डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन एनिमल न्यूट्रिशन 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। बता दें कि इस कोर्स में छात्रों को एनिमल न्यूट्रिशन के प्रिंसिपल्स के बारे में सिखाया जाता है। पीएचडी इन एनिमल न्यूट्रिशन कोर्स छात्रों को आनुवंशिक, जीव विज्ञान, शरीर विज्ञान, पशु व्यवहार, विकास और उत्पादन, इंजीनियरिंग जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर एनिमल न्यूट्रिशन में पीएचडी के करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एनिमल न्यूट्रिशन में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन एनिमल न्यूट्रिशन
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 20,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 5 लाख से 6 लाख तक
• जॉब फील्ड- सरकारी विभाग, कृषि सलाहकार निकाय, विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसियां, शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान, पशु और पालतू भोजन निर्माता, आदि।
• जॉब प्रोफाइल- पशु आहार विशेषज्ञ, पशु पोषण विशेषज्ञ, पशु चिकित्सा तकनीशियन, डेयरी सलाहकार, शिक्षक / प्रोफेसर, अनुसंधान सहयोगी आदि।
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास एनिमल न्यूट्रिशन में मास्टर डिग्री या संबंधित क्षेत्र में एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट और गेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
• उम्मीदवार के पास कम से कम 1 साल का कार्य अनुभव होना चाहिए।
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
यदि उम्मीदवार पीएचडीएनिमल न्यूट्रिशन में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
बता दें कि पीएचडी इन एनिमल न्यूट्रिशन के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी-नेट फॉर जेआरएफ, सीएसआईआर- यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर एनिमल न्यूट्रिशन का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन: सिलेबस
- फ़ीड विश्लेषण और गुणवत्ता नियंत्रण
- फ़ीड तैयार करने और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी
- गैर-पारंपरिक फ़ीड का उपयोग
- एडवांस रूमिनेंट न्यूट्रिशन
- अप्लाइड केटर और भैंस पोषण
- अप्लाइड भेड़ और बकरी पोषण
- एडवांस नॉन रूमिनेंट न्यूट्रिशन
- एवियन पोषण
- स्वाइन पोषण
- इक्वाइन का पोषण
- कुत्ते और बिल्ली के समान पोषण
- प्रयोगशाला पशुओं का पोषण
- एम.वी. एससी थीसिस रिसर्च
- ऊर्जा और प्रोटीन चयापचय
- विटामिन और खनिज चयापचय
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर- फीस 2,81,102
- जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय, जूनागढ़- फीस 87,570
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली- फीस 28,750
- श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, तिरुपति- फीस 44,700
- पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशु प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बीकानेर- फीस 42,720
- तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 96,325
- केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय वायनाड, केरल- फीस 1,30,000
- कर्नाटक पशु चिकित्सा पशु और मत्स्य विश्वविद्यालय, बीदर- फीस 1,43,573
- असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट
- केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय त्रिशूर, केरल- फीस 1,30,900
पीएचडी एनिमल न्यूट्रिशन: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एनिमल डाइटिशियन- सैलरी 5 से 6 लाख तक
- एनिमल न्यूट्रिशनिस्ट- सैलरी 8 से 9 लाख तक
- वेटरिनेरी टेक्नीशियन- सैलरी 7 से 8 लाख तक
- डेयरी कंसल्टेंट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
- वेटरिनेरियन- सैलरी 6 से 7 लाख तक