How to Help Your Child to Improve in Maths: क्या आपका बच्चा भी गणित में कमजोर है? क्या आपका बच्चा भी अक्सर यह कहता है कि उसे गणित समझ नहीं आती? यदि आपका बच्चा विषय को समझने के लिए संघर्ष कर रहा है, तो धैर्य और समझ के साथ समस्या का समाधान ढूंढें। आपके बच्चे को गणित सिखने में मदद करने के लिए यहां कुछ पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताया जा रहा है।
क्या आपका बच्चा भी गणित में कमजोर है? क्या आपका बच्चा भी अक्सर यह कहता है कि उसे गणित समझ नहीं आती? यदि आपका बच्चा विषय को समझने के लिए संघर्ष कर रहा है और उसमें सुधार नहीं कर रहा है, तो धैर्य और समझ के साथ समस्या का समाधान ढूंढें। आपके बच्चे को गणित सिखने में मदद करने के लिए यहां कुछ पेरेंटिंग टिप्स बताये जा रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आपके बच्चे को जिस भी विषय में रुचि ना हो उस विषय के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना अत्यावश्यक है। बच्चे के गणित कौशल में सुधार करना एक क्रमिक प्रक्रिया हो सकती है। आपके बच्चे को गणित में बेहतर समझ प्राप्त करने में मदद करने के लिए सबसे पहले आपको उसकी कमजोरियों को समझना होगा। याद रखें, हर बच्चा अपनी गति से सीखता है। गणित कौशल में सुधार की कुंजी लगातार अभ्यास, सकारात्मक सीखने का माहौल और माता-पिता और शिक्षकों का समर्थन है।
इस लेख में, हम आपके बच्चे को गणित में कठिनाइयों को दूर करने और भविष्य की सफलता के लिए एक मजबूत नींव बनाने में मदद करने के लिए प्रभावी पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताएंगे, लेकिन आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि गणित इतना मुश्किल क्यों होता है।
गणित इनता मुश्किल क्यों होता है
अक्सर गणित में कमजोर होने वाले बच्चों के मन में एक ही प्रश्न आता है कि गणित का विषय इतना मुश्किल क्यों होता है। वर्षों से गणित का ट्यूशन पढ़ा रहें सुब्रोतो सिन्हा कहते हैं कि गणित कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इसमें गहन सोच और तार्किक तर्क की आवश्यकता होती है। यह पिछली अवधारणाओं पर भी आधारित है, इसलिए यदि कोई गणित के एक पहलू से जूझता है, तो अधिक उन्नत विषयों को समझना मुश्किल हो सकता है। वे कहते हैं हालांकि, अभ्यास और बुनियादी बातों में ठोस आधार के साथ, कई बच्चे अपने गणित कौशल में सुधार कर सकते हैं।
How to Teach Math to Child in Hindi: निम्नलिखित टिप्स का उपयोग कर आप अपने बच्चे को गणित में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
गणित को मनोरंजक बनाएं:
आपने अक्सर किसी न किसी सोशल मीडिया पोस्ट में देखा होगा कि दुनिया भर के तमाम शिक्षक अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय आजमाते हैं। कई शिक्षकों का मानना है कि सीखने की प्रक्रिया अगर रोचक हो तो बच्चे की दिलचस्पी आ ही जाती है। अभिभावक गणित को मनोरंजक बनाने के लिए खेल, पहेलियाँ और गणित के विषय से संबंधित गतिविधियों का उपयोग कर सकते हैं। खाना पकाने, खरीदारी और बोर्ड गेम खेलने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों में गणित को शामिल करें।
