अप्लाइड फिजिक्स में पीएचडी कैसे करें (Career In PHD Applied Physics)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन अप्लाइड फिजिक्स 3 साल की अवधि का कोर्स है जो भौतिकी में प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से संबंधित है। इस कोर्स में छात्रों को स्टैटिस्टिकल फिजिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म, थर्मोडायनामिक्स और क्लासिकल और क्वांटम मैकेनिज्म में फिजिक्स के एप्लीकेशन जैसे विषयों की बेसिक जांच करनी होती है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर अप्लाइड फिजिक्स में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में अप्लाइड फिजिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

अप्लाइड फिजिक्स में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन अप्लाइड फिजिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 40,000 से 1,50,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 लाख से 9 लाख तक
• जॉब फील्ड- मेडिकल लैब्स, मेडिकल फिजिक्स सुविधाएं, मार्केटिंग और सेल्स फर्म, हाई टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रीज आदि।
• जॉब प्रोफाइल- सीनियर फिजिक्सट, डेमोग्राफर, प्रोड्कशन, केमिस्ट, रिसर्चर आदि।

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास विज्ञान में मास्टर डिग्री या संबंधित क्षेत्र में एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट और गेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी जैसे आईआईएससी बैंगलोर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बॉम्बे, आदि में पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स के लिए किसी भी कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए, छात्रों को पहले या तो ऑनलाइन (या ऑफलाइन) के माध्यम रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा।
  • यदि किसी यूनिवर्सिटी की अपना स्वयं का एंट्रेंस एग्जाम है, तो वे या तो छात्रों को एक अलग पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहते हैं।
  • यदि यूनिवर्सिटी द्वारा स्वयं का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित नहीं किया जा रहा है, तो छात्रों को इसके लिए मुख्य वेबसाइटों के माध्यम से अपने यूजीसी-नेट या गेट के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन अप्लाइड फिजिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ, सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, आईआईटी-जेईई आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिज्लट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर अप्लाइड केमेस्ट्री का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स: सिलेबस

  • रिसर्च मेथेडोलॉजी इन अप्लाइड फिजिक्स
  • रिसर्च ट्रेंडस इन अप्लाइड फिजिक्स
  • मॉर्डन सेंसर, रिसेंट ट्रेंडस स्पेशल पेपर इन थिन फिल्म टेक्नोलॉजी, फिजिक्स एपलिकेशन एंड डिजाइन
  • डिसर्टेशन
  • सेमिनार
  • थिसिस

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरो के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धनबाद- फीस 1,20,000
  • एसवी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- फीस 1,00,000
  • दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी- फीस 1,40,000
  • जीएलए यूनिवर्सिटी- फीस 1,00,000
  • बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- फीस 90,000
  • एमिटी यूनिवर्सिटी- फीस 1,00,000
  • रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान- फीस 1,10,000
  • गुरु घासीदा विश्वविद्यालय- फीस 90,000
  • बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय- फीस 90,000

पीएचडी अप्लाइड फिजिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • नैनोसाइंस- सैलरी 3 लाख
  • कंडेंस्ड मेटर साइंस - सैलरी 4.2 लाख
  • बायोलॉजिक्ल फिजिक्स- सैलरी 3.5 लाख
  • केमिकल फिजिक्स- सैलरी 4 लाख
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English summary
Doctor of Philosophy in Applied Physics is a course of 3 years duration which deals with the application of technology in physics. In this course, students have to investigate the basics of subjects like statistical physics, electromagnetism, thermodynamics and applications of physics in classical and quantum mechanisms.
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