डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मटेरियल साइंस 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का फुल-टाइम कोर्स है। मटेरियल साइंस में पीएचडी इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि उम्मीदवारों को मटेरियल साइंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र की व्यापक समझ हो सके जो कि हम एयरोस्पेस, परमाणु ऊर्जा, विमानन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देख रहे हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी मटेरियल साइंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मटेरियल साइंस में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मटेरियल साइंस में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन मटेरियल साइंस
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम + पर्सनल इंट्रव्यू
• कोर्स फीस- 20,000 से 1,50,000
• अवरेज सैलरी- 5 से 16 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- साइंटिस्ट, एसोसिएट प्रोफेसर, रिसर्चर, मैथेड डेवलेपमेंट एसोसिएट, मार्केटिंग हेड, प्रोजेक्ट एसोसिएट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- ब्रिस्टल- मायर्स स्क्विब, फाइजर, बैक्सटर, बायोकॉन, एबॉट लेबोरेटरीज, थर्मो फिशर, बोस्टन साइंटिफिक, मर्क, सिनजीन आदि।
पीएचडी मटेरियल साइंस: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास मटेरियल साइंस या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी मटेरियल साइंस में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी मटेरियल साइंस: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी मटेरियल साइंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी मटेरियल साइंस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी मटेरियल साइंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन मटेरियल साइंस के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, सीएसआईआर-यूजीसी नेट, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर मटेरियल साइंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी मटेरियल साइंस: सिलेबस
- थ्योरी एंड कॉन्सेप्ट इन मैटेरियल साइंस इंजीनियरिंग
- एडवांस मैथ्डस ऑफ रिसर्च इन मैटेरियल साइंस इंजीनियरिंग
- फेलियर: फ्रैक्चर मैकेनिक्स
- कंपोजिट ऑफ मेटल्स
- इश्यू ऑफ मटेरियल यूसेज: इकोनॉमिक, एनवायरनमेंट एंड सोशल
- एप्लीकेशन एंड प्रोसेसिंग: मेटल्स, एलोए, पोलिमर, सेरेमिक्स
- मेटल: मैटेरियल प्रॉपर्टीज
- प्रॉपर्टी: थर्मल, ऑप्टिकल, इलेक्ट्रिकल एंड मैग्नेटिक
- जंग और गिरावट
- राइटिंग रिसर्च
- मीडिया सेमिनार
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी मटेरियल साइंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- आईआईटी बॉम्बे- फीस 73,000
- आईआईटी कानपुर- फीस 64,050
- आईआईटी इंदौर- फीस 78,800
- जेपी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान- फीस 50,000
- मदुरै कामराज विश्वविद्यालय- फीस 113,650
- सेंचुरियन प्रौद्योगिकी और प्रबंधन विश्वविद्यालय- फीस 60,000
- त्रिपुरा विश्वविद्यालय- फीस 80,800
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय- फीस 35,600
- पीएसजी इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज- फीस 1,20,000
- पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर सोलापुर विश्वविद्यालय- फीस 20,575
पीएचडी मटेरियल साइंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- मटेरियल साइंटिस्ट- सैलरी 20,00,000
- मटेरियल साइंस इंजीनियर- सैलरी 18,00,000
- बायोमटेरियल इंजीनियर- सैलरी 17,00,000
- मटेरियल इंफोर्मेटिक्स साइंटिस्ट- सैलरी 15,00,000
- प्रोजेक्ट मैनेजर- सैलरी 10,00,000