गणित को मनोरंजक बनाना गणित कौशल और ज्ञान को बेहतर बनाने का एक सरल उपाय माना जाता है। ऐसे बहुत सारे मनोरंजक खेल हैं जिन्हें आप अपने बच्चे के साथ खेल सकते हैं जैसे डोमिनोज़, शतरंज, कार्ड और मेमोरी गेम आदि। इस तरह के खेल उनके गणित कौशल का परीक्षण करेंगे और उन्हें इसका एहसास भी नहीं होगा कि वे खेल-खेल में गणित सीख रहे हैं।
सकारात्मक दृष्टिकोण रखें:
सीखने की प्रक्रिया में सकारात्मक दृष्टिकोण की अपनी अलग भूमिका होती है। यूं तो गणित को बेहद मुश्किल विषयों की श्रेणी में गिना जाता है लेकिन अगर माता पिता सकारात्मक दृष्टिकोण से बच्चे को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें तो इससे लाभ अवश्य मिलेगा। विषय के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां करने से बचें और दैनिक जीवन में गणित के महत्व पर जोर दें। इसके साथ ही बच्चों को विषय को पढ़ने के बाद भविष्य की संभावनाओं को भी समझाएं।
अपने बच्चे के लिए छोटे लक्ष्य निर्धारित करें:
गणित के विषय को मुश्किल से सरल बनाने के लिए और अपने बच्चे के गणित में सुधार करने के लिए छोटे और आसानी से प्राप्त कर लेने वाले लक्ष्य निर्धारित करें। उनकी प्रगति और प्रयासों की सराहना करें, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों। इससे बच्चों का मनोबल बढ़ता है और किसी भी चीज को सीखने के प्रति उनका उत्साह भी बढ़ता है।
बुनियादी बातों पर पहले ध्यान दें:
गणित के विषय को समझने और सरल बनाने के लिए बुनियादी अवधारणाओं जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भागा आदि महत्वपूर्ण होती हैं। कभी कभी बच्चें इन्हीं बुनियादी सीख में कमजोर पाए जाते हैं जिसकी वजह से वे गणित के किसी भी प्रश्न को हल करने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए सबसे पहले जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसी बुनियादी गणित अवधारणाओं में एक मजबूत आधार सुनिश्चित करें। माता पिता होने के नाते पहले आप यह समझ लें कि उन्नत गणित सीखने के लिए बुनियादी अवधारणाओं में निपुणता आवश्यक है।
दृश्य सामग्री का उपयोग करें:
कहते हैं पढ़ी और रटी हुई चीजों की तुलना में हमें देखी हुई चीजें अधिक समय तक याद रहती हैं। गणित में भी यह अवधारणा सटीक बैठती है। गणित जैसे विषय को रट कर समझा नहीं जा सकता और ना ही पढ़ कर समझा जा सकता है। गणित विषय को समझने और प्रश्नों का हल करने के लिए दृश्य सामग्रियों का उपयोग करना शुरू करें। अभिभावक अपने बच्चों में गणित के विषय में रुचि बढ़ाने के लिए घर पर वस्तुओं की गिनती, अबेकस और रंगीन चार्ट जैसी दृश्य सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार से दृश्य सामग्री बच्चों को अमूर्त अवधारणाओं को अधिक आसानी से समझने में मदद कर सकती है।
नियमित अभ्यास करें:
वो कहते हैं न प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्स। अपने बच्चों में भी यही आत्मविश्वास जगायें कि मैथ्स प्रैक्टिस से ही परफेक्ट बनता है। नियमित गणित अभ्यास को प्रोत्साहित करें। अपने बच्चे को रोजाना नियमित रूप से गणित के प्रश्नों का हल करने के लिए प्रेरित करें। इससे उन्हें प्रश्नों और बुनियादी अवधारणाओं को समझने में मदद मिलेगी। गणित के विषय के लिए एक निर्दिष्ट समय आवंटित करें और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं तथा रोजाना गणित का अभ्यास करें।
वास्तविक जीवन में गणित का उपयोग:
