पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स 4 से 5 साल तक की अवधि का डॉक्टरेट लेवल का कोर्स है जो कि उन छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है जो इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित विषयों में रिसर्च करने में रूचि रखते हो। इस कोर्स में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्रणाली, मशीनरी और दूरसंचार प्रणालियों के डिजाइन, निर्माण, स्थापना और संचालन का अध्ययन करना शामिल है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर इलेक्ट्रॉनिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलोसफी इन इलेक्ट्रॉनिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 4 साल
• एलिजिबिलिटी- कम से कम 55% अंकों के साथ एमएससी/ एम.टेक की डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 1,00,000 के करिब
• शुरुआती सैलरी- लगभग 8 लाख
• जॉब प्रोफाइल- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, फील्ड टेस्ट इंजीनियर, प्रोडक्ट लाइन इंजीनियर, कस्टमर सपोर्ट इंजीनियर।
• जॉब फील्ड- बॉश, अर्न्स्ट एंड यंग, इंफोसिस, क्वालकॉम, फाउरेशिया, द पीएसी ग्रुप, लुमीलोर इंडिया, सिग्निफाई आदि।
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की होनी चाहिए।
• पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% छूट मिलती है।
• इलेक्ट्रॉनिक्स में पीएचडी करने के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जैसे सीएसआईआर-यूजीसी-नेट आदि देना आवश्यक है।
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स: एडमिशन प्रोसेस
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स में एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। कुल कॉलेज में एडमिशन मेरिट + इंट्रव्यू के आधार पर होता है जबकि ज्यादातर कॉलेजों में इलेक्ट्रॉनिक्स में पीएचडी करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है।
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। एंट्रेंस एग्जाम के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन करना होता है और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ, सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, एनबीएचएम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट मेरिट लिस्ट के रूप में घोषित किया जाता है। जिसके बाद छात्रों को उनकी रैंक अनुसार कॉलेज आवंटित किए जाते हैं। रिजल्ट चैक करने के लिए छात्रों को नियमित रूप से यूनिवर्सिटी की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर इलेक्ट्रॉनिकस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स: सिलेबस
इलेक्ट्रॉनिक्स में पीएचडी का सिलेबस छात्रों की रुचि अनुसार हर कॉलेज में अलग हो सकता है जबकि सामान्य सिलेबस निम्नलिखित है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोग्रामिंग
- इंजीनियरिंग ग्राफिक्स
- पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन
- वेरिलोग एचडीएल
- डिजिटल सिस्टम डिजाइन प्रयोगशाला
- सिग्नल और सिस्टम
- नेटवर्क थ्योरी
- एनालॉग, एचडीएल और कम्युनिकेशन लैब
- विद्युत चुम्बकीय तरंगें
- डिजिटल संचार
- डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग
- एंबेडेड सिस्टम
- सूचना सिद्धांत और कोडिंग
- माइक्रोप्रोसेसर
- प्रबंधन और उद्यमिता विकास
- एंटेना और प्रचार
- कंप्यूटर संचार नेटवर्क
- डिजिटल स्विचिंग सिस्टम
- ऑप्टिकल फाइबर संचार
- वायरलेस संचार
- वीएलएसआई
- लैब थीसिस + सेमिनार
आमतौर पर कॉलेज फैक्लटी पीएचडी करने वाले छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- कुवेम्पु विश्वविद्यालय, शिमोगा- फीस 60,200
- पीएसजी कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, कोयंबटूर- फीस 19,000
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर- फीस 73,600
- वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर- फीस 1,63,500
- राष्ट्र तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर- फीस 32,500
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेघालय- शुल्क 2,10,000
- क्वांटम विश्वविद्यालय, रुड़की- फीस 1,05,000
- रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, इंदौर- फीस 50,000
- यूनिवर्सिटी वीओसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग अन्ना यूनिवर्सिटी, थूथुकुडी- फीस 32,250
पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर- सैलरी 8,00,000
- हेड फील्ड इंजीनियर- सैलरी 7,00,000
- चीफ प्रोडक्शन मैनेजर- सैलरी 6,80,000
- नटवर्क प्लेनिंग इंजीनियर- सैलरी 6,20,000
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर- सैलरी 6,96,000