डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन कार्डियोलॉजी 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी कार्डियोलॉजी एक चिकित्सा विशेषता कोर्स है जो छात्रों को मानव हृदय से संबंधित बीमारी की पहचान, उसके निदान, उपचार और सर्जरी का ज्ञान प्रदान करता है इसमें थ्योरिटिकल व प्रैक्टिकल दोनों शामिल है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी कार्डियोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर कार्डियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में कार्डियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन कार्डियोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 2,80 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 16 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- सर्जन, रिसर्च, प्रोफेसर, कार्डियोलॉजिस्ट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- रिसर्च एंड डेवलेपमेंट, क्लिनिक, हेल्थकेयर, एनजीओ, यूनिवर्सिटी आदि।
पीएचडी कार्डियोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास इम्यूनोलॉजी या उससे संबंधित विषयों में एमडी, डीएम और मास्टर की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इम्यूनोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी कार्डियोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इम्यूनोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी कार्डियोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
- यदि उम्मीदवार पीएचडी कार्डियोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन कार्डियोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस जेआरएफ- यूजीसी- नेट, एआईसीटीई-पीएचडी, डीईटी, पीईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
- एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर कार्डियोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
- रिसर्च मैथेडलॉजी
- क्लिनिकल कार्डियोलॉजी
- नॉन- इंवेसिव टेक्निक
- इंवेसिव कार्डियोलॉजी प्रिंसिपल्स
- बायोमेडिकल आस्पेक्टस
- सेमिनर
- फिल्ड स्टडी
- डिसर्टेशन
- प्रोजेक्ट वर्क
- थिसिस
- श्री वेंकटेश्वर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसवीआईएमएस), आंध्र प्रदेश- फीस 87,900
- दत्ता मेघे आयुर्विज्ञान संस्थान, महाराष्ट्र
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली- फीस 2,160
- अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई
- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू), देहरादून
- निट्टे विश्वविद्यालय, कर्नाटक
- केएलई विश्वविद्यालय, कर्नाटक- फीस 2,18,000
- उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, पश्चिम बंगाल
- सर्जन- सैलरी 4 से 12 लाख
- कार्डियोलॉजिस्ट- सैलरी 6 से 16 लाख
- रिसर्चर- सैलरी 5 से 12 लाख
- फिजिशियन- सैलरी 6 से 9 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 2 से 6 लाख
- साइंटिस्ट- सैलरी 2 से 4 लाख
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
पीएचडी कार्डियोलॉजी: सिलेबस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।