अपने बच्चे को दिखाएं कि वास्तविक जीवन की स्थितियों में गणित का उपयोग कैसे किया जाता है। उदाहरण के लिए, खरीदारी करते समय, छूट की गणना करें और एक साथ बदलाव करें। इससे गणित विषय को सीखने के प्रति उनकी रुचि बढ़ेगी और उन्हें गणित सीखना सरल लगने लगेगा।
सीखने की प्रक्रिया में धैर्य रखें:
माता पिता होने के नाते आप खुद यह समझ सकते हैं कि सीखने की प्रक्रिया धीमी होती है और इसके लिए धैर्य रखना आवश्यक होता है। अपने बच्चे की प्रगति के लिए आप खुद भी धैर्य रखें और इस प्रक्रिया में उसका भरपुर साथ दें। कुछ बच्चों को कुछ अवधारणाओं को समझने में अधिक समय लग सकता है। उन पर दबाव डालने से बचें; इसके बजाय उनके प्रयासों का समर्थन करें और नियमित रूप से उन्हें प्रोत्साहित करें।
आवश्यक हो तो ट्यूशन और अतिरिक्त मदद लें:
घर पर तमाम कोशिशों के बावजूद यदि आपका बच्चे को अब भी गणित सीखने और समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो गणित के लिए ट्यूटर को नियुक्त करने या शिक्षकों या ऑनलाइन संसाधनों से अतिरिक्त मदद लेने पर विचार करें। इससे आपको और आपके बच्चे को मदद मिलेगी क्योंकि सीखने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से सीखाने के तरीकों पर निर्भर करती है। ट्यूटर या शिक्षकों की मदद से आपके बच्चे में ग्रोथ दिखने लगेगा।
ऑनलाइन पाठ्य सामग्रियों का उपयोग करें:
आज के टेक्नोलॉजी के जमाने में शायद ही ऐसी कोई चीज होगी जो कि ऑनलाइन उपलब्द्ध नहीं होगी। और यदि हम बात पाठ्य सामग्रियों की करें तो ऑनलाइन पाठ्य सामग्रियों की भरमार पड़ी है। ऐसे कई ऑनलाइन गणित सीखने के प्लेटफ़ॉर्म और ऐप्स हैं जो बच्चों को गणित सीखने में मदद करने के लिए इंटरैक्टिव पाठ, क्विज़ और गेम्स की पेशकश करते हैं। समय व्यर्थ न करें और अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए उनका दाखिला किसी ऑनलाइन क्लालेस में जल्द ही करवा दें।
प्रश्नों को समझने में मदद करें:
अपने बच्चे को गणित की उन अवधारणाओं के बारे में प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें जिन्हें वे चुनौतीपूर्ण मानते हैं। समस्याओं पर मिलकर चर्चा करें और समाधान करें। इससे उन्हें प्रश्नों को समझने में मदद मिलेगी।
गणित को अन्य विषयों से जोड़ें:
अपने बच्चे को गणित और विज्ञान, कला और संगीत जैसे अन्य विषयों के बीच संबंध देखने में मदद करें।
समस्या का समाधान करना सिखाएं:
समस्या-समाधान रणनीतियों और आलोचनात्मक सोच पर ध्यान दें। अपने बच्चे को जटिल समस्याओं को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करने के लिए प्रोत्साहित करें। इन टिप्स को अपना कर आप अपने बच्चे की गणित क्षमताओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकते हैं और सीखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
इसके अलावा आप निम्नलिखित तरीके अपने बच्चों को मैथ सिखाने में मदद कर सकते हैं-
- सबसे पहले अंकों को पहचानना सिखाएं
- बच्चे को गिनती करना सिखाएं
- गणित सीखने से पहले के लिए जोड़ना, घटाना, गुणा करना सिखाएं
- बच्चे को भागा देना सिखाएं
- गणित के फॉर्मूले याद रखने का आसान तरीका सिखाएं
- स्कूल में मैथ्स के लिए आयोजित की जाने वाली गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्सहित करें।