डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पैथोलॉजी 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। बता दें कि पैथोलॉजी रोगों का अध्ययन है जो रोग प्रक्रियाओं की समझ को आगे बढ़ाने और रोग के निदान, रोकथाम और उपचार के तरीकों को विकसित करने के लिए जैव चिकित्सा विज्ञान के सभी पहलुओं को एकीकृत करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी पैथोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर पैथोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में पैथोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पैथोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 5,000 से 25,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 15 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोफेसर, पैथोलॉजिस्ट, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव - पैथोलॉजी सर्विसेज, सेल्स एग्जीक्यूटिव / मैनेजर और बीडीएम - पैथोलॉजी टेस्टिंग, प्रोफेसर - ओरल सर्जरी, ओरल सर्जन कंसल्टेंट, रिसर्च एसोसिएट - ओरल ड्रग डिलीवरी आदि।
• जॉब फील्ड- गर्वमेंट और प्राइवेट हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट क्लिनिक, मेडिकल एंड रिसर्च लैब, आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- अपोलो हॉस्पिटल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, आर्म्ड फोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ पैथोलॉजी, डॉ. लाल पैथ लैब्स, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज आदि।
पीएचडी पैथोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास पैथोलॉजी या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी पैथोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी पैथोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी पैथोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी पैथोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी पैथोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन पैथोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, सीएसआईआर आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
यूनिवर्सिटी स्तर पर होने वाली प्रवेश परिक्षा की सूची निम्नलिखित है
- दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा
- महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा
- गीतांजलि विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
- स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर पैथोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी पैथोलॉजी: सिलेबस
- मॉलिक्यूलर एंड सेलुलर मेकैनिज्म
- कैंसर
- इंफ्लेमेशन एंड इम्युनोलॉजी
- सेल डेथ एंड रेग्युलेशन
- स्टेम सेल एंड डेवलेपमेंटल
- बायोलॉजी
- न्यूरोबायोलॉजी
- जिन रेग्युलेशन
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी पैथोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 6,000
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई- फीस 2,220
- बसंथली विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 87,500
- जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 8,000
- मीनाक्षी कॉलेज फॉर विमेन, चेन्नई- फीस 6,000
- ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 75,000
- नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, पटना- फीस 10,000
- तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे- फीस 1,21,000
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वाराणसी- फीस 27,500
- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक- फीस 2,030
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 3,400
- हैदराबाद विश्वविद्यालय- फीस 5,750
पीएचडी पैथोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- मेडिकल पैथोलॉजिस्ट- सैलरी 3 से 4 लाख तक
- फॉरेंसिक पैथोलॉजिस्ट- सैलरी 6 से 7 लाख तक
- वेटरनेरी क्लिनिकल पैथोलॉजिस्ट- सैलरी 8 से 9 लाख तक
- पैथोलॉजी प्रोफेसर- सैलरी 7 से 8 लाख तक
- मेडिकल एग्जामनर- सैलरी 9 से 10 लाख तक