डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन 3 से 7 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स छात्रों को अस्पताल प्रशासन के विभिन्न कार्यों को सक्षम रूप से करने के तरीकों को समझने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 7 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 27 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एडमिनिस्ट्रेटिव एग्जीक्यूटिव, क्वालिटी मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदि।
• जॉब फील्ड- हेल्थकेयर सेक्टर, लाइफस्टाइल क्लीनिक, हॉस्पिटल इंफॉर्मेशन, फार्मास्युटिकल फर्म आदि।
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन या उससे संबंधित विषयों में एम.फिल या मास्टर की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, पीईटी, डीईटी, आरईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन: सिलेबस
- रिसर्च मैथेडलॉजी
- हेल्थकेयर एंड हॉस्पिटल एनवायरमेंट
- हॉस्पिटल प्लेनिंग एंड इंजीनियरिंग
- रिस्क एंड डिसास्टर मैनेजमेंट
- एंटरप्रन्योरशिप एंड कंस्लटेंसी इन हेल्थ केयर
- सेमिनर
- फिल्ड स्टडी
- डिसर्टेशन
- प्रोजेक्ट वर्क
- थिसिस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 90,000
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा- फीस 2,40,000
- इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस - आईएसबी, हैदराबाद
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, उत्तर प्रदेश- फीस 4,17,815
- जयपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, नोएडा
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान - एम्स, दिल्ली- शुल्क 2,160
- सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, बेंगलुरु- शुल्क 2,90,000
- भारतीय शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश
- इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग, महाराष्ट्र- फीस 1,73,200
- जेआरडी ग्लोबल एडु, महाराष्ट्र- फीस 3,00,000
- दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान - डीएमआईएमएस, महाराष्ट्र
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ - आईआईपीएस गांधीनगर, गुजरात
पीएचडी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- क्वालिटी मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव- सैलरी 9,00,000 से 16,00,000 तक
- हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन मैनेजर- सैलरी 4,00,000 से 9,00,000 तक
- रिसर्चर- सैलरी 5,00,000 से 12,00,000 तक
- ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम मैनेजर- सैलरी 9,00,000 से 27,00,000 तक
- साइंटिस्ट- सैलरी 2,00,000 से 4,00,000 तक