डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स 2 से 3 साल तक की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी कृषि अर्थशास्त्र यानि कि एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स मूल रूप से एक डॉक्टरेट की डिग्री है जिसमें शिक्षार्थियों को कृषि नीतियों और व्यवसाय की महत्वपूर्ण सोच के साथ एकीकृत मात्रात्मक विश्लेषण से अवगत कराया जाता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 2 से 3 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 20,000 से 2,20,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 लाख से 3 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- रिसर्च इंवेस्टिगेटर, एग्रीकल्चर कंस्लटेंट, फार्मिंग मेनेजर, कोमॉडिटी एनालिस्ट आदि।
• जॉब फील्ड- गवर्मेंट सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर, कंस्लटिंग फर्म आदि।
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, ओयूएटी कॉमन एंट्रेंस एग्जाम, आईसीएआर आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स: सिलेबस
- फंडामेंटल्स ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस मैनेजमेंट
- माइक्रोइकॉनोमिक्स- 1
- एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन एंड रिसोर्स इकोनॉमिक्स- 1
- एग्रीकल्चरल मार्केटिंग
- एग्रीकल्चरल फाइनेंस 2
- रिसर्च मैथेड
- मेक्रोइकोनॉमिक्स 2
- एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन एंड रिसर्च इकोनॉमिक्स 4
- एग्रीकल्चरल प्राइस एनालिसिस
- क्वांटिटेटिव एनालिसिस फॉर मार्केटिंग एंड बिजनेस डिसिजन
- इंस्टीट्यूशनल एंड लीगल एनवायरमेंट फॉर एग्रीबिजनेस
- एग्रीकल्चरल प्रोजेक्ट एनालिसिस
- मेक्रो इकॉनोमिक्स-1
- एग्रीकल्चरल इकोनॉमेट्रिक्स- 1
- एग्रीक्ल्चरल प्रोडक्शन एंड रिसोर्स इकोनॉमिक्स-2
- इंटरनेशनल ट्रेड
- एग्रीकल्चरल डेवलेपमेंट एंड पॉलिसी एनालिसिस
- माइक्रोइकोनॉमिक्स- 2
- स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट फॉर एग्रीबिजनेस
- मैनेजमेंट ऑफ आर एंड डी इनोवेशन
- नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट एंड एनवायमेंटल इकोनॉमिक्स
- फंडामेंटल्स ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट
- एग्रीकल्चरल फाइनेंस- 1
- इकोनॉमिक डेवलेपमेंट
- एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन एंड रिसोर्स इकोनॉमिक्स- 3
- मार्केटिंग मैनेजमेंट
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान- फीस 65,050
- कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय- फीस 72,875
- जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय- फीस 1.29 लाख
- असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट- फीस 49,150
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय
पीएचडी इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एग्रीकल्चर कंस्लटेंट- सैलरी 5 लाख
- रिसर्च इंवेसटिगेटर- सैलरी 6.2 लाख
- फार्मिंग मैनेजर- सैलरी 9.44 लाख
- कॉमोडिटी एनालिस्ट- सैलरी 7.5 लाख