एमएस ऑप्थल्मोलॉजी में करियर (Career in MS Ophthalmology After Graduation)

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी दो साल का पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स है जो आंखों की एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बीमारियों के अध्ययन से संबंधित है। एमएस ऑप्थल्मोलॉजी में डिग्री करने वाले छात्र भारत समेत दुनिया के किसी भी देश में नौकरी कर सकते हैं। वे ऑप्थेलमोलॉजिस्ट, सिनियर रेसिडेंट/कंस्लटेंट- ऑप्थेलमोलॉजी, मेडिकल कंसल्टेंट/ विसिटिंग मेडिकल कंसलटेंट, लेकचरर/प्रोफेसर, क्लीनिकल डेटा एनालिस्ट और कई अन्य जॉब प्रोफाइल के रूप में नौकरी कर सकते हैं।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमएस ऑप्थल्मोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ये कोर्स किस लिए बनाया गया है, इसका सिलेबस क्या है। इसमें एडमिशन लेने के लिए क्या एलिजिबिलिटी होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और इस कोर्स को करने के लिए भारत के टॉप कॉलेज कौन से हैं।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी  में करियर

• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ सर्जरी इन ऑप्थल्मोलॉजी (एमएस ऑप्थल्मोलॉजी)
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रैजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- साइंस स्ट्रीम के साथ 12वीं कक्षा में और कुल 50+ अंकों के साथ एमबीबीएस में पास होना अनिवार्य है।
• एडमिशन प्रोसेस- मेरिट बेस्ड/ एंट्रेंस एग्जाम बेस्ड
• कोर्स फीस- 54,000 से 18,00,000 तक
• अवरेज सेलरी- सालाना 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- ऑप्थेलमोलॉजिस्ट, सिनियर रेसिडेंट/कंस्लटेंट- ऑप्थेलमोलॉजी, मेडिकल कंसल्टेंट/ विसिटिंग मेडिकल कंसलटेंट, लेकचरर/प्रोफेसर, क्लीनिकल डेटा एनालिस्ट, आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- सरकारी अस्पताल, प्राइवेट अस्पताल, चेरिटेबल अस्पताल, एनजीओ, क्लीनिक आदि।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी के लिए एलिजिबिलिटी

भारत में एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्रों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस में न्यूनतम कुल 45-50% अंक होना आवश्यक है। इस कोर्स को किसी भी उम्र के खुला है। लेकिन इमसें एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस

हालांकि, एमएस ऑप्थल्मोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस कॉलेज से कॉलेज में भिन्न होती है। इस कोर्स का आवेदन पत्र भरने के लिए उम्मीदवारों को ऑनलाइन पोर्टल/ऑफलाइन नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को दिशानिर्देशों और निर्दिष्ट विनिर्देशों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी: एडमिशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

• 12वीं का सर्टिफिकेट और मार्कशीट
• एंट्रेंस एग्जाम स्कोर शीट (यदि लागू हो)
• ग्रैजुएशन सर्टिफिकेट एंड मार्कशीट
• कॉलेज लिविंग सर्टिफिकेट
• माइग्रेशन सर्टिफिकेट
• प्रोविजनल सर्टिफिकेट
• पासपोर्ट आकार के 5 रंगीन फोटोग्राफ
• जाति / जनजाति प्रमाण पत्र (एससी / एसटी उम्मीदवार के लिए) / शारीरिक रूप से विकलांग प्रमाण पत्र।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी के लिए लोकप्रिय एंट्रेंस एग्जाम

मुख्य तौर पर एमएस ऑप्थल्मोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को नीट पीजी का एग्जाम देना होता है लेकिन उसके बावजूद कुछ यूनिवर्सिटी, संस्थान और राज्य ऐसे भी है जो एमएस ऑप्थल्मोलॉजी में प्रवेश के लिए अपनी स्वयं की परिक्षा आयोजित करते हैं। परीक्षाएं निम्न हैं:
• एम्स पीजी
• नीट पीजी
• जिपमर पीजी

भारत में टॉप 10 एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कॉलेज

भारत में विभिन्न प्रकार के कॉलेज हैं जो एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कोर्स प्रदान करते हैं। चूंकि यह विशेषज्ञता का एक रूप है, इसलिए इसके लिए थ्योरिटिकल व प्रैक्टिकल नॉलेज की आवश्यकता होती है जो उन्हें इस कोर्स पर गहन ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
• एम्स, नई दिल्ली
• कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, कर्नाटक
• आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज, महाराष्ट्र
• मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
• सरदार पटेल कॉलेज
• निम्स यूनिवर्सिटी
• गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज, अमृतसर
• श्री राम चंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च
• बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट
• एसआरएम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी का सिलेबस

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कोर्स दो साल का प्रोग्राम है जिसमें 4 सेमेस्टर होते हैं। इसमें ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप और इंट्राओकुलर सर्जरी या आंख की विट्रोरेटिनल सर्जरी का उपयोग करके सूक्ष्म माइक्रोसर्जरी शामिल है। इस कोर्स को मॉड्यूल के आधार पर, प्रत्येक कॉलेज के अपने विषय हो सकते हैं। जैसे कि
• ऑरबिटल और ओकुलर एनाटॉमी
• ग्रोस एनाटॉमी
• हिस्टोलॉजी
• ओकुलर फिजियोलॉजी
• ओकुलर पैथोलॉजी
• बायोकैमेस्ट्री

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी करने के बाद हायर स्टडीज का स्कोप

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी की डिग्री होने से करियर विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला खुल जाती है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आगे की पढ़ाई करना भी संभव है। जैसे कि
• डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन ऑप्थल्मोलॉजी
• मास्टर ऑफ साइंस इन ऑप्थल्मोलॉजी
• स्नातकोत्तर डिप्लोमा इन ऑप्थल्मोलॉजी
• पीएचडी इन ऑप्थल्मोलॉजी

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद सैलरी

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के शुरुआती सैलरी लगभग 15 लाख तक हो सकती है। जो कि छात्र के कौशल और अनुभव के बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है। मुख्यत सैलरी प्राइवेट या पब्लिक क्षेत्र और फर्म की लोकप्रियता के आधार पर भिन्न होता है।

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी के बाद करियर विकल्प

एमएस ऑप्थल्मोलॉजी में एक कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र पब्लिक और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं, जो उनकी पसंद के काम या उनके कौशल पर निर्भर करता है। प्राइवेट क्षेत्र में कुछ बेहतरीन एमएस ऑप्थल्मोलॉजी करियर विकल्प हैं:
• ऑप्थेलमोलॉजिस्ट
• सिनियर रेसिडेंट/कंस्लटेंट- ऑप्थेलमोलॉजी
• मेडिकल कंसल्टेंट/ विसिटिंग मेडिकल कंसलटेंट
• लेकचरर/प्रोफेसर
• क्लीनिकल डेटा एनालिस्ट, आदि।

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English summary
MS Ophthalmology is a two-year post-graduation course that deals with the study of anatomy, physiology and diseases of the eyes. There are many job opportunities available for graduates who play this role. Students doing degree in MS Ophthalmology can do job in any country of the world including India.
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