इकोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Ecology)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इकोलॉजी 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का फुल-टाइम कोर्स है। पीएचडी इकोलॉजी मूल रूप से पौधों, जीवों और पर्यावरण से संबंधित चीजों अध्ययन करने में छात्रों की मदद करता है। इस कोर्स में छात्र पर्यावरण, कृषि, जल शोधन, जैव विविधता (आनुवंशिक) आदि से संबंधित मुद्दों का विश्लेषण करते हैं।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इकोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर इकोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में इकोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

इकोलॉजी में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इकोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 75,000 तक
• अवरेज सैलरी- 5,00,000 से 7,00,000 तक
• जॉब प्रोफाइल- असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट इन चार्ज, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर, रिसर्चर, ऑपरेशन मैनेजर, लेबोरेट्री असिस्टेंट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- रेड सोलर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान, भारतीय वन संस्थान, जलवायु परिवर्तन विभाग आदि।
• जॉब फील्ड- शैक्षिक संस्थान, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, सोलर एनर्जी पावर प्लांट, वन्यजीव, जीन बैंक आदि।

पीएचडी इकोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास इकोलॉजी या उससे संबंधित विषयों में एमएससी या एमफिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इकोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 60% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इकोलॉजी : एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इकोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इकोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इकोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन इकोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, गेट, सीएसआईआर नेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर इकोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इकोलॉजी: सिलेबस

रिसर्च मैथेडलॉजी

  • जेनेटिक स्ट्रक्चर
  • इकोसिस्टम
  • पोप्यूलेशन इकोलॉजी
  • कॉर्बन स्टोरेज
  • हेबिटेट डाटा एनालिसिस
  • बायो क्लाइमेटोग्राफी

प्लांट एंड एनिमल फिजियोलॉजी

  • बिहैवियरल इकोलॉजी
  • फिजियोलॉजिकल इकॉलोजी ऑफ प्लांट
  • मार्क रिकेप्चर
  • उर्बन इकोलॉजी
  • लैंडस्केप मैनेजमेंट
  • थिसिस

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इकोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • बीयू, भोपाल- फीस 30,000
  • सीयूटीएम, परलखेमुंडी- फीस 80,000
  • श्याम विश्वविद्यालय, दौसा- फीस 90,000
  • अर्गुकॉम, शिवसागर- फीस 62,000
  • आईएफपी, पांडिचेरी- फीस 7,889

पीएचडी इकोलॉजी : जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • साइंटिस्ट- सैलरी 8,87,000
  • इकोलॉजिस्ट- सैलरी 7,21,000
  • एनर्जी मेनेजर- सैलरी 6,00,000
  • प्रोफेसर- सैलरी 5,47,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Ecology is a doctoral level full-time course of 3 to 5 years duration. PhD Ecology basically helps the students to study things related to plants, organisms and environment. In this course, students analyze issues related to environment, agriculture, water purification, biodiversity (genetics) etc.
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