डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आयुर्वेद 3 से 5 साल तक की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। बता दें कि इस कोर्स को फुल-टाइम और पार्ट-टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है। पीएचडी इन आयुर्वेद कोर्स मुख्य रूप से फार्मास्युटिकल वनस्पति विज्ञान और पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान और इसके उपयोग, प्रभाव आदि पर जोर देता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी आयुर्वेद से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर आयुर्वेद में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में आयुर्वेद में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आयुर्वेद
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 3,30,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 6 लाख तक
• टॉप रिक्रूटर्स- क्लिनिकल प्रैक्टिस, ट्रेडिशनल मेडिसिन, रिसर्च, ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, वेलनेस इंडस्ट्री आदि।
• जॉब प्रोफाइल- रिसर्च एसोसिएट, ड्रग साइंटिस्ट, आयुर्वेदिक डॉक्टर, यूनिट हेड, प्रोफेसर, फार्मेसी मैनेजर, मेडिकल हेड आदि।
पीएचडी आयुर्वेद: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास आयुर्वेद में मास्टर डिग्री या संबंधित क्षेत्र में एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी आयुर्वेद में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी आयुर्वेद: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी आयुर्वेद कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी आयुर्वेद के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी आयुर्वेद में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन आयुर्वेद के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी- नेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर आयुर्वेद का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी आयुर्वेद: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- अनुसंधान पद्धति और जैव सांख्यिकी
- अनुसंधान नैतिकता, वैज्ञानिक लेखन और संचार
- कंप्यूटर अनुप्रयोग, साहित्य और डेटा खोज की अनिवार्यता
सेमेस्टर 2
- एक शोध विषय से संबंधित विषय पर साहित्य की समीक्षा और एक संगोष्ठी की प्रस्तुति
- स्वास्थ्यवृत और योग अनुसंधान में वर्तमान तरीके, उपकरण और तकनीक
सेमेस्टर 3
- अनुसंधान योजना प्रस्ताव तैयार करना और प्रस्तुत करना
- आयुर्वेद में निवारक स्वास्थ्य देखभाल की अनिवार्यता
- निवारक स्वास्थ्य देखभाल में आहार और आहार विज्ञान की भूमिका
सेमेस्टर 4
- प्राचीन काल, मध्यकालीन काल से संबंधित अनुसंधान की समीक्षा
- अनुसंधान योजना प्रस्ताव का उद्देश्य कार्यप्रणाली का परिचय
सेमेस्टर 5
- आयुर्वेद में निवारक स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित अनुसंधान में हालिया रुझान
- योग से संबंधित अनुसंधान में हाल के रुझान
सेमेस्टर 6
- मानकीकरण की प्राचीन पद्धति और आधुनिक विधियों के साथ इसका सहयोग।
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी आयुर्वेद: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 8,368
- श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती विश्व विद्यालय, कांचीपुरा- फीस 12,000
- केएलई विश्वविद्यालय, बेलगाम- फीस 8,000
- तांतिया विश्वविद्यालय, गंगानगर- फीस 1,25,000
- हिमालयन यूनिवर्सिटी, ईटानगर- फीस 85,000
- तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे- फीस 1,12,000
- गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर- फीस 8,000
- राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर- फीस 24,000
पीएचडी आयुर्वेद: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- आयुर्वेदिक डॉक्टर- सैलरी 5 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 3.5 लाख
- यूनिट हेड- सैलरी 3.5 लाख
- ड्रग साइंटिस्ट- सैलरी 4 लाख
- रिसर्च असोसिएट- सैलरी 2.5 लाख