नई- फीस 1,93,230
- महिला क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई- फीस 30,000
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान - एम्स, नई दिल्ली- फीस 2,160
- बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय - बीबीडी, उत्तर प्रदेश- फीस 4,80,000
- गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर- फीस 75,000
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 2,70,000
- कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय - सीयूके गुलबर्गा- फीस 57,000
- इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना- फीस 20,000
- दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान, वर्धा- फीस 1,10,000
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 8,368
- केएलई विश्वविद्यालय, बेलगाम- फीस 78,000
पीएचडी साइकेट्री: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- साइंटिस्ट- सैलरी 2 से 4 लाख तक
- रिसर्च- सैलरी 5 से 12 लाख तक
- सोशल साइकेट्रिस्ट- सैलरी 8 से 9 लाख तक
- कांउसलिंग साइकेट्रिस्ट- सैलरी 2 से 4 लाख तक
- प्रोफेसर- सैलरी 2 से 6 लाख तक
- एजुकेशनल साइकेट्रिस्ट- सैलरी 2 से 12 लाख तक