पीएचडी लाइफ साइंस 3 से 5 साल तक की अवधि का डॉक्टरेट लेवल का कोर्स है जो कि उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो बायोलॉजी, इकोलॉजी और न्यूरोसाइंस से संबंधित विषयों में रिसर्च करने में रूचि रखते हो। बता दें कि ये कोर्स सूक्ष्म जीव स्तर के साथ-साथ मानव स्तर पर जीव विज्ञान का एक संयोजन है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी लाइफ साइंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर लाइफ साइंस में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में लाइफ साइंस में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलोसफी इन लाइफ साइंस
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल
• एलिजिबिलिटी- न्यूनतम 55% अंको के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम और मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 15,000 से 4,00,000 तक
• शुरुआती सैलरी- 2 लाख से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोडक्ट मैनेजर - लाइफ साइंस, एनालिस्ट एंड कंसल्टेंट - फार्मास्युटिकल्स प्रोडक्ट लाइफ साइंस, बिजनेस इंटेलिजेंस सॉल्यूशन आर्किटेक्ट - लाइफ साइंस, रिसर्च एनालिस्ट - लाइफ साइंस, मैनेजर - मेडिकल अफेयर्स, रिसर्च साइंटिस्ट - मेटाबोलिक आइडेंटिफिकेशन आदि।
• जॉब फील्ड- एग्रीकल्चर सेक्टर, एनिमल केयर सेंटर, बायोइंफोर्मेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, बिवरेज इंडस्ट्री, एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजंसी, फार्महाउस, फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, आदि।
पीएचडी लाइफ साइंस: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से होम साइंस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की होनी चाहिए।
• पीएचडी होम साइंस में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% छूट मिलती है।
• एमएससी कर रहे अंतिम वर्ष के छात्र भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
• लाइफ साइंस में पीएचडी करने के लिए अधिकतर कॉलेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जैसे सीएसआईआर-यूजीसी-नेट आदि के माध्यम से एडमिशन देते हैं।
पीएचडी लाइफ साइंस: एडमिशन प्रोसेस
पीएचडी लाइफ साइंस में एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। कुल कॉलेज में एडमिशन मेरिट + इंट्रव्यू के आधार पर होता है जबकि ज्यादातर कॉलेजों में लाइफ साइंस में पीएचडी करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है।
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी लाइफ साइंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। एंट्रेंस एग्जाम के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी लाइफ साइंस के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ, सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, एनबीएचएम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट मेरिट लिस्ट के रूप में घोषित किया जाता है। जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज आवंटित किए जाते हैं। रिजल्ट चैक करने के लिए छात्रों को नियमित रूप से यूनिवर्सिटी की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर लाइफ साइंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी लाइफ साइंस: सिलेबस
लाइफ साइंस में पीएचडी का सिलेबस छात्रों की रुचि अनुसार हर कॉलेज में अलग हो सकता है जबकि सामान्य सिलेबस निम्नलिखित है।
- रिसर्च मैथेड्लॉजी इन लाइफ साइंस
- रिसर्च ट्रेंड्स इन लाइफ साइंस
- मोलिक्यूलर बायोलॉजी
- फाइटोकेमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी
- न्यूरोबायोलॉजी
- बायोकेमेस्ट्री, मेटाबॉलिज्म एंड न्यूट्रिशन
आमतौर पर कॉलेज फैक्लटी पीएचडी करने वाले छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी लाइफ साइंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जेएनयू, नई दिल्ली- फीस 1,390
- एएमयू, अलीगढ़- फीस 9,285
- एनआईटी, राउरकेला - फीस 51,500
- गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद- फीस 14,800
- एसएनयू, ग्रेटर नोएडा- फीस 1,60,000
- मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई- फीस 8,636
- असम विश्वविद्यालय, सिलचर- फीस 27,245
- जीईए, देहरादून- फीस 92,900
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता- फीस 14,500
- डीएवी, इंदौर- फीस 73,600
पीएचडी लाइफ साइंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- फुड साइंटिस्ट- सैलरी 4,14,000
- फुड टेक्नॉलोजिस्ट- सैलरी 5,24,000
- इम्युनोलॉजिस्ट- सैलरी 8,52,000
- अनालिस्ट एंड कंस्लटेंट इन फार्मास्यूटिकल्स- सैलरी 9,08,000
- प्रोडक्ट मैनेजर- लाइफ साइंस- सैलरी 10,00,000