डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन बायोफिजिक्स 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का फुल-टाइम कोर्स है। बायोफिजिक्स में पीएचडी इस तरह से डिजाइन की गई है कि उम्मीदवारों को अनुशासन के हर पहलू के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए उन्हें कौशल और विस्तृत ज्ञान प्रदान किया जा सके। यह जैविक समस्याओं की जांच की दिशा में भौतिकी के सिद्धांतों और विधियों को विकसित करने का विज्ञान है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी बायोफिजिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर बायोफिजिक्स में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में बायोफिजिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन बायोफिजिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- लगभग 50,000
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- साइंटिस्ट, एसोसिएट प्रोफेसर, रिसर्चर, मैथेड डेवलेपमेंट एसोसिएट, मार्केटिंग हेड, प्रोजेक्ट एसोसिएट आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- ब्रिस्टल- मायर्स स्क्विब, फाइजर, बैक्सटर, बायोकॉन, एबॉट लेबोरेटरीज, थर्मो फिशर, बोस्टन साइंटिफिक, मर्क, सिनजीन आदि।
पीएचडी बायोफिजिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास बायोफिजिक्स या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी बायोफिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
• उम्मीदवार के पास बायोटेक्नोलॉजिक्ल इंडस्ट्री/ रिसर्च लैब में 1 साल से ज्यादा का कार्य अनुभव होना चाहिए।
पीएचडी बायोफिजिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी बायोफिजिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी बायोफिजिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी बायोफिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन बायोफिजिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट, आईपीयू सीईटी, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर बायोफिजिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी बायोफिजिक्स: सिलेबस
- मल्टीवेरियेबल केलकुल्स एंड कॉम्पलेक्स फंक्सन थ्यौरी
- डेटा संरचना और एल्गोरिदम
- यांत्रिकी और सापेक्षता
- क्वांटम यांत्रिकी
- वेव फिनोमेनेन
- विद्युत चुंबकत्व
- भौतिक रसायन विज्ञान और सांख्यिकीय
- विकासवादी और कोशिका जीवविज्ञान
- जैव प्रौद्योगिकी
- व्यवहार के तंत्रिका जीव विज्ञान
- स्पेक्ट्रोमेट्री
- क्रोमैटोग्राफी
- रेडियोधर्मी लेबलिंग और गिनती
- इम्यूनोलॉजिकल तरीके
- इम्यूनोलॉजिकल तरीके
- ऑप्टिकल रोटेटरी फैलाव और सर्कुलर डाइक्रोइज्म
- इलेक्ट्रॉन स्पिन अनुनाद
- ऊष्मप्रवैगिकी
- लिगंड बांइडिंग
- माइक्रोफ्लयूडिक्स
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी बायोफिजिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली- फीस 2,000
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान, बैंगलोर- फीस 25,000
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 8,368
- दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 20,000
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 10,000
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 1800
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 50,000
- असम विश्वविद्यालय, सिलचर- फीस 18,000
- कल्याणी विश्वविद्यालय- फीस 15,000
- साहा परमाणु भौतिकी संस्थान, कोलकाता- फीस 10,000
पीएचडी बायोफिजिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- बायोफिजिसिस्ट- सैलरी 6,00,000
- मेडिकल बायोफिजिस्ट- सैलरी 5,60,000
- रिसर्च- सैलरी 6,20,000
- एप्लाइड बायोफिजिस्ट- सैलरी 5,00,000
- क्वालिटी कंट्रोल लीड- सैलरी 4,30,000
- रिजिनल हेड- सैलरी 8,00,000
- चीफ ऑफ ऑपरेशन- सैलरी 8,50,000
- प्रोसेस डेवलेपर- सैलरी 7,00,000
- प्रोसेसर- सैलरी 6,50,000