पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस 3 की अवधि का डॉक्टरेट लेवल का कोर्स है जो कि उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो पर्यावरण विज्ञान से संबंधित विषयों में रिसर्च करने में रूचि रखते हो। इसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट, एनर्जी कंजर्वेशन, कंजर्वेशन साइंस, फॉरेस्ट्री मैनेजमेंट, इकोसिस्टम, मेराइन बायोलॉजी, रिमोट सेंसिंग, बॉटनी आदि जैसे विषय शामिल है। पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस को ऊर्जा संरक्षण, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, प्लास्टिक के खतरे और ग्लोबल वार्मिंग के उच्च अध्ययन के रूप में भी माना जाता है क्योंकि यह सामाजिक विज्ञान और प्राकृतिक विज्ञान दोनों का एक संयोजन है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलोसफी इन एनवायरमेंटल साइंस
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- न्यूनतम 55% अंको के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम और मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 1,000 से 2,00,000 तक
• शुरुआती सैलरी- 4 लाख से 10 लाख तक
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से साइंस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की होनी चाहिए।
• पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% छूट मिलती है।
• एम फिल करने के बाद भी छात्र एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
• साइंस में पीएचडी करने के लिए अधिकतर कॉलेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जैसे सीएसआईआर-यूजीसी-नेट आदि के माध्यम से एडमिशन देते हैं।
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस: एडमिशन प्रोसेस
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस में एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। कुल कॉलेज में एडमिशन मेरिट + इंट्रव्यू के आधार पर होता है जबकि ज्यादातर कॉलेजों में एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है।
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। एंट्रेंस एग्जाम के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ , सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, जेएनयूईई, बीएचयूईई, आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट मेरिट लिस्ट के रूप में घोषित किया जाता है। जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज आवंटित किए जाते हैं। रिजल्ट चैक करने के लिए छात्रों को नियमित रूप से यूनिवर्सिटी की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर साइंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस: सिलेबस
एनवायरमेंटल साइंस में पीएचडी का सिलेबस छात्रों की रुचि अनुसार हर कॉलेज में अलग हो सकता है जबकि सामान्य सिलेबस निम्नलिखित है।
- रिसर्च मेथेडोलॉजी
- बायो- रेमेडियेशन एंड इकोलॉजिक्ल अग्रीकल्चर
- एनवायमेंटल माइक्रोबायोलॉजी
- माइक्रोबियल इकोलॉजी
- माइक्रोबियल एनजाइम्स एंड बायो- रेमेडियेशन
- वेस्ट मैनेजमेंट एंड एनर्जी जनरेशन टेक्नोलॉजी
- एनर्जी जनरेशन फ्रोम वेस्ट
- एनवायरमेंट्ल इंपेक्ट असिस्मेंट एंड एयर पॉलयूशन
- वेस्ट रिसोर्स- मैनेजमेंट एंड मॉडलिंग टेक्नीक
- वेस्ट वाटर एंड सोलिड वेस्ट ट्रिटमेंट टेक्नोलॉजी
- प्लांट माइक्रोब इंटरेक्शन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर
- प्रेशेंटेशन एंड रिव्यू फॉर लिटरेचर
- प्रेशेंटेशन फॉर सिनोपसिस
आमतौर पर कॉलेज फैक्लटी पीएचडी करने वाले छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 1,391
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 8,368
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 4,400
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा- फीस 1,00,00
- वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर- फीस 1,63,500
- पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़- फीस 11,600
- एसआरएम यूनिवर्सिटी, दिल्ली एनसीआर- फीस 1,25,000
- शारदा विश्वविद्यालय, नोएडा- फीस 50,000
- दून यूनिवर्सिटी, देहरादून- फीस 40,000
पीएचडी एनवायरमेंटल साइंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- रिसर्च असोसिएट- सैलरी 5,50,000
- इकोलॉजिस्ट- सैलरी 7,20,000
- जूलॉजिस्ट- सैलरी 9 लाख
- एनवायरमेंटल साइंटिस्ट- सैलरी 4,80,000
- हाइड्रोलॉजिस्ट- सैलरी 8,50,000
- असिस्टेंट प्रोफेसर- सैलरी 6 लाख