डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ह्यूमन जेनेटिक्स 2 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का फुल-टाइम कोर्स है। पीएच.डी. इन ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स इस बात का ज्ञान प्रदान करता है कि मानव स्वास्थ्य और रोगों के सिद्धांतों और व्यवहार में आनुवंशिक अनुसंधान को कैसे लागू किया जा सकता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ह्यूमन जेनेटिक्स में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ह्यूमन जेनेटिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ह्यूमन जेनेटिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 2 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम + इंटरव्यू
• कोर्स फीस- 7,00,000 से 12,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 10,000 से 2 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- जेनेटिक्स काउंसलर, प्रोफेसर / लेक्चरर, एसोसिएशन जेनेटिक्स साइंटिस्ट, मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स टेक्नोलॉजिस्ट, मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट, क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर, नेशनल सेल्स मैनेजर, ह्यूमन जेनेटिक्स साइंटिस्ट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- शैक्षिक संस्थान, क्लिनिकल लैब, रिसर्च सेंटर, हेल्थकेयर सेंटर, ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट, लाइफ साइंस सेंटर आदि।
पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास ह्यूमन जेनेटिक्स या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एफ.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
- यदि उम्मीदवार पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन ह्यूमन जेनेटिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, डीबीटी-जेआरएफ, टीआईएफआर-जीएस आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
- एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर ह्यूमन जेनेटिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
- रिव्यू ऑफ बेसिक जेनेटिक प्रिंसिपल्स
- क्रोमोसोम्स एंड प्रेनेटल जेनेटिक्स
- केंसर जेनेटिक्स
- नॉन-मेंडेलियन मॉडस ऑफ इनहेरिटेंस
- सिंगल जिन डिसऑडर्स
- बायोकेमिकल जेनेटिक्स
- जेनेटिक्स एंड कॉम्पलेक्स डिसऑडर्स
- न्यू जेनेटिक टेक्नोलॉजी
- जिन एंड सेल थेरेपी फॉर इनहेरिटिड डिसिज
- फार्माकोजिनॉमिक्स
- जेनेटिक्स, एथिक्स एंड द लॉ
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 27,720
- दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 2,20,000
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, बैंगलोर- फीस 1,20,000
- तेजपुर विश्वविद्यालय, असम- फीस 25,000
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर- फीस 25,000
- बिरला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान, पिलानी- फीस 81,600
- जेनेटिक्स कांउसलर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
- प्रोफेसर/ लेक्चरआर- सैलरी 3 से 6 लाख तक
- जेनेटिक्स साइंटिस्ट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
- मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट जेनेटिक्स- सैलरी 2 से 3 लाख तक
- रिसर्च असिस्टेंट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
पीएचडी ह्यूमन जेनेटिक्स: सिलेबस